राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि अखिलेश यादव के नजरिए और सोच में ही खोट है. यही वजह है कि उनको सिर्फ सिक्के का एक ही पहलू दिखता है. वे अपराध की एक घटना को तिल का ताड़ बनाने का प्रयास करते हैं.
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव को वह तस्वीरें कभी नहीं दिखीं जिसमे अपराधी गले में तख्ती लटका कर आये दिन थाने में आत्म समर्पण करने जाते हैं. तख्ती पर लिखा होता है -" मैं अपराधी हूं" अखिलेश यादव को अपराध के आंकड़ों में आई कमीं भी नहीं दिखती और दिखेगी भी क्यों? उनके शासन काल की एक मात्र उपलब्धि ही अराजकता रही है. अखिलेश यादव और उनकी पार्टी के लोग ही ऐसे लोगों के रहनुमा रहे हैं.
कानून एवं व्यवस्था भाजपा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. जिन अपराधियों और माफियाओं को सपा ने पाला-पोसा था. उनकी करीब 16 अरब की चल-अचल संपत्तियां या तो जमींदोज हो गईं या जब्त कर ली गईं. करीब 150 अपराधी अब तक पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. 3,200 से अधिक अपराधी मुठभेड़ों में घायल हो चुके हैं. इनमें 12 जवानों की भी शहादत हुई. जनता ने सपा को कानून एवं व्यवस्था के मामले पर ही खारिज किया था. अखिलेश यादव को तो इस मामले पर बोलने का कोई नैतिक हक ही नहीं,पर सपा का नैतिकता से क्या सरोकार.
उल्लेखनीय है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट में सीतापुर के एक डॉक्टर की हत्या को लेकर प्रदेश सरकार की कानून एवं व्यवस्था पर तंज कसा था. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि सीतापुर के हरगांव क्षेत्र में एक डॉक्टर की हत्या और उनके पिता पर कातिलाना हमले की घटना से प्रदेश भयभीत है और अपराधी बेखौफ। उनके इसी ट्वीट के जवाब में राज्य सरकार के प्रवक्ता ने उन्हें जवाब दिया.
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