स्तुति सरदाना
आज युवाओं को ग्लैमर की चकाचौंध भरी दुनिया बहुत भाती है। सो वे ऐसे पाठ्यक्रमों को तलाशते हैं जिनसे वे इस दुनिया में प्रवेश करें और रोजगार भी रहे। हम यहां ऐसे ही कुछ पाठ्यक्रमों से परिचित करा रहे हैं
बदलते समय के साथ युवाओं का आकर्षण ग्लैमर क्षेत्र की ओर सबसे ज्यादा बढ़ रहा है। उन्हें बहुतायत में प्रसिद्धि और पैसा दोनों दे सकने वाले ट्रेंडिंग प्रोफेशन में फिल्म और टीवी, थिएटर, फैशन और मीडिया शामिल हैं। इन चारों क्षेत्रों में उनसे संबंधित शीर्ष कॉलेजों के साथ उनका विस्तृत विवरण दिया जा रहा है। अपनी स्थापना के समय से ही प्रीमियर रैंक पर बने रहने के कारण, ये संस्थान अब 'ब्रांड' बन गए हैं।
रंगमंच और नाट्य अध्ययन
एनएसडी- द नेशनल स्कूल आॅफ ड्रामा (एनएसडी) दुनिया के अग्रणी थिएटर प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है और भारत में अपनी तरह का अकेला है। इसे संगीत नाटक अकादमी द्वारा 1959 में अपनी एक घटक इकाई के रूप में स्थापित किया गया था। 1975 में, यह एक स्वतंत्र इकाई बन गया और 1860 के सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम क के तहत इसे संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से एक वित्तपोषित स्वायत्त संगठन के रूप में पंजीकृत किया गया।
पाठ्यक्रम
नाट्य कला
आधुनिक भारतीय नाटक
शास्त्रीय भारतीय नाटक और सौंदर्यशास्त्र
विश्व नाटक
स्वर एवं संभाषण
योग
हरकत
रंगमंच संगीत
अभिनय और सुधार
रंगमंच वास्तुकला
परिदृश्य डिजाइन और मंच प्रौद्योगिकी
पोशाक डिजाइन
मंच प्रकाश
उत्पादन प्रक्रिया
एपेसिएशन पाठ्यक्रम और कार्यशालाएं
प्रवेश प्रक्रिया
यहां दो चरणों की प्रक्रिया से चयन होता है। उम्मीदवार को प्रारंभिक परीक्षा में सम्मिलित होना होगा और यदि चयन होता है तो उसे अंतिम परीक्षा कार्यशाला में सम्मिलित होना होगा। स्कूल द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति उम्मीदवारों की योग्यता और प्रतिभा का आकलन करेगी और उसका निर्णय अंतिम होगा। स्कूल को थिएटर और संबद्ध कला में उम्मीदवारों के अपनी तरह से किए गए मूल्यांकन के आधार पर आॅडिशन / प्रारंभिक साक्षात्कार के लिए उम्मीदवारों की संख्या को शॉर्टलिस्ट करने का अधिकार है।
मुख्य परिसर स्थान
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय
बहावलपुर हाउस, भगवानदास रोड, नई दिल्ली – 110 001
फिल्म और टेलीविजन अध्ययन
एफटीआईआई- भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) की स्थापना भारत सरकार द्वारा 1960 में पुणे में तत्कालीन प्रभात स्टूडियो के परिसर में की गई थी। एफटीआईआई परिसर वर्तमान में तत्कालीन प्रभात स्टूडियो की जमीन पर ही स्थित है। प्रभात स्टूडियो फिल्म निर्माण के व्यवसाय में अग्रणी था और 1933 में कोल्हापुर से पुणे स्थानांतरित हो गया। उस समय के पुराने स्टूडियो, जो प्रभात की फिल्मों के निर्माण के आधार थे, अभी भी मौजूद हैं और एफटीआईआई में उपयोग किए जा रहे हैं। प्रभात के पुराने स्टूडियो अब विरासत संरचनाएं हैं और एफटीआईआई के छात्र दुनिया के सबसे पुराने कामकाजी फिल्म शूटिंग स्टूडियो में काम करना जारी रखे हुए हैं।
पाठ्यक्रम
फिल्म विंग
निर्देशन और पटकथा लेखन
फिल्म छायांकन
संपादन
फिल्म, टीवी और वेब शो के लिए चरित्र सृजन में बुनियादी पाठ्यक्रम (आॅनलाइन)
ध्वनि रिकॉर्डिंग और ध्वनि डिजाइन
कला निर्देशन और प्रोडक्शन डिजाइन
स्क्रीन अभिनय
स्क्रीन राइटिंग (फिल्म, टीवी और वेब सीरीज)
टीवी विंग
निर्देशन
इलेक्ट्रॉनिक फिल्म छायांकन
वीडियो संपादन
ध्वनि रिकॉर्डिंग और टेलीविजन इंजीनियरिंग
प्रवेश प्रक्रिया
प्रवेश प्रक्रिया में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईटी), और उसके बाद ओरिएंटेशन / साक्षात्कार का दौर शामिल है। छात्रों का चयन उनके जेईटी स्कोर, और ओरिएंटेशन और साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है। जेईटी में प्रदर्शन के आधार पर, चयन के अगले स्तर के लिए चुने गए उम्मीदवारों की सूची संस्थान की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। संस्थान शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को सीधे साक्षात्कार पत्र भेजेगा।
मुख्य परिसर स्थान
भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान
लॉ कॉलेज रोड, एरंडवाने
पुणे, महाराष्ट्र 411004
फैशन अध्ययन
निफ्ट- 1986 में स्थापित निफ्ट (नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ फैशन टेक्नोलॉजी) देश में फैशन शिक्षा का अग्रणी संस्थान है और कपड़ा एवं परिधान उद्योग को पेशेवर मानव संसाधन प्रदान करने में अग्रणी रहा है। इसे 2006 में भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा एक वैधानिक संस्थान बनाया गया था जिसमें भारत के राष्ट्रपति को 'विजिटर' बनाया गया और पूरे देश में इसके पूर्ण परिसर हैं। निफ्ट वर्षों से हथकरघा और हस्तशिल्प के डिजाइन विकास और पोजीशनिंग के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकारों के लिए एक ज्ञान सेवा प्रदाता के रूप में भी काम कर रहा है।
पाठ्यक्रम
फैशन डिजाइन
चमड़ा डिजाइन
एक्सेसरीज डिजाइन
कपड़ा डिजाइन
निटवियर डिजाइन
फैशन संचार
परिधान उत्पादन
प्रवेश प्रक्रिया
प्रवेश प्रक्रिया में राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित लिखित प्रवेश परीक्षा और उसके बाद साक्षात्कार और परामर्श का दौर शामिल है। छात्रों का चयन उनके प्रवेश परीक्षा स्कोर और समूह चर्चा और साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
मुख्य परिसर स्थान
राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान
हौजखास, गुलमोहर पार्क के पास
नई दिल्ली, भारत 110016
मीडिया और संचार
आईआईएमसी- संस्थान का संचालन सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम 1867 के तहत पंजीकृत एक स्वायत्त निकाय द आईआईएमसी (इंडियन इंस्टीट्यूट आॅफ मास कम्युनिकेशन) सोसाइटी करती है। इसका वित्तपोषण सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से भारत सरकार करती है। संस्थान का शासी निकाय कार्यकारी परिषद है, जिसकी अध्यक्षता चेयरमैन करता है और इसमें संस्थान के महानिदेशक, संकाय के प्रतिनिधि और प्रख्यात मीडियाकर्मी सदस्य होते हैं।
17 अगस्त, 1965 को उद्घाटित आईआईएमसी संचार को विकास के लिए अनिवार्य मानता है और विश्व स्तरीय शिक्षण, प्रशिक्षण और अनुसंधान उपलब्ध कराकर अत्यधिक स्पर्धी दुनिया में चुनौतियां उठाने के लिए विद्यार्थियों को तैयार करके समाज की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। आईआईएमसी प्रशिक्षण कार्यक्रम विकासशील देशों की जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए हैं और यही बात आईआईएमसी को इस देश और अन्य जगहों पर जनसंचार प्रशिक्षण के अन्य केंद्रों से अलग करती है।
पाठ्यक्रम
पत्रकारिता (अंग्रेजी)
पत्रकारिता (हिंदी)
पत्रकारिता (उर्दू, मराठी, मलयालम, ओडिया)
रेडियो और टेलीविजन पत्रकारिता
विज्ञापन और जनसंपर्क
विकास पत्रकारिता
प्रवेश प्रक्रिया
प्रवेश आॅनलाइन प्रवेश परीक्षा में उम्मीदवारों के प्रदर्शन के आधार पर होगा। प्रवेश परीक्षाओं के संबंध में विस्तृत निर्देश नियत समय पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा सीधे सूचित किए जाएंगे। उम्मीदवारों का चयन देश भर के विभिन्न केंद्रों पर कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) में उनके प्रदर्शन के आधार पर होगा।
मुख्य परिसर स्थान
भारतीय जनसंचार संस्थान
अरुणा आसफ अली मार्ग
नई दिल्ली- 110067
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