अपनी फौजी कमांडरों के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फाइल चित्र)
जिनपिंग को आशंका है कि अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद उइगर उपद्रवियों को एक सुरक्षित अड्डा मिल जाएगा और वे सिंक्यांग में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मचा सकते हैं
विस्तारवादी और पड़ोसी देशों को अपनी सैन्य दादागिरी की धमक दिखाने वाले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को सावधान कर दिया है कि किसी भी समय युद्ध के लिए वह तैयार रहे। उन्होंने उसे होशियार किया है कि अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत आने के बढ़ते आसार को देखते हुए सिंक्यांग में उपद्रवी व अलबाववादी उइगर गुटों से लड़ने को तैयार रहे। जिनपिंग ने कहा है कि इसके साथ ही चीन की सेना 2027 तक अमेरिकी फौज का मुकाबला करने के लिए भी खुद को तैयार करे।
जिनपिंग ने अपनी सेना के कमांडरों से यह भी कहा है कि कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादारी और मजबूत करें।
जिनपिंग पहले भी आशंका जता चुके हैं कि अफगानिस्तान में तालिबान राज आता है, जिसकी आज उन्हें काफी संभावनाएं दिखाई दे रही हैं, तो अफगानिस्तान से सटी सिंक्यांग सीमा पर जिहादी हरकतें बढ़ सकती हैं। और अपने तालिबानी आकाओं की शह पाकर सिंक्यांग में सक्रिय उइगर उपद्रवी व अलबाववादी गुट बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मचा सकते हैं। लिहाजा, उन्होंने अपनी सेना को सतर्क कर दिया है।
पीएलए से साफ कहा गया है कि वह देश की सीमा पर सशस्त्र लड़ाई तथा सुरक्षा बनाए रखने की तैयारी करे। जिनपिंग चीन की सेना पीएलए के शीर्ष कमांडर हैं इसलिए उनका यह कहना कि पीएलए के बड़े अधिकारी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति अपनी एकजुटता और मजबूत करें। जिनपिंग को 2027 तक चीनी सेना के अमेरिका की सेना से लोहा लेने की भी आशंका है इसलिए उन्होंने उसके प्रति भी फौजी कमांडरों को आगाह किया है।
चीनी राष्ट्रपति ने चीन के सेना दिवस की पूर्व संध्या पर 31 जुलाई को अपने भाषण में कहा कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी देश में सबसे शीर्ष पर है। चीन की सेना 2027 तक विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेना बनने के लिए गंभीर कदम उठाए। गत वर्ष भी जिनपिंग ने पार्टी के एक सम्मेलन में चीन की सेना को 2027 तक अमेरिका की तर्ज पर पूरी तरह आधुनिक बनाने की एक योजना को अंतिम रूप दिया था। उल्लेखनीय है कि अमेरिका 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अपनी सेनाओं की पूरी तरह से वापसी कर लेगा। इसे देखते हुए पिछले कुछ महीनों से चीन के सैन्य अधिकारी सावधान करते आ रहे हैं कि अमेरिका के अफगानिस्तान से वापस होने के बाद, तालिबान फिर से उभरकर सामने आने लगेगा। इससे इलाके में असंतुलन पैदा होगा।
अमेरिका 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से अपनी सेनाओं की पूरी तरह से वापसी कर लेगा। इसे देखते हुए पिछले कुछ महीनों से चीन के सैन्य अधिकारी सावधान करते आ रहे हैं कि अमेरिका के अफगानिस्तान से वापस होने के बाद, तालिबान फिर से उभरकर सामने आने लगेगा। इससे इलाके में असंतुलन पैदा होगा। अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के बाद उइगर मुस्लिमों को वहां एक सुरक्षित ठिकाना मिल गया है।
जिनपिंग और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने गत सप्ताह यह भी कहा था कि अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के बाद उइगर मुस्लिमों को वहां एक सुरक्षित ठिकाना मिल गया है। वे मुस्लिम चीन के सिंक्यांग में कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं को निशाने पर ले सकते हैं।
चीनी सत्ता के कब्जे वाली समाचार एजेंसी शिन्हुआ का कहना है कि जिनपिंग ने चीनी सेना के 94वें स्थापना दिवस से पहले 31 जुलाई को एक बैठक हुई थी। इसी बैठक में जिनपिंग ने सेना को लेकर अपना मत व्यक्त किया था।
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