सुनील राय
गत चार वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को रिकॉर्ड 6 लाख 80 हजार 708 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है. किसानों के हित में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों और अन्य मदों में दी गई धनराशि को यदि जोड़ लिया जाए, तो यह राशि 10 लाख करोड़ रूपये तक पहुंच सकती है.
प्रदेश में 3.77 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचाई क्षमता में बढ़ोत्तरी की गई है और 46 वर्षों से लंबित बाण सागर परियोजना को पूरा किया गया है. ऐसे ही दशकों से अटकी सरयू नहर परियोजना से जल्द किसानों के खेतों में पानी पहुंचने वाला है. प्रदेश में पहली बार 433.86 लाख मीट्रिक टन से अधिक अनाज की सरकारी खरीद की गई और 78,23,357 किसानों को 78 हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया गया है. इसके अलावा किसानों को 3 लाख 92 हजार करोड़ रुपए का फसली ऋण का भुगतान किया गया और 36 हजार करोड़ रुपए से 86 लाख किसानों का ऋण माफ किया गया.
केंद्र सरकार की ओर से संचालित प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 2.48 करोड़ किसानों को 32,500 करोड़ रुपए दिए गए. बीमा योजना में पहली बार बंटाईदारों को शामिल किया गया. इसके अंतर्गत किसान को अधिकतम पांच लाख रुपए तक की बीमा सुरक्षा मिलती है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से दो करोड़ से अधिक किसान जुड़े हैं और इस योजना से 25 लाख 60 हजार से अधिक किसानों को 2,208 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति दी गई है.
कोरोना महामारी में खेती किसानी से जुड़ी हर गतिविधियों को अनुमति दी गई, ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो. पिछली सरकारों में चीनी मिलें बंद हो रही थीं और गन्ना किसानों का बकाया प्रति वर्ष बढ़ रहा था, लेकिन सीएम योगी ने रमाला, पिपराइच, मुण्डेरवा चीनी मिलों सहित 20 चीनी मिलों का आधुनिकीकरण और विस्तार कराया. इसके साथ ही प्रदेश के इतिहास में पहली बार 45 लाख गन्ना किसानों को एक लाख 40 हजार करोड़ से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया.
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