पाक अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी जब हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बलूचिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
पाक अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी जब हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बलूचिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है। खबरों के मुताबिक स्थिति यह थी कि कई मतदान केंद्रों पर एक भी मतदाता नहीं आया। डॉन समाचार पत्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीओजेके विधानसभा चुनाव में इमरान खान की पीटीआई 25 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन 45 विधानसभा सीटों में चुनाव हुआ था, उनमें से 33 पीओजेके निवासियों के लिए और 12 पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में बसे शरणार्थियों के लिए थीं।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक सात जिलों में मतदान केंद्र बनाए गए थे, लेकिन कश्मीरी मतदाता केवल क्वेटा और सिबी में ही पहुंचे थे। इसके अलावा नसीराबाद, केच, मस्तुंग, बरखान और किला सैफुल्ला के मतदान केंद्रों पर एक भी कश्मीरी शरणार्थी मतदाता नहीं आया था। हालांकि मतदानकर्मी अंत तक मतदान केंद्रों पर डटे रहे थे। वहीं चुनाव परिणाम आने के बाद से ही लगातार कई शहरों में चुनाव और इमरान खान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है, कई जगहों पर हिंसा भी जारी है। लोगों का कहना है कि यह चुनाव उनकी मर्जी के खिलाफ हुआ है।
उल्लेखनीय है कि कश्मीरी शरणार्थियों का मतदान नहीं करना दिखाता है कि वे सभी लोग पाकिस्तानी सरकार से आजादी चाहते हैं। चुनाव के बाद से लगातार पाक अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में हिंसा और पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है।
टिप्पणियाँ