मजहबी उन्मादी तत्वों के चंगुल से मुक्त हुई रीना बादिन पुलिस कार्यालय में अपने पिता (बाएं) के साथ
एक मजहबी उन्मादी की कैद में रीना ने किसी तरह अपना वीडियो सोशल मीडिया पर डाला, वह वायरल हुआ और पुलिस हरकत में आई
पाकिस्तान के सिंध से आई एक खबर के अनुसार, गत फरवरी में अगवा हुई एक हिन्दू लड़की का जबरन निकाह किया गया, इसके बाद इंसाफ की गुहार लगाते हुए सोशल मीडिया पर जबरदस्त अभियान चला। नतीजा यह हुआ कि आज वह अपने घर वापस लौट आई है।
उस हिन्दू लड़की, रीना मेघवार का फर्जी कागजों के आधार पर जबरन निकाह करा दिया गया था। लेकिन बाद में घटनाक्रमों ने प्रशासन पर ऐसा दबाव बनाया कि मामले पर कार्रवाई होती गई और अदालत के आदेश पर उसे उसके परिवार के पास वापस पहुंचाना पड़ा।
इसे बाद रानी को न्याय दिलाने की मांग जोर पकड़ती गई। एक के बाद एक न्याय की मांग करते वीडियो पोस्ट होने लगे। सिंध सूबे की सरकार तक उन वीडियो का संदेश पहुंचा। उसने पुलिस को इस मामले की जांच करने को कहा। इस आदेश के बाद बादिन के वरिष्ठ आरक्षी अधीक्षक शब्बीर अहमद ने पुलिस की टीम बनाई और जांच शुरू की। रीना की तलाश करती पुलिस को वह काशखेली के एक घर में मिली। उसे वहां से बाहर निकाला गया।
26 जुलाई को पुलिस ने रीना को वहां की एक अदालत में प्रस्तुत किया। रीना ने जज को बताया कि उसने इस्लाम मजहब कबूल नहीं किया है, बल्कि उसका जबरन निकाह करने की गरज से कन्वर्जन के फर्जी कागज बनाए गए थे। रीना की पूरी बात सुनकर जज ने पुलिस को काशखेली के विरुद्ध केस दर्ज करने का आदेश दिया। जज ने स्पष्ट कहा कि पीड़ित रीना को उसके मां-पिता को सौंपा जाए।
इस तरह सोशल मीडिया की बदौलत एक हिन्दू लड़की की जान बच पाई और वह मजहबी कट्टरवादियों के चंगुल से आजाद हुई। लेकिन हर हिन्दू लड़की रीना जितनी किस्मत वाली नहीं होती, सिंध के देहाती इलाकों में आएदिन इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन पीड़ित हिन्दू परिवारों या कई मामलों में ईसाई परिवारों के पुलिस में केस तक दर्ज नहीं हो पाते।
पुलिस ने रीना को वहां की एक अदालत में प्रस्तुत किया। रीना ने जज को बताया कि उसने इस्लाम मजहब कबूल नहीं किया है, बल्कि उसका जबरन निकाह करने की गरज से कन्वर्जन के फर्जी कागज बनाए गए थे। रीना की पूरी बात सुनकर जज ने पुलिस को काशखेली के विरुद्ध केस दर्ज करने का आदेश दिया। जज ने स्पष्ट कहा कि पीड़ित रीना को उसके मां-पिता को सौंपा जाए।
टिप्पणियाँ