कोरोना की विभीषिका में अनाथ हुए बच्चों के पालन – पोषण के लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पहली तिमाही के 12 हजार रूपये 4,050 निराश्रित बच्चों के बैंक खातों में डिजिटली ट्रांसफर किया. इसके साथ ही पात्र बच्चों को टैबलेट अथवा लैपटॉप प्रदान किया गया.
राज्यपाल ने अनाथ बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए व्यापक जनसहभागिता का भी आह्वान किया. उन्होंने बताया कि “एक बार वह अपनी बेटी और दामाद के साथ वह द्वारिकाधीश मंदिर दर्शन करने गईं तो रास्ते में एक जलपान गृह पर एक पांच साल का बच्चा काम करता हुआ दिखा. लोगों से पूछा तो पता चला कि चंद रोज पहले कोई छोड़ गया. राज्यपाल और उनकी बेटी ने उस बच्चे को गोद लिया, परिवार के सदस्य के रूप में पाला और आज वह बच्चा गुजरात राज्य के शीर्ष 10 फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक है.”
सीएम योगी ने कहा कि ‘विगत 16-17 माह से पूरी दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है. सदी की इस सबसे बड़ी महामारी के दौरान हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन मिला और भारत इस विभीषिका का सफलतापूर्वक सामना कर पा रहा है. बावजूद इसके, बहुत से लोगों को अपने प्रियजनों को खोना पड़ा है. कोविड से हुई हर एक मृत्यु के प्रति शोक संवेदना जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी में बड़ी से बड़ी ताकतों की स्थिति भी खराब रही. अमेरिका जैसी ताकत का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर भी किसी काम का नहीं रहा लेकिन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हर वर्ग ने एकजुट होकर कोशिश की, जिससे भारत की स्थिति अन्य देशों के सापेक्ष बेहतर है.
उन्होंने कहा कि प्रदेशव्यापी सर्वेक्षण में मार्च 2020 से अब तक 240 ऐसे बच्चे चिन्हित हुए हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता (दोनों) अथवा विधिक अभिभावक को खो दिया है, जबकि 3,810 ऐसे बच्चे हैं, जिनके माता, पिता अथवा विधिक अभिभावक का कोविड के कारण निधन हो गया. इन बच्चों की जिम्मेदारी सरकार ने ली है. अभी इन 4,050 बच्चों को 4 हजार रूपये मासिक भरण-पोषण के रूप में तीन माह की राशि एकमुश्त दी जा रही है. यही नहीं, 18 वर्ष की आयु से कम के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, उनके लिए भी प्रबंध किए गए हैं. स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को टैबलेट अथवा लैपटॉप दिया जाएगा तो बालिकाओं की शादी के लिए राज्य सरकार द्वारा 1,01,000 की राशि दी जाएगी.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम योगी ने अलग-अलग जिलों से आए युवराज गुप्ता, अनुष्का अवस्थी, मो.अतीक, उन्नति, देविना साहू, यशिका, जसकीरत सिंह सहित 10 बच्चों को बैग, स्टेशनरी, चॉकलेट बॉक्स और पात्र बच्चों को टैबलेट प्रदान किया.
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना: एक नजर में—–
1- बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को 4 हजार रूपये प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
2- अठारह वर्ष की आयु से कम के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों को प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में देखभाल की जाएगी. मथुरा, लखनऊ प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर में राजकीय बाल गृह (शिशु) संचालित हैं.
3- अवयस्क बालिकाओं की देखभाल सुनिश्चित की जाएगी. इन्हें भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) में अथवा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) में रखा जाएगा. जहां इनकी देखभाल और शिक्षा-दीक्षा के प्रबंध होंगे. वर्तमान में प्रदेश में 13 ऐसे बाल गृह संचालित हैं. इसके अलावा, सुविधानुसार इन्हें प्रदेश में स्थापित किए जा रहे 18 अटल आवासीय विद्यालयों में रखकर उनकी देखभाल की जाएगी.
4- बालिकाओं के विवाह की समुचित व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार बालिकाओं की शादी हेतु रुपये 1,01,000 की राशि उपलब्ध कराएगी.
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