चीनी वैक्सीन लगाने वाले इंडोनेशिया में महामारी का प्रकोप बढ़ा
इंडोनेशिया में डेल्टा वैरिएंट तबाही मचा रहा है। वहां तेजी से यह वायरस फैल रहा है। पहले यह जावा तक सीमित था, लेकिन अब देश के कई जिलों को अपनी चपेट में ले रहा है। देश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इसी बीच, डब्ल्यूएचओ ने तीसरी लहर आने की घोषणा कर दी है।
चीन की कोरोनारोधी वैक्सीन सिनोवैक लगवाने के बाद इंडोनेशिया में कोरोना का प्रकोप थमने की बजाए बढ़ने लगा है। आलम यह है कि बड़ी संख्या में इंडोनेशिया के कोविड केंद्रों में सेवाएं दे रहे डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों की मौतें हो रही हैं। एशिया में सबसे खराब स्थिति इसी देश की है। यहां डेल्टा वैरिएंट तबाही मचा रहा है। सिर्फ इंडोनेशिया ही नहीं बल्कि चीन की वैक्सीन पर निर्भर मंगोलिया, सेशेल्स और बहरीन जैसे अन्य देशों में भी कोरोना संक्रमण एक बार फिर फैल रहा है। यूरोपीय देशों की भी स्थिति खराब है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी तीसरी लहर आने की घोषणा कर दी है।
इंडोनेशिया एशिया में कोरोना का नया गढ़ बन गया है। इंडोनेशिया में अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि डेल्टा वेरिएंट अब जावा की घनी की आबादी से निकलकर अन्य इलाकों में बहुत तेजी से फैल रहा है। इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्री बूदी सादिकिन ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट के प्रकोप की वजह से कई प्रांतों में कोरोना संक्रमण के मामले बहुत ज्यादा हैं। डेल्टा वेरिएंट अभी जावा तक सीमित है लेकिन अब हम इसके मामले लामपुंग, पूर्वी कालीमांतन, दक्षिणी सुमात्रा जैसे अन्य इलाकों में भी फैल रहे हैं। हमने इन इलाकों में अपनी निगरानी बढ़ा दी है।' इंडोनेशिया में कोरोना महामारी के बीच इन दिनों ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है। ऑक्सीजन के लिए लंबी-लंबी लाइन लग रही है। लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। हालात इतने खराब हैं कि ऑक्सीजन की आस में लोगों की घरों में ही मौत हो जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द हालात काबू में नहीं आए तो देश की स्वास्थ्य व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है। यदि समय रहते कोरोना के मामलों को कण्ट्रोल नहीं किया गया तो स्थिति भयावह हो सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया में 1-17 जुलाई के बीच महामारी से 114 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। महामारी की शुरुआत के बाद से यहां अब तक कुल 545 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। यह हाल तब है दुनिया के चौथे सबसे अधिक आबादी वाले देश इंडोनेशिया में 95 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण हो चुका है। मौतों के मामले में ब्राजील के बाद इंडोनेशिया दूसरे स्थान पर है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इंडोनेशिया को महामारी का नया केंद्र बता रहे हैं। इंडोनेशिया में रविवार को कोरोना वायरस के 44,721 नए मामले सामने आए जबकि 1,093 लोगों की मौत हो गई। इंडोनेशियाई सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को थामने के लिए तीन जुलाई को सख्त प्रतिबंध लगाए थे। ये पाबंदियां मंगलवार को खत्म हो रही हैं, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इन्हें बढ़ाया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इस समय इंडोनेशिया एशिया में कोरोना का एपिक सेंटर बना हुआ है। करीब 27 करोड़ आबादी वाले इंडोनेशिया में रोजाना 50,000 से अधिक मामले आ रहे हैं।
यूरोप और अमेरिका में बिगड़ रहे हालात
यूरोप में कोरोना का बीटा वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। इसका पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था। लेकिन अब यह फ्रांस सहित कई देशों में तेजी से फैल रहा है। ब्रिटेन में तो कोरोना का संक्रमण अभी थमा ही नहीं है। यहां रोजाना 50 हजार से अधिक मामले आ रहे हैं। इसके बावजूद 19 जुलाई से अधिकांश पाबंदियां हटाई जा रही हैं। वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। ब्रिटेन के 87.8 प्रतिशत वयस्क वैक्सीन की एक खुराक और 67.8 प्रतिशत वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके हैं। यूरोपीय देश स्पेन में भी कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है। थाईलैंड में भी बढ़ते संक्रमण के कारण लॉकडाउन बढ़ाया गया है। ब्राजील में रोजाना 34 हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी और विक्टोरिया में मरीजों की संख्या में कमी आई है, इन दोनों ही राज्यों में अभी लाकडाउन जारी है। उधर, अमेरिका के 50 राज्यों में से 19 की स्थिति खराब है। इन राज्यों में बीते एक माह में संक्रमण के मामलों में 350 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दक्षिणी कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स में तो वैक्सीन की दोनों खुराकें लेने के बावजूद घर के अंदर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। अमेरिका में रोजाना 30,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। रूस इस समय कोरोना महामारी से दुनिया का पांचवां सबसे प्रभावित देश है। पिछले कुछ हफ्तों में यहां पर डेल्टा वैरिएंट की वजह से नए संक्रमण देखने को मिले हैं।
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