सुनील राय
आगरा के निवासी आशीष पाठक कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जनता दर्शन में मिलने आये थे. उन्होंने एक निजी अस्पताल की शिकायत थी. कोरोना की दूसरी लहर में आशीष पाठक जब अपनी वृद्ध माँ का इलाज कराने अस्पताल गए तो उनसे मनमानी रकम वसूली गई थी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने त्वरित संज्ञान लिया. जिलाधिकारी आगरा ने जांच कराने के बाद निजी अस्पताल के खिलाफ कठोर कार्रवाई की. शिकायतकर्ता से वसूली गई मनमानी रकम को वापस कराया गया.Follow Us on Telegram
आगरा के मौरई गांव के खन्दौली के निवासी आशीष पाठक ने अपनी मां को निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. 23 अप्रैल 2021 से 11 मई 2021 तक 17 दिनों तक चले इलाज में अनावश्यक धनराशि वसूली गई. शिकायतकर्ता आशीष के अनुसार, उनकी मां वेंटीलेटर पर नहीं रही फिर भी 6 दिन का लेवल तीन वेंटीलेटर चार्ज 1, 50, 000 रुपये जमा कराया गया. आईसीयू का चार्ज 20 हजार प्रतिदिन के हिसाब से 6 दिन का जोड़ते हुए 1 लाख 20 हजार रुपये वसूल किया. यही नहीं जनरल वार्ड का चार्ज 18 दिन के हिसाब से 90 हजार रुपये और डॉक्टर का विजिटिंग चार्ज 2 हजार प्रतिदिन के हिसाब से 8 दिन का 16 हजार रुपये वसूल किया जबकि डाक्टर सिर्फ एक दिन विजिट पर आए थे. दवाएं भी बाजार मूल्य से डेढ़ गुना महंगे दामों पर दी गई थीं जिनका बिल लगभग 1 लाख 49 हजार उससे वसूला गया. इतना ही नहीं अस्पताल में डॉक्टर का खर्चा दो हजार प्रतिदिन के हिसाब से 34 हजार और आरएमओ चार्ज एक हजार रूपये प्रतिदिन के हिसाब से 17 हजार रूपये वसूल किया गया.
अनावश्यक रकम दे पाने में असमर्थ आशीष ने सीएमओ के माध्यम से राज्य सरकार से इसकी शिकायत की. उसके बाद सरकार के निर्देश पर जिलाधिकारी आगरा ने जांच कराई. जांच में निजी अस्पताल को दोषी पाया गया. आशीष को न्याय दिलाते हुए धनराशि निजी अस्पताल से वापस कराई गई. गौरतलब है कि सीएम योगी ने कोविड 19 के दौरान मनमानी वसूली करने वाले निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिये थे. जिसके बाद से अब तक कोविड 19 के इलाज के दौरान मरीजों के तीमारदारों से जबरन अनावश्यक वसूली करने वाले कई निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है.
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