दुनियाभर में कोरोना वायरस के अलग-अलग वैरिएंट ने सरकारों की चिंता बढ़ा दी है। दुनिया में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे है। अल्फा, बीटा, डेल्टा, लैम्ब्डा समेत कोरोना के अन्य वैरिएंट वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। इस बीच, भारत में एक ऐसी 'वार्म वैक्सीन' विकसित की गई है जो कोरोना वायरस के सभी प्रमुख वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी बताई गई है।
बायोटेक फर्म माइनवैक्स के साथ संयुक्त रूप से काम कर रहे भारतीय विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों ने 'वार्म' वैक्सीन फॉर्मूलेशन का निर्माण किया है। बताया जा रहा है कि यह वार्म वैक्सीन कोरोना के सभी प्रमुख वैरिएंट पर प्रभावी है।
अभी तक हुए अध्ययन के अनुसार बेंगलुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान द्वारा विकसित एक गर्म-सहनशील कोरोना वैक्सीन फॉर्मूलेशन, कोरोना के सभी चिंताजनक वैरिएंट(जैसे- अल्फा, बीटा, कप्पा, डेल्टा) के खिलाफ प्रभावी है। एसीएस इंफेक्शियस डिजीज जर्नल में गुरुवार को प्रकाशित इस शोध से पता चला है कि आईआईएससी-इनक्यूबेटेड बायोटेक स्टार्ट-अप मायनवैक्स(Mynvax) द्वारा वैक्सीन फॉर्मूला ने चूहों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित की है।
यह खोज कोरोना वैक्सीन के लिहाज से मील का पत्थर साबित हो सकता है। आपको बता दें कि इस खोज को प्रोफेसर राघवन वरदराजन के नेतृत्व में किया गया था।
इसलिए दिया गया है वार्म वैक्सीन नाम
दरअसल, यह फॉर्मूलेशन 37 डिग्री सेंटीग्रेड पर एक महीने तक स्थायी रह सकता है और 100 डिग्री सेंटीग्रेड पर 90 मिनट तक। इसके इस फॉर्मूलेशन को वार्म वैक्सीन का नाम दिया गया है। आपको बता दें कि अब तक किसी वैक्सीन को देश के किसी भी हिस्से में वैक्सीन को पहुंचाने के लिए कोल्ड चेन का निर्माण करना पड़ता है। उसी के माध्यम से एक से दूसरे राज्य या शहरों तक इसे पहुंचाया जा रहा है। यही कारण है कि लोगों तक वैक्सीन पहुंचने में देर लगी है। ऐसे में वार्म वैक्सीन का फॉर्मूलेशन बनाने से इसमें काफी तेजी आएगी।
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