उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में आर्थिक गतिविधियों को छूट दी गई थी. पूर्ण लॉकडाउन करने के बजाय आंशिक कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया था. इसमें उद्योग धंधे एवं खेती-किसानी से जुड़े कार्यों पर प्रगति पर थे. यही वजह है कि कोरोना काल में भी बैंकिंग कारोबार में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है.
उत्तर प्रदेश में आंशिक कोरोना कर्फ्यू की वजह से चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 97,002 करोड़ रुपए की वृद्धि हुई है, जिससे प्रदेश का कुल व्यवसाय 19.37 लाख हजार करोड़ रुपए पर पहुंच गया है. कोरोना काल में विभिन्न सरकारी योजनाओं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम और मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना आदि में लक्ष्यों से अधिक उपलब्धि हुई है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 99 फीसदी की उपलब्धि हासिल करते हुए 47.38 लाख इकाइयों को 27,875 करोड़ रुपए का लोन दिया गया है.
कोरोना महामारी के बाद भी चालू वित्तीय वर्ष के लिए वार्षिक ऋण योजना के अंतर्गत आवंटित लक्ष्य में 80 फीसदी की उपलब्धि हुई है. इसमें आवंटित लक्ष्य 2,46,751 करोड़ रूपये के सापेक्ष 1,96,932 करोड़ रुपए का लोन दिया गया है. सीएम योगी ने गत 23 जून को ई-स्वरोजगार संगम कार्यक्रम के माध्यम से 31,542 नई एमएसएमई इकाइयों को 2,505 करोड़ रुपए का लोन दिया. प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर के अंतर्गत आवंटित लक्ष्य 61,759 करोड़ रुपए के सापेक्ष 73,765 करोड़ रुपए का लोन दिया. इसमें 120 फीसदी की उपलब्धि हुई है.
डिजिटल लेनदेन में 106 फीसदी की बढ़ोतरी
प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू के कारण बड़ी संख्या में डिजिटल लेनदेन किया गया. इस वजह से प्रदेश में मार्च 2021 के अंत तक कुल डिजिटल लेनदेन 391 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया. यह मार्च 2020 के 189 करोड़ रूपये के स्तर की तुलना में 202 करोड़ रूपये अधिक है. इस प्रकार 106 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. प्रदेश में डिजिटलीकरण के लिए चिह्नित सिद्धार्थनगर और फिरोजाबाद को शत प्रतिशत डिजिटल किया जा चुका है.
Follow Us on Telegram
टिप्पणियाँ