आज़मगढ़ जनपद में छड़ेखानी के विवाद में मारपीट हुई. मौके पर पुलिस पहुंची. उसके बाद अभियुक्त मुन्ना पासवान ने दोनों सिपाहियों पर हमला कराया. पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अपने घर की महिला से बयान दिलवाया कि दलित होने के कारण पुलिस ने उसके साथ अत्याचार किया.
आजमगढ़ जनपद के रौनापार थाना अंतर्गत प्रधानपति मुन्ना पासवान एवं उसके अन्य साथी आती – जाती लड़कियों के साथ छेड़खानी कर रहे थे. जब मौके पर मौजूद लिट्टन विश्वास नाम के व्यक्ति ने इसका वीडियो बनाने का प्रयास किया. तब दोनों में मारपीट हो गई. उसके बाद मौके पर पहुंचे दो सिपाहियों पर मुन्ना पासवान और उसके समर्थकों ने हमला कर दिया. एक सिपाही के सिर में चोट आई. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए अभियुक्त मुन्ना पासवान पेशबंदी कर रहा है. उसने अपने घर की महिला से बयान दिलवाया कि पुलिस के एक क्षेत्राधिकारी ने महिला के साथ अभद्रता की. जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करके अपमान किया और उनकी सोने की चेन छीन लिया और मारपीट भी की. महिला द्वारा दिए गए बयान के वीडियो को तेजी से वायरल किया गया.
रौनापार थाना क्षेत्र मंगरी बाजार में गत मंगलवार को लिट्टन विश्वास और पलिया गांव के कुछ लोगों के बीच विवाद शुरू हो गया. कुछ लोगों का कहना है कि किसी लड़की से बात करने को लेकर विवाद शुरू हुआ था. उसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई. आज़मगढ़ जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, सुधीर कुमार सिंह का कहना है “मुन्ना पासवान लड़कियों से छेड़खानी कर रहा था.” मौके पर मारपीट की सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी. विवाद सुलझाने पुलिस के सिपाही विवेक त्रिपाठी और मुखराम यादव मौके पर पहुंचे. तब इस विवाद में प्रधान पति मुन्ना पासवान की भूमिका गड़बड़ दिखाई दी. इस पर दोनों सिपाहियों ने मुन्ना पासवान को दो झापड़ मार दिया. इसके बाद प्रधान पति मुन्ना पासवान के समर्थकों ने सिपाहियों पर हमला कर दिया. सिपाही विवेक त्रिपाठी के सिर में गंभीर चोट आई. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इस घटना के बाद मुन्ना पासवान और मारपीट के आरोपी घर छोड़ कर फरार हो गए.
हालांकि पुलिस का कहना है कि किसी का घर नहीं गिराया गया मगर मारपीट की घटना के बाद अभियुक्त मुन्ना पासवान, स्वतंत्र पासवान, राजपति और बृजभान पासवान सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों के घरों को जेसीबी लगाकर आंशिक रूप से तोड़ा गया. पुलिस के अनुसार, अभियुक्तों ने दबाव बनाने के लिए खुद से ही अपने घरों को क्षतिग्रस्त कराया है.
सिपाही मुखराम यादव की तहरीर पर 28 नामजद समेत 143 अभियुक्तों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद थाना प्रभारी रौनापार तारकेश्वर राय को पुलिस लाइन भेज दिया गया है.
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