भारत ने कहा था कि अगर यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने अगर कोविशील्ड और कोवैक्सिन को स्वीकृति नहीं दी तो वह भी यूरोपीय संघ के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र को मान्यता नहीं देगा। साथ ही, यूरोपीय नागरिकों के लिए 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन को अनिवार्य करेगा।
'ग्रीन पास' योजना को लेकर भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच गतिरोध खत्म होता दिख रहा है। भारत सरकार की चेतावनी के बाद यूरोपीय संघ के आठ देशों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोविशील्ड को अपने यहां मंजूरी दे दी है। इनमें जर्मनी, स्लोवानिया, ऑस्ट्रिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड,स्पेन और स्विटजरलैंड शामिल हैं। इन देशों ने अपने यहां स्वीकृत कोरोना वैक्सीन की सूची में कोविशील्ड को शामिल करने की पुष्टि की है। अब कोविशील्ड लगाने वाले भारतीय इन देशों की यात्रा कर सकेंगे।
एक दिन पहले ही भारत ने कहा था कि अगर यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने अगर कोविशील्ड और कोवैक्सिन को स्वीकृति नहीं दी तो वह भी यूरोपीय संघ के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र को मान्यता नहीं देगा। साथ ही, यूरोपीय नागरिकों के लिए 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन को अनिवार्य कर देगा।इसी चेतावनी पर यूरोपीय देशों ने यह कदम उठाया है। भारत ने फ्रांस से भी अपने दोनों वैक्सीन को मान्यता देने का अनुरोध किया था। एस्टोनिया ने कहा है कि वह भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सभी टीकों को अपनी स्वीकृति देगा।
बता दें कि 1 जुलाई से यूरोपीय संघ के देशों की यात्रा करने के लिए 'ग्रीन पास' को अनिवार्य किया गया है। ‘ग्रीन पास’ उन्हीं लोगों को जारी किया जाएगा, जिन्होंने यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए) द्वारा स्वीकृत टीके लगवाए हैं। ईएमए ने चार कोरोनारोधी टीकों को मान्यता दी है, जिनमें मॉडर्ना, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सजेवरिया, बायोएनटेक-फाइजर की कॉमिरनटी तथा जॉनसन एंड जॉनसन की जॉनसेन शामिल हैं। अब कोविशील्ड को भी इस सूची में शामिल कर लिया गया है। ये वैक्सीन लगवा चुके लोगों को यात्रा पाबंदी से छूट मिलेगी और उन्हें क्वरंटाइन नहीं होना पड़ेगा।
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