पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की हरकतों को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सख्त संदेश दिया. दक्षिण नौसेना कमान स्थित कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड के दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि गलवान गतिरोध के दौरान नौसेना की आक्रामक अग्रिम मोर्चे पर तैनाती ने भारत की मंशा साफ कर दी थी कि हम शांति चाहते हैं लेकिन किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए तैयार हैं.
पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की हरकतों को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सख्त संदेश दिया. दक्षिण नौसेना कमान स्थित कोच्चि शिपयार्ड लिमिटेड के दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि गलवान गतिरोध के दौरान नौसेना की आक्रामक अग्रिम मोर्चे पर तैनाती ने भारत की मंशा साफ कर दी थी कि हम शांति चाहते हैं लेकिन किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए तैयार हैं.
विजिट के दौरान उन्होंने यहां निर्माणाधीन देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) को समीक्षा की. उन्होंने कहा कि आईएसी के निर्माण कार्य का प्रत्यक्ष जायजा लेने खुशी की बात है. यह भारत का गर्व है और आत्म निर्भर भारत के एक उज्ज्वल उदाहरण. क्योंकि इसमें इस्तेमाल होने वाले स्टील से लेकर प्रमुख हथियारों और सेंसर तक लगभग 75 फीसदी स्वदेशी सामग्री है. साथ ही आईएसी की लड़ाकू क्षमता देश की सुरक्षा में जबरदस्त क्षमताएं जोड़ेगी और समुद्री क्षेत्र में भारत के हितों को सुरक्षित रखने में मदद करेगी.
रक्षामंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की पांच बड़ी नौसेनाओं में शामिल है. हमारा प्रयास अगले 10-12 साल में शीर्ष तीन में जगह बनाने का है. उन्होंने कहा कि जब भ भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत की बात करते हैं, तो उसका सम्बंध केवल हमारे प्रादेशिक क्षेत्र तक सीमित नहीं होता है. हमारे हित हिन्द महासागर क्षेत्र और उसके आगे के क्षेत्रों तक भी व्याप्त हैं.
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