गणेश जी पर बना पहला सीरियल है ‘श्री गणेश’

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 प्रदीप सरदाना

धार्मिक सीरियल की इसी अपार लोकप्रियता को देखते हुए दूरदर्शन ने अपने राष्ट्रीय चैनल पर सोमवार से शुक्रवार रात 9 से 10 बजे का प्रमुख प्रसारण समय ‘श्री गणेश’ सीरियल को दे दिया है। इतना ही नहीं मंगलवार से शनिवार सुबह 9 से 10 बजे के समय में इस सीरियल का पुनर्प्रसारण भी होगा।

    हमारे धार्मिक ग्रंथ ‘रामायण’, ‘महाभारत’ के साथ हमारे पुराण सदियों बाद भी कितने लोकप्रिय और अहम हैं, उसकी एक बानगी टेलीविज़न पर भी देखी जा सकती है। दूरदर्शन हो या कोई और निजी चैनल सभी पर वे सीरियल लगातार लोकप्रिय हो रहे हैं, जो हमारे धार्मिक ग्रन्थों और पुराण पर आधारित हैं। पिछले दिनों लॉकडाउन के दौरान तो ऐसे धार्मिक सीरियल सर्वाधिक पसंद किए गए। रामानंद सागर के 1987 में बने ‘रामायण’ सीरियल के पिछले वर्ष हुए पुनर्प्रसारण ने तो टीआरपी में विश्व रिकॉर्ड बना दिया था। जो यह बताता है कि हिन्दू धर्म और संस्कृति पर बने सीरियल के सामने अन्य सीरियल कहीं नहीं ठहरते। हमारे ग्रंथ, वेद पुराणों को जानने और समझने की उत्सुकता देश भर में ही नहीं विश्व भर में है।
     
    धार्मिक सीरियल की इसी अपार लोकप्रियता को देखते हुए दूरदर्शन ने अपने राष्ट्रीय चैनल पर सोमवार से शुक्रवार रात 9 से 10 बजे का प्रमुख प्रसारण समय ‘श्री गणेश’ सीरियल को दे दिया है। इतना ही नहीं मंगलवार से शनिवार सुबह 9 से 10 बजे के समय में इस सीरियल का पुनर्प्रसारण भी होगा।

    यूं पिछले करीब 3 बरसों से सोनी चैनल पर भी ‘विघ्नहर्ता गणेश’ सीरियल का प्रसारण हो रहा है। इस सीरियल को भी दर्शक इतना पसंद कर रहे हैं कि हाल ही में इसने 900 एपिसोड पूरे किए हैं। लेकिन ‘श्री गणेश’ गणेश जी पर बना देश का पहला सीरियल है। जो गणेश पुराण पर आधारित है। इस सीरियल का निर्माण सन 2000 में हुआ था। यह सीरियल अपनी तकनीक और गुणवत्ता में इतना अच्छा है कि आज भी इसे देखते हुए सुखद अनुभूति होती है।
     
    ‘श्री गणेश’ का निर्माण-निर्देशन जाने माने सीरियल निर्माता और पुराने अभिनेता धीरज कुमार ने किया है। धीरज कुमार करीब 35 बरसों से सीरियल बना रहे हैं। देश का पहला देश भक्ति सीरियल ‘कहां गए वो लोग’ तो धीरज ने बनाया ही साथ ही धार्मिक-पारिवारिक सीरियल बनाने में भी वह पारंगत हैं। ‘ॐ नमः शिवाय’, ‘माँ वैष्णो देवी’, ‘जय संतोषी माँ’ और ‘मन में है विश्वास’ के साथ वह गणेश जी पर भी एक और सीरियल ‘गणेश लीला’ बना चुके हैं।

 
    दिलचस्प यह है कि सन 2000 में धीरज ने ‘श्री गणेश’ को दूरदर्शन के लिए ही बनाया था। लेकिन किन्हीं कारणों से तब दूरदर्शन पर इसका प्रसारण नहीं हो सका तो उन्होंने इसे सोनी चैनल को दे दिया। सोनी पर इसका पहला प्रसारण 17 सितंबर, 2000 को रविवार सुबह 9 बजे के समय में हुआ था। तब इसे इतना पसंद किया गया कि 145 सप्ताह तक इसका प्रसारण होता रहा। लेकिन दूरदर्शन पर इसका प्रसारण अब 20 साल बाद संभव हो पाया है। इससे अब सप्ताह में दो दिन सोमवार और मंगलवार को दूरदर्शन भी गणेशमय रहेगा। प्रतिदिन इसके 2 एपिसोड प्रसारित होंगे।

रवि किशन पर फिल्मांकित है शीर्षक गीत

    श्री गणेश सीरियल का शीर्षक गीत ही इतना कर्ण प्रिय है कि वह दिलों में उतर जाता है। जिसे उन जाने माने गीतकार अभिलाष ने लिखा था, जिन्हें फिल्म ‘अंकुश’ के लिए प्रार्थना गीत ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ से अपार लोकप्रियता मिली थी। ‘श्री गणेश’ सीरियल के शीर्षक गीत के बोल हैं-
    ‘मंगलकर्ता अंतर्यामी,
    रिद्धी सिद्धि के ये हैं स्वामी,
    प्रथम पूज्य हैं, परम देव हैं,
    सबके मिटाये कष्ट क्लेश,
    श्री गणेश श्री गणेश।’
     

    इस गीत के बोल और संगीत तो सुंदर हैं ही। लेकिन इसकी खास बात यह भी है कि इस गीत का फिल्मांकन अभिनेता रवि किशन पर हुआ था। आज रवि किशन उत्तर प्रदेश से भाजपा के सांसद हैं और भोजपुरी फिल्मों के तो वह बड़े स्टार रहे हैं। हालांकि जब उन पर गणेश जी का यह गीत फिल्मांकित हुआ, तब रवि को फिल्मों में आए ज्यादा समय नहीं हुआ था। कुछ हिन्दी फिल्मों के साथ ‘जय हनुमान’ सीरियल में वह श्रीकृष्ण की भूमिका कर चुके थे। लेकिन रवि किशन इस गीत को पर्दे पर गाते हुए बहुत ही अच्छे लगते हैं। यूं इस सीरियल में रवि किशन की कोई और भूमिका नहीं है।

    इस शीर्षक गीत और सीरियल को लेकर धीरज कुमार बताते हैं-‘हमने अपने इस सीरियल का संगीत जाने माने संगीतकार सारंग देव से कराया था। हम चाहते थे कि इसके संगीत में हिन्दुस्तानी वाद्य यंत्रों का ही प्रयोग ज्यादा हो। तभी इस धार्मिक सीरियल के साथ न्याय हो सकेगा। हालांकि इसके लिए तब कई समस्याएं आयीं। जैसे हमने रुद्र वीणा का इस्तेमाल करने का फैसला लिया तो पता लगा पूरी मुंबई में रुद्र वीणा सही ढंग से बजाने वाले सिर्फ दो ही लोग हैं। वे दोनों भी तब मुंबई में नहीं थे। लेकिन हमने उनका इंतज़ार किया चाहे इसके लिए गीत रिकॉर्डिंग दो तीन बार टालनी पड़ी। ऐसे ही हमने इसके गीतों में मृदंग और बांसुरी जैसे विभिन्न साज़ों का इस्तेमाल किया है। जबकि अधिकतर लोग इस तरह के कई वाद्य यंत्रों की आवाज़ इलेक्ट्रोनिक ढंग से ले लेते हैं। ऐसे ही हमने गणेश जी के पांच मुख दिखाने या अन्य कई विशेष दृश्यों के लिए पाँच कैमरों के सेटअप का प्रयोग किया। सेट बेहतरीन बन सके, इसके लिए रत्नाकर फड़के को लिया। यहाँ तक साउंड रिकॉर्डिंग के लिए भी दिनेश चतुर्वेदी श्रेष्ठ व्यक्ति को लिया। तभी हमारा यह सीरियल आज भी भव्य है।’’
     

गणेश जी की बड़ी कथा
     
      ‘श्री गणेश’ सीरियल गणेश जी के जन्म से लेकर उनके बाल्य काल और बाद की बड़ी कथाओं को विस्तार से दिखाता है। जिसमें उनके रिद्धी सिद्धि के साथ विवाह होने की कथा तो है ही। साथ ही यह भी कि अपने बाल्य काल में अपने भाई कार्तिकेय के साथ कैसे खेलते थे, कैसे रहते थे। साथ ही सीरियल में गणेश जी के आठ प्रमुख अवतारों एक दंत, वक्रतुंड, महोदर, गजानन, लंबोदर, विकट, विघ्नराज और धूमवर्ण को भी दिखाया है। अपने इन विभिन्न अवतारों में गणेश जी ने किस प्रकार सिंदूरासुर,लोलपासुर, देवतांतक, नरांतक, सिंधु दैत्य, मदासुर और कामासुर जैसे कितने ही दानवों का अंत किया। ब्रह्मांड और जनमानस की कितनी ही समस्याओं और विघ्न बाधाओं को दूर कर वह कैसे विघ्नहर्ता बने, वह सब इस सीरियल में दिखाया गया है।  

    इस सीरियल में गणेश जी की भूमिका जागेश मुकाती ने की है। हालांकि दुख है कि अब वह इस दुनिया में नहीं हैं। पिछले वर्ष ही उनका निधन हो गया है। उधर भगवान शिव की भूमिका में सुनील शर्मा हैं तो पार्वती बनी हैं प्रियंका। सती के रूप में सुरभि तिवारी, लक्ष्मी के रूप में पल्लवी और सरस्वती के रूप में शैली चौधरी हैं। फिर ब्रह्मा की भूमिका अरूप पाल ने विष्णु की संदीप मोहन ने और इंद्र की समीर धर्माधिकारी ने की है। नारद की भूमिका में संजय स्वराज हैं, ऋषि कश्यप की भूमिका में राधा कृष्ण दत्त तो दक्ष बने हैं सुनील नागर। कीर्ति सिंह, पप्पू पोलिस्टर, श्वेता रस्तोगी और निमय बाली जैसे और भी कई कलाकार इसमें विभिन्न भूमिकाओं में हैं।

    प्रथम पूजनीय गणेश की लीलाएं और गाथाएं यूं लगभग हमारे सभी धार्मिक सीरियल में होती है। लेकिन उनके विस्तृत और भव्य रूप को जिस प्रकार ‘श्री गणेश’ में दिखाया है, उससे उनके जीवन और उनके चारों युग में लिए अवतारों को अच्छे से समझा जा सकता है।

    (लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं फिल्म-टीवी समीक्षक हैं)    

 

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