सुनील राय
ईसाईयों ने हिन्दुस्थान में कन्वर्जन के लिए शिक्षा, सेवा और अस्पताल का सहारा लिया. कुछ इसी प्रकार उमर गौतम ने भी मज़हब को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को हथियार बनाया. इस घिनौने खेल में उसने दिव्यांग बच्चों को निशाना बनाया. कन्वर्जन के इस प्रकरण में जांच एजेंसियां, आतंकी संगठनों की संलिप्तता की जांच कर रही हैं.
कन्वर्जन का आरोपी उमर गौतम, देश के कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कन्वर्जन करा चुका है. विवेचना में यह भी तथ्य प्रकाश में आया है कि हिन्दुओं के अलावा ईसाई, जैन और सिख पंथ के लोगों का भी कन्वर्जन कराया गया है. ऐसे परिवार के बच्चों का कन्वर्जन कराया गया. कन्वर्जन गिरोह ने मूक बधिर बच्चों को विशेष रूप से निशाना बनाया. उल्लेखनीय है कि मूक बधिर बच्चों को तकनीकी ढंग से शिक्षा दी जाती है. इस गिरोह ने उन शिक्षकों को कन्वर्जन का हथियार बनाया जो मूक- बधिर बच्चों को शिक्षा देते थे. ये शिक्षक ही उन बालकों के मन में इस्लाम और दीन की बातें भरते थे.
उमर गौतम, अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन का उपाध्यक्ष है. यह संस्था एक स्कूल संचालित करती है. सीबीएसई बोर्ड के इस स्कूल में कक्षा दस तक की शिक्षा दी जाती है. संस्था की तरफ से दावा किया गया है कि 500 बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है. उमर गौतम आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी प्रलोभन देकर मज़हब का दायरा बढ़ा रहा था.बड़े पैमाने पर हुए इस कन्वर्जन में विदेशी फंडिंग की जा रही थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि देश की सुरक्षा और आस्था के विरुद्ध षड्यंत्र करने वालों से सख्ती से निपटें.
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