गाजियाबाद स्थित लोनी में अब्दुल समद से मारपीट और घटना को सांप्रदायिक रंग देने के मामले में सपा नेता उम्मेद पहलवान ने राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से वीडियो से छेड़छाड़ की और उसमें आवाज बदलकर वीडियो वायरल किया. वह आगामी विधानसभा चुनाव में लाभ लेना चाहता था. पुलिस पूछताछ में पहले तो उम्मेद झूठ बोलकर पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन पुलिस ने सख्ती की तो उसने सच कबूल कर लिया.
उम्मेद को संदेह था कि कहीं अब्दुल समद व उसका बेटा किसी के सामने सच न बोल दे, और उसकी मंशा कहीं पानी न फिर जाए, इसलिए उसने अब्दुल समद व उसके बेटे को अपने कब्जे में ले लिया और उन्हें बंधक बना लिया था.
खबरों के अनुसार उम्मेद अब्दुल समद व उसके बेटे को अपने साथ बुलंदशहर व दिल्ली लेकर घूमता रहा और उन्हें डरा-धमकाकर किसी से बात नहीं करने दी. साथ ही एक फर्जी शपथपत्र भी तैयार करा लिया था. इस शपथपत्र में उसने अब्दुल की तरफ से जबरन लिखवाया था कि इस प्रकरण में उम्मेद की कोई गलती नहीं है. सारी गलती मेरी है, मैंने ही उम्मेद को गलत जानकारी दी थी. शपथ पत्र की नोटेरी कराई जानी थी, लेकिन उससे पहले ही उम्मेद पुलिस की पकड़ में आ गया. पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की तो उसने सारी कहानी बता दी.
एसएसपी गाजियाबाद अमित पाठक ने कहा कि पूछताछ में उम्मेद पहलवान ने कबूल किया है कि उसने राजनीतिक लाभ लेने के लिए वीडियो वायरल किया था. उसने वीडियो से छेड़छाड़ की और तथ्यों को छिपाया. इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता उजागर हो रही है. पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
मामले में साहिबाबाद के एक पार्षद की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. पुलिस पार्षद को भी हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी. पार्षद ने ही अब्दुल समद को उम्मेद से मिलवाया था. अब्दुल समद सबसे पहले इसी पार्षद के संपर्क में आया था और फिर उसे लोनी भेजा गया था. इसके बाद ही पूरा प्रकरण शुरू हुआ.
गौरतलब है कि उम्मेद से पूछताछ के बाद अन्य लोगों की संलिप्तता भी पुलिस को मिली है. उसके मोबाइल फोन की सीडीआर से भी अहम जानकारी मिली है जो इस प्रकरण में शामिल थे. पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है.
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