प्रधानमंत्री ने एम-योग एप लांच किया, कहा- दुनियाभर में योग को फैलाने में होगा मददगार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सातवें विश्व योग दिवस पर ‘योग से सहयोग तक’ का मंत्र देते हुए सोमवार को एम-योग एप (M-Yoga app) लांच किया। इस एप पर अलग-अलग अवधि के योग प्रशिक्षण वीडियो हैं, जो दुनियाभर में योग के प्रसार में मददगार साबित होगा। यह एप दुनिया की कई भाषाओं में उपलब्ध होगा।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि एम-योग एप दुनियाभर में योग के विस्तार में ‘महान भूमिका’ निभाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के समक्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा तो, हम चाहते थे कि दुनियाभर के लोगों के लिए योग सहज उपलब्ध हो। डब्ल्यूएचओ के सहयोग से भारत ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब एम-योग एप होगा, जिसमें दुनियाभर के लोगों के लिए अलग-अलग भाषाओं में योग प्रशिक्षण के वीडियो होंगे। एम-योग एप आधुनिक तकनीक और प्राचीन विज्ञान के मेल का एक बेहतरीन उदाहरण साबित होगा। मुझे विश्वास है कि यह एप दुनियाभर में योग के विस्तार में बड़ी भूमिका निभाएगा और 'वन वर्ल्ड, वन हेल्थ' को सफल आदर्श वाक्य बना देगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘योग से सहयोग तक’ का मंत्र हमें नए भविष्य की राह दिखाएगा और मानवता को शक्ति देगा। इस वर्ष का विषय 'योग फॉर वेलनेस' है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग अभ्यास करने पर केंद्रित होगा।
क्या है एम-एप
इस एप को आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ के संयुक्त प्रयास से विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य 12 से 65 वर्ष के लोगों को अलग-अलग अवधि का योग प्रशिक्षण और अभ्यास सत्र उपलब्ध कराना है। इसमें लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए योग के कई वीडियो होंगे। यह एप दुनिया की कई भाषाओं में होगा। फिलहाल यह अंग्रेज, हिंदी और फ्रेंच भाषा में उपलब्ध है और दुनिया की शेष भाषाओं में जल्द ही उपलब्ध होगा। इस एप को खासतौर से स्मार्ट फोन के लिए डिजाइन किया गया है और पूरी तरह सुरक्षित है, क्योंकि यह उपयोगकर्ता का डेटा नहीं लेता है। एम-योग एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।
… ताकि सभी निरोगी रहें
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में जब कोरोना महामारी आई तो कोई भी देश मानसिक रूप से इसका सामना करने के लिए तैयार नहीं था और न ही उनके पास संसाधन और सामर्थ्य था। ऐसी विषम परिस्थिति में योग ही आत्मबल का सबसे बड़ा साधन बना। आज पूरी दुनिया इस महामारी का सामना कर रही है, जिसमें योग उम्मीद की किरण बना हुआ है। उन्होंने कहा कि महान संत तिरुवल्लुवर ने कहा है कि अगर कोई बीमारी है तो उसकी जड़ तक जाओ। बीमारी के कारण का पता लगाकर फिर उसका इलाज शुरू करो। योग यही रास्ता दिखाता है।
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