इन दिनों उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग दो बच्चा नीति बनाने के लिए काम कर रहा है, तो असम सरकार ने कहा है कि असम में जल्दी ही कुछ सरकारी योजनाओं में दो बच्चा नीति लागू की जाएगी। कांग्रेस ने इस नीति का विरोध किया है, जबकि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 'हम दो, हमारे दो' का नारा दिया था।
गत दिनों जैसे ही यह खबर आई कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए मसौदा तैयार कर रहा है, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी जैसे राजनीतिक दलों ने कहना शुरू कर दिया कि राज्य सरकार मुसलमानों को परेशान करना चाहती है। इसी बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी 19 जून को कहा कि राज्य सरकार कुछ विशेष सरकारी योजनाओं का लाभ देने में दो बच्चा नीति लागू करेगी। यह काम क्रमवार तरीके से किया जाएगा। इसके बाद तो अपने को सेकुलर मानने वाले सभी राजनीतिक दल हल्ला मचाने लगे कि भाजपा इस देश के साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहती है, इसलिए वह विवादास्पद कानून बना रही है।
कांग्रेसी तो यह भी भूल गए कि 'हम दो, हमारे दो' का नारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था। यानी वह भी बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण करना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने नसबंदी अभियान भी चलाया था। दरअसल, सेकुलर राजनीतिक दल जब भी जनसंख्या नियंत्रण की बात होती है उसे मुसलमानों के साथ जोड़ देते हैं। इस कारण देश में अब तक जनसंख्या नियंत्रण के लिए कोई काूनन नहीं है। इसलिए देश की आबादी तेजी से बढ़ रही है। यदि ऐसा ही रहा तो कुछ ही वर्ष बाद भारत इस मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा। बढ़ती जनसंख्या के कारण अनेक तरह की समस्याएं खड़ी हो रही हैं।
इन सबको देखते हुए उत्तर प्रदेश और असम जनसंख्या नियंत्रण के लिए कुछ कदम उठाने की ओर बढ़ रहे हैं। इसके अनुसार सरकारी योजनाओं का लाभ अब उन्हीं लोगों को दिया जाएगा, जो दो बच्चों की नीति का पालन करेंगे।
उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.एन. मित्तल ने कहा है कि इन दिनों उत्तर प्रदेश विधि आयोग राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों और अन्य बिंदुओं पर अध्ययन कर रहा है। आयोग जल्दी ही अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने वाली है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में गत चार वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम सहित कई नए कानून बने हैं और वे सफलता से लागू भी किए गए हैं। इसी कड़ी में विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर अपना काम शुरू किया है।
वहीं असम के मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति को असम की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं किया जाएगा, क्योंकि कई योजनाएं केंद्र सरकार की सहायता से चलाई जा रही हैं। जैसे शिक्षण संस्थानों में नामांकन या प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान देने में इसे लागू नहीं किया जा सकता, लेकिन यदि राज्य सरकार की ओर से कोई आवास योजना लागू की जाती है तो उसमें दो बच्चा नीति को लागू किया जा सकता है। आगे चलकर धीरे-धीरे जनसंख्या नीति को राज्य सरकार की हर योजना में लागू किया जाएगा।
यदि असम और उत्तर प्रदेश इस मामले में सफल होते हैं, तो हो सकता है आने वाले समय में और राज्यों में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जा सकते हैं।
टिप्पणियाँ