पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) एक ऐसे व्यक्ति को हनी-ट्रैप में लेने की कोशिश कर रही थी, जो फर्जी सैन्य अधिकारी बन कर घूम रहा था। आईएसआई उसके पीछे इसलिए पड़ी हुई थी, ताकि उससे सेना से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं हासिल कर सके। आईएसआई उसे सच में सेना का अधिकारी मान रही थी।
दरअसल, दिल्ली पुलिस ने एक 40 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह खुद को भारतीय सेना का कप्तान बताता था और अधिकारी की वर्दी पहन कर घूमता था। पुलिस ने बताया कि आईएसआई फर्जी सैन्य अधिकारी को हनी ट्रैप में लेने की कोशिश कर रही थी, क्योंकि वह 100 से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप का सदस्य है और 100 से अधिक महिलाओं के संपर्क में है। इनमें कई व्हाट्सएप नंबर दूसरे देशों के हैं। वह उन सभी नंबरों के संपर्क में है। वह सैन्य अधिकारी की तरह रहता था, इसी कारण आईएसआई उसे भारतीय सेना का अधिकारी मान बैठी थी। पुलिस ने कहा कि मोबाइल की जांच करने पर पता चला कि आरोपी ने अंतरराष्ट्रीय नंबरों से भी वीडियो कॉल की थी। पूछताछ करने पर आरोपी ने खुलासा किया कि वह सोशल मीडिया पर महिलाओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए खुद को भारतीय सेना का कैप्टन शेखर बताता है। उसने यह भी स्वीकार किया है कि उसने कुछ विदेशी नागरिकों के साथ बातचीत की है और उनके साथ कुछ वीडियो और तस्वीरें साझा की हैं।
दिल्ली के मोहन गार्डन निवासी दिलीप कुमार को पुलिस ने शुक्रवार को ग्रेटर कैलाश-1 में अर्चना रेड लाइट के पास से गिरफ्तार किया है। उसे एक सैन्य अधिकारी का रूप धारण करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। सैन्य खुफिया अधिकारी, आईबी और दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ग्रेटर कैलाश पुलिस थाने में इस फर्जी कैप्टन से पूछताछ कर रही है।
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