पाकिस्तान की संसद में बजट भाषण पर मारपीट और गाली-गलौज की घटना को अभी एक सप्ताह नहीं बीता कि अब बलूचिस्तान विधानसभा के अंदर और बाहर बजट सत्र के दौरान हिंसा हुई है। इस दौरान विपक्ष और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई, जिसमें पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि ‘दृश्य बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थे।‘
बलूचिस्तान विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है। विपक्षी दल के विधायकों का आरोप है कि बजट में धन का गलत तरीके से वितरण किया गया है। इसलिए सत्तारूढ़ दल को प्रांतीय बजट पेश करने से रोकने के लिए विपक्षी दल के सदस्यों ने विधानसभा के गेट पर ताला जड़ दिया और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को गेट खोलने नहीं दिया। इसे लेकर विपक्षी सदस्यों और उनके समर्थकों की पुलिस से गरमा-गरम बहस हुई जो झड़प बदल गई। इसके बाद विपक्ष ने चारों तरफ से विधानसभा को घेर लिया। बाद में पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। इस कारण सत्र दो घंटे तक शुरू नहीं हो सका। किसी तरह पुलिस ने अपनी सुरक्षा में बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री जाम कमाल खान और कुछ विधायकों को विधानसभा में पहुंचाया।
बजट का विरोध क्यों?
विपक्षी दल जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल और पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी के विधायक बजट में अपने निर्वाचन क्षेत्रों की उपेक्षा पर कई दिनों से विरोध कर रहे हैं। गुरुवार को विपक्षी दलों ने बलूचिस्तान के कई शहरों और कस्बों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को जाम कर दिया था। पाकिस्तानी दैनिक के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने प्रांतीय सरकार के खिलाफ नारे लगाए। उनका आरोप है कि गैर-निर्वाचित राजनेताओं को धन दिया जा रहा है और विपक्ष के प्रांतीय विधानसभा के सदस्यों को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज किया जा रहा है, क्योंकि वे सत्ताधारी दल से संबंधित नहीं हैं। साथ ही, विपक्ष ने सरकार पर बजट में विकास परियोजनाओं की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है। विपक्ष के सदस्यों ने चेतावनी दी थी कि वे बजट पेश नहीं करने देंगे। पीपीपी अध्यक्ष ने ट्वीट किया, "बलूचिस्तान विधानसभा के अंदर और बाहर हिंसा के दृश्य बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हमें हिंसा के बजाय अपने विचारों के बल पर एक-दूसरे का विरोध करने की सहनशीलता रखनी चाहिए।"
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