सुनील राय
समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान ने मौलवी अब्दुल समद के साथ मिलकर फर्जी कहानी गढ़ा कि बलपूर्वक ‘जय श्री राम’ का उद्घोष कराया गया. उम्मेद ने मौलवी अब्दुल समद को अपने फेसबुक पेज पर लाइव कराया. उम्मेद के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है. फरार उम्मेद पहलवान, यति नरसिंहानन्द के विरुद्ध भी विष वमन कर चुका है.
गाज़ियाबाद जनपद के लोनी में हुई मारपीट की घटना को उम्मेद पहलवान ने साम्प्रदायिक रंग देने का पूरा प्रयास किया था. मौलवी अब्दुल समद ताबीज आदि देकर लोगों का इलाज करता है. उसकी दी हुई ताबीज से लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया. वे लोग उसको सबक सिखाना चाहते थे. मौलवी के साथ उन लोगों ने मारपीट की थी. उसके बाद समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान ने फेसबुक लाइव किया. आरोप है कि उम्मेद पहलवान ने ही विष वमन कराया जिसके बाद यह वीडियो वायरल होने लगा. उसके बाद अफवाहबाजों ने इस वीडियो को फैलाना शुरू कर दिया.
एफआईआर दर्ज होने के बाद उम्मेद पहलवान अपने फेसबुक पेज के माध्यम से मजहबी लोगों की हमदर्दी हासिल करने की कोशिश कर रहा है. उसने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि “दोस्तों आखिर मुझ पर फर्जी मुकदमा कर ही दिया. क्या 72 साल के बुजुर्ग अब्दुल समद की मदद करना मेरा जुर्म है. यदि शहीद नगर के कुछ जिम्मेदारों ने 72 साल के बुजुर्ग अब्दुल समद को मेरे पास भेजा और मैंने थाने में तहरीर दी एफआईआर दर्ज कराने के लिए तो पुलिस ने मुझ पर झूठा मुकदमा क्यों कर दिया. किसी अनजान व्यक्ति की या जिस पर जुल्म हो उसकी मदद करना पाप है. कोई कितने जुल्म कर ले मैं हर मजलूम की मदद करता रहूंगा इंशा अल्लाह!”
उल्लेखनीय है कि गत 9 अप्रैल को उम्मेद पहलवान ने यति नरसिंहानन्द को फांसी देने की मांग की थी. अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया था कि “हमारे हुजूर की शान में गुस्ताखी करने वाले के खिलाफ पुलिस-प्रशासन को ज्ञापन दिया. हम शासन-प्रशासन से मांग करते हैं कि यति नरसिंहानंद सरस्वती को जेल के अंदर ही फांसी देनी चाहिए.”
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