आयुष विश्वविद्यालय खुलने से एक ही छत के नीचे आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथी और योग चिकित्सा की पढ़ाई और उस पर शोध कार्य हो सकेगा. इन विधाओं से जुड़े कॉलेज भी इससे संबद्ध किए जाएंगे.
गोरखपुर में प्रस्तावित ‘महायोगी गुरु गोरक्षनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय’ का निर्माण अगस्त से शुरू हो जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि “विश्वविद्यालय के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्धता हो गई है, ऐसे में दो सप्ताह के भीतर विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर अगस्त से निर्माण शुरू कर दिया जाए." इससे पहले जुलाई में विश्वविद्यालय की आधारशिला रखे जाने की भी तैयारी है.
मुख्यमंत्री योगी ने आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के सम्बन्ध में समीक्षा की. उन्होंने कहा कि “प्रदेश सरकार प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में नवीन शोध-अनुसंधान को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है. आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना से प्रदेश के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा शिक्षण संस्थानों की प्रशासनिक व्यवस्था बेहतर होगी. विश्वविद्यालय निर्माण कार्य पूरा होने तक वैकल्पिक स्थान से इसका संचालन होगा.”
विश्वविद्यालय स्थापना के संबंध में प्रस्तुतिकरण देखते हुए मुख्यमंत्री ने परिसर में आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी चिकित्सा विधाओं के उद्भव और विकास के साथ-साथ इनके सैद्धांतिक और क्रियात्मक पक्षों का परिचय कराने वाले एक संग्रहालय की स्थापना के निर्देश दिए. संग्रहालय में इन प्राचीन चिकित्सा विधाओं से जुड़े आचार्यों के योगदान का भी संकलन किया जाएगा. यह संग्रहालय छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने में तो उपयोगी होगा ही, प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों से दुनिया का परिचय कराएगा. आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य वर्ष 2023 के मार्च माह तक पूरा करने का लक्ष्य है. पहले चरण में, प्रशासनिक भवन, आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी से जुड़े निर्माण कार्य होंगे. सितंबर 2022 तक 90 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.
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