दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को नि:शुल्क बिजली, पानी और घर उपलब्ध करवा रही है। सरिता विहार और मदनपुर खादर के लोगों का कहना है कि विधायक अमानतुल्लाह खान सभी रोहिंग्या मुसलमानों के आधार कार्ड भी बनवा रहे हैं।
गत 13 जून को दिल्ली में सरिता विहार के पास मदनपुर खादर में जो कुछ देखने को मिला, वह भारत देश के लिए ठीक नहीं है। उस दिन दिल्ली सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी उन रोहिंग्याओं मुसलमानों के लिए आपस में 'तू—तू, मैं—मैंं' करने लगे, जिन्हें एक साजिश के तहत वहां बसाया गया है। इस 'तू—तू, मैं—मैंं' में स्थानीय विधायक और हमेशा विवादों में रहने वाले अमानतुल्लाह खान का शामिल होना और भी शर्मनाक था। उस दिन उनके आचरण को देखने के बाद ऐसा लगा कि वे भारत के जन प्रतिनिधि नहीं हैं, बल्कि रोहिंग्या मुसलमानों के प्रवक्ता और संरक्षक हैं।
बता दें कि मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज में उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई विभाग की जमीन पर स्थानीय कुछ मुसलमान नेताओं ने रोहिंग्याओं को बसा दिया है। इन्हें दिल्ली सरकार राशन, बिजली, पानी आदि मुफ्त में दे रही है। यह भी कहा जा रहा है कि इन सबके लिए केजरीवाल की पार्टी के स्थानीय विधायक अमानतुल्लाह खान आधार कार्ड भी बनवा रहे हैं। पिछले मार्च महीने में उत्तर प्रदेश सरकार ने उन रोहिंग्याओं से कहा था कि वे जमीन खाली कर दें, लेकिन उनके आका ऐसा नहीं करने दे रहे थे। बस्ती में 12 जून को आग लगी तो एक बार फिर से उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी वहां पहुंचे और तारबंदी करने लगे। इसके बाद तो वहां अमानतुल्लाह खान अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए और उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों से बहस करने लगे। बहस में दिल्ली सरकार के अधिकारी भी शामिल थे। यही नहीं, दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने रोहिंग्याओं को वहीं बसाने की धमकी देते हुए दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों को बुला लिया। इस बहस के बाद सारे रोहिंग्या दिल्ली की सीमा में आ गए हैं। अभी वहां 53 रोहिंग्या परिवार रहे रहे हैं, जबकि इससे पहले वहां 174 परिवार थे। बाकी परिवार कहां गए, यह सवाल उठ रहा है। कुछ लोगों ने बताया कि वे परिवार कुछ मुस्लिम बस्तियों में चले गए हैं।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की है जमीन
बता दें कि दिल्ली की सीमा में यमुना खादर में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की कुल 1007 हेक्टेयर जमीन है। ये जमीनें ओखला, जसोला, मदनपुर खादर, आली, सैदाबाद, जैतपुर, मोलरबंद और खुरेजी खास में हैं। इनमें से 51.66 एकड़ जमीन पर रोहिंग्याओं का कब्जा था। दरअसल, मार्च 2018 में दिल्ली की सीमा पर रह रहे रोहिंग्याओं के घरों में आग लग गई थी। उस समय उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें वहां कुछ समय के लिए रहने की अनुमति दी थी। लेकिन बाद में वे लोग वहां से हट नहीं रहे थे। इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार ने उस जमीन को खाली कराकर तारबंदी कराने का निर्णय लिया है। अब वह काम चल रहा है।
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