बिहार के मुजफ्फरपुर की तरह ही झारखंड के एक आश्रय गृह में दो नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण व उत्पीड़न का मामला सामने आया है। इस कुकृत्य का मुख्य आरोपी ट्रस्ट का संचालक और उसकी पत्नी है, जो बाल समिति की अध्यक्ष है। चार साल से संचालक दोनों बच्चियों का यौन शोषण व उत्पीड़न कर रहा था
झारखंड के जमशेदपुर में एक एनजीओ मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट में दो नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार और प्रताड़ना का मामला सामने आया है। अपनी घिनौनी करतूत उजागर होने के बाद ट्रस्ट का संचालन हरपाल सिंह थापर, उसकी पत्नी व बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष पुष्पा रानी तिर्की, वार्डन गीता देवी व उसका बेटा आदित्य सिंह व एक अन्य टोनी डेविड फरार हैं। आरोपियों के खिलाफ पोक्सो अधिनियम और भादंसं की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनकी तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीम छापेमारी कर रही है।
यह ट्रस्ट एक आश्रय गृह चलाता है, गरीब व बेसहारा बच्चे-बच्चियों को रखा जाता है। जमशेदपुर के बागबेड़ा और आदित्यपुर की दो नाबालिग लड़कियां भी इस आश्रय गृह में रहती थीं। लेकिन यौनशोषण और प्रताड़ना से तंग आकर दोनों वहां से भाग गईं। बाद में पुलिस ने दोनों को बिरसानगर से बरामद किया। दोनों से पूछताछ हुई, तब रोंगटे खड़े कर देने वाली बातें सामने आईं।
चार साल से संचालक कर रहा था यौन शोषण
जमशेदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. एम. तमिल वानन के मुताबिक, ट्रस्ट में बीते चार साल से 16-17 साल की दोनों बच्चियों के साथ बलात्कार हो रहा था। उनसे जबरदस्ती काम कराया जाता था और मना करने पर मारा-पीटा जाता था, जिससे दोनों बच्चियां काफी डरी हुई थीं। ट्रस्ट संचालक हरपाल सिंह थापर उन्हें अपने साथ सोने को कहता था। बच्चियों के साथ केवल हरपाल ही बलात्कार नहीं करता था, वार्डन गीता देवी का बेटा आदित्य सिंह भी इसमें शामिल था। हरपाल और आदित्य बच्चियों से पैर दबाने को कहते, फिर उनका यौन उत्पीड़न करते थे। यह आश्रय गृह एक आवासीय सोसाइटी के फ्लैट में है।
बच्चियों के मन में हरपाल और अन्य आरोपियों का इतना खौफ था कि वे बाल कल्याण समिति के सदस्यों के सामने भी कुछ बोल नहीं रही थीं। इसका कारण यह था कि हरपाल की पत्नी पुष्पा रानी तिर्की पूर्वी सिंहभूम जिले के बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष है। बच्चियों ने पुष्पा रानी से कई बार शिकायत की, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर, उल्टे बच्चियों को ही धमकाया गया। उन्हें अपना मुंह बंद रखने को कहा गया। डॉ. वानन ने बताया कि पुलिस छापेमारी से पहले ही सारे आरोपी फरार हो गए हैं। अपर पलिस अधीक्षक कुमार गौरव के नेतृत्व में टीम गठित कर आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। इस मामले में घोड़ाबांधा से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
नाबालिग हैं दोनों लड़कियां
वानन ने कहा कि बच्चियां 16 और 17 साल की हैं। इन्होंने विशेष पोक्सो अदालत में अपने बयानों में लगाए गए आरोपों को दोहराया है। जांच में यह भी पता चला है कि हरपाल ने वार्डन की 19 वर्षीया बेटी के साथ भी शारीरिक संबंध बनाए थे। वह अन्य लोगों के साथ उसका नियमित रूप से यौनशोषण और उत्पीड़न करता था। आश्रय गृह खड़ंगाझार में है। यहां शमशेर टावर में दूसरी मंजिल पर दो कमरों में 23 बच्चियां रहती हैं, जिनमें 5 करीब 16-17 वर्ष की हैं, जबकि भूतल पर 22 बच्चे रहते हैं। वार्डन गीता देवी भी दूसरी मंजिल पर अलग कमरे में अपनी बेटी और बेटे के साथ रहती है, जबकि हरपाल और पुष्पा पहली मंजिल पर रहते हैं।
ट्रस्ट को मिलने वाला पैसा निजी खाते में
एसएसपी ने बताया कि ट्रस्ट को सरकार और निजी स्रोतों से जो धन मिलता था, उसे बच्चों पर खर्च न कर हरपाल और पुष्पा अपने निजी खाते में हस्तांतरित कर लेते थे। बच्चों को ठीक से खाना तक नहीं दिया जाता है। यहां तक कि कपड़े भी नहीं दिए जाते थे। उन्होंने कहा कि जिला उपायुक्त सूरज कुमार को रिपोर्ट भेज दी गई है। इसमें उनसे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने और ट्रस्ट की जांच करने की सिफारिश की गई है। आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों के माता-पिता का पता लगाकर उनके सुपुर्द कर दिया जाएगा। जिनके माता-पिता नहीं होंगे, उन्हें दूसरी जगह भेजा जाएगा। फिलहाल दोनों बच्चियों को सरायकेला जिला की बाल कल्याण समिति की देख रेख में रखा गया है। पुलिस करीब एक माह पहले आश्रय गृह में ब्रेन ट्यूमर से साढ़े तीन साल की बच्ची की मौत के मामले की भी जांच कर रही है। यह बच्ची एक रेप पीडि़ता की थी, जिसे वह अपने पास नहीं रखना चाहती थी। महत्वपूर्ण बात यह है कि हरपाल और उसकी पत्नी ने बच्ची की मौत की सूचना प्रशासन को नहीं दी।
बता दें कि तीन साल पहल बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक आश्रय गृह में भी बच्चियों के यौनशोषण व उत्पीड़न का मामला सामने आया था। इसमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 12 लोगों को फरवरी 2020 में दिल्ली की एक अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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