आज एक बार फिर सोनिया—राहुल कांग्रेस को बड़ा झटका तब लगा जब उत्तर प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थाम लिया। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जितिन को केंंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पार्टी की सदस्यता दिलाई।
खबरों की मानें तो जितिन प्रसाद लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से नाराज चल रहे थे। वे उन 23 नेताओं में भी शामिल थे, जिन्होंने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। वह समय—समय पर होने वाले चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन और नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े करते रहे। हालांकि उन्होंने इसे लेकर खुला विरोध तो नहीं किया था, लेकिन वे लगातार पार्टी से खुश न रहने का संकेत दे ही रहे थे।
असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो भाजपा है
भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को धन्यवाद दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भाजपा ने मुझे सम्मान दिया है। उन्होंने कहा, ''मैंने पिछले 8-10 सालों में ये महसूस किया है कि आज देश में अगर कोई असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो भाजपा है। बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए मगर राष्ट्रीय दल के नाम पर भारत में कोई दल है तो भाजपा है। …मेरा कांग्रेस पार्टी से 3 पीढ़ियों का साथ रहा है। मैंने ये महत्वपूर्ण निर्णय बहुत सोच, विचार और मंथन के बाद लिया है। आज सवाल ये नहीं है कि मैं किस पार्टी को छोड़कर आ रहा हूं बल्कि सवाल ये है कि मैं किस पार्टी में जा रहा हूं और क्यों जा रहा हूं।''
उन्होंने आगे कहा, ''हमारा देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उसके लिए आज देशहित में कोई दल और कोई नेता सबसे उपयुक्त और मजबूती से खड़ा है तो वो भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।''
परिवार का रहा है कांग्रेस से लंबा जुड़ाव
उत्तर प्रदेश स्थित शाहजहांपुर जिले के रहने वाले जितिन के पिता स्वर्गीय जितेन्द्र प्रसाद कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। दिल्ली विवि से बीकॉम करने वाले जितिन प्रसाद को कांग्रेस में साल 2001 में युवा कांग्रेस में सचिव पद की जिम्मेदारी मिली। साल, 2004 के लोकसभा चुनाव में वह शाहजहांपुर से जीतकर लोकसभा पहुंचे। साल, 2008 में वह केंद्रीय राज्य इस्पात मंत्री भी बने। इसके बाद जितिन 2009 के चुनाव में उत्तर प्रदेश की धौरहरा सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे। पर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा।
बहरहाल, उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव के ठीक पहले जितिन प्रसाद का कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आना सोनिया—राहुल कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
टिप्पणियाँ