लाख कोशिश करने के बाद भी जो लोग ‘सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ को रोक नहीं पा रहे हैं, वे अब इस प्रोजेक्ट को मजहब से जोड़ रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे अनेक मिस्जदें टूट जाएंगी। लोगों को भड़काने के लिए सोशल मीडिया में अफवाह उड़ाई जा रही है कि यह प्रोजेक्ट मजहब विरोधी है।
दिल्ली में ‘सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ को रोकने के लिए कई राजनीतिक दल और गैर—सरकारी संगठन एड़ी—चोटी का जोर लगा रहे हैं। कुछ लोग तो इस मामले को न्यायालय तक ले गए, लेकिन वहां उन्हें हार मिली। न्यायालय के रुख से हताश लोग अब इस प्रोजेक्ट को मजहब विरोधी बताकर इसे रोकना चाहते हैं। इसके लिए इन लोगों ने दिल्ली के ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान को आगे किया है। हमेशा विवादित बयान देने वाले खान ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है कि ‘सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ के जरिए तीन मस्जिदों को नुकसान हो सकता है। वे मस्जिदें हैं— मानसिंह रोड स्थित ज़ाब्ता गंज मस्जिद, उपराष्ट्रपति आवास की मस्जिद और कृषि भवन की मस्जिद। खान का कहना है कि यदि ‘सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ के कारण किसी मस्ज्दि को नुकसान पहुंचा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस संबंध में खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है।
क्या है ‘सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’
‘सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के बीच में राजपथ पर नए भवन बनाए जाएंगे। नया संसद भवन भी बनाया जाएगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री का नया आवास साउथ ब्लॉक के पास तैयार होना है, जहां पर प्रधानमंत्री कार्यालय है। उपराष्ट्रपति का नया आवास भी नॉर्थ ब्लॉक के नजदीक तैयार होना है। बता दें कि राजपथ पर मौजूद राष्ट्रपति भवन की दोनों ओर की इमारतों को नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक के नाम से जानते हैं, जिनमें सारे महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत इन दोनों इमारतों को संग्रहालय में बदलने की योजना है।
-wen desk
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