बाराबंकी जिला प्रशासन ने गत दिनों रामसनेहीघाट तहसील के आवासीय परिसर में मस्जिद ध्वस्त कराने के बाद अब कमेटी के पदाधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई है. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोन कुमार की ओर से दी गई तहरीर में आरोप लगाया गया है कि कूटरचना करके कागजात तैयार किये गए और तहसील परिसर की आवासीय भूमि को कब्जा किया गया.
इस एफआईआर में मुश्ताक अली, वकील अहमद, मोहम्मद अनीस, मोहम्मद मुस्तकीम, दस्तगीर, अफजाल एवं नसीम को नामजद किया गया. तहरीर के अनुसार, अभियुक्तों ने कमेटी बनाकर रामसनेहीघाट तहसील प्रांगण में उप जिलाधिकारी आवास के सामने अवैध रूप से निर्मित एक इकाई को हेराफेरी एवं कूट रचना करके 5 जनवरी 2019 को वक्फ संपत्ति घोषित करा लिया था. उक्त इकाई अवैध तरीके से सरकारी भूमि पर बनाई गई थी.
उल्लेखनीय है कि बाराबंकी जनपद में राम सनेहीघाट तहसील परिसर में स्थित मस्जिद को प्रशासन के आदेश पर गत दिनों ध्वस्त कर दिया गया था. मुस्लिम पक्ष के लोगों का दावा था कि मस्जिद 100 वर्ष से जयादा पुरानी थी और यह भी कहा गया कि उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड में इसका इन्द्राज भी मौजूद है. मुस्लिम संगठन की तरफ से इस समबन्ध में ज्ञापन भी दिया गया. उसके बाद प्रशासन ने स्पष्ट किया कि हेरफेर करके उस आवासीय परिसर की भूमि को वक्फ सम्पत्ति घोषित कराया गया था.
बता दें कि तहसील परिसर में उप जिलाधिकारी के सरकारी आवास के सामने मस्जिद थी. मस्जिद जिस भूमि पर बनी थी. उसके स्वामित्व का दावा करने वालों को गत 15 मार्च को नोटिस भेज कर पक्ष रखने के लिए कहा गया था. नोटिस तामील होने के बाद मस्जिद परिसर में निवास कर रहे लोग परिसर खाली करके चले गए. गत 18 मार्च 2021 को तहसील प्रशासन द्वारा कब्जा लिया गया. जिलाधिकारी बाराबंकी का कहना है कि आवासीय निर्माण अवैध था. इसी आधार पर एसडीएम रामसनेहीघाट के न्यायालय में न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत सुनवाई की गई और आदेश पारित किया गया. उसी आदेश का अनुपालन कराते हुए कब्जा प्राप्त किया गया.
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