संघ और भाजपा ने रोपड़ में नूरपुरबेदी गांव में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। लेकिन ‘किसानों’ की एक भीड़ ने आकर सब तहस-नहस करना शुरू कर दिया, किसान कानूनों के विरुद्ध नारेबाजी की
आज जब पूरा देश कोरोना महामारी से हर मोर्चे पर संघर्ष कर रहा है वहीं पंजाब में ‘अन्नदाताओं’ के नाम पर उपद्रवियों की भीड़ ने रा.स्व.संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर को उत्पात का मैदान बनाकर उसे स्थगित करने को मजबूर कर दिया।
हुआ यूं कि रोपड़ जिले में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से अस्पतालों में खून की कमी हो गई है। इसे देखते हुए जिले के संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं ने 20 मई को नूरपुरबेदी गांव में रक्तदान शिविर का आयोजन किया। वहां तम्बू लगाए गए, मेज—कुर्सियां लगाई गईं, लेकिन तभी ‘किसानों’ की एक भीड़ ने आकर सब तहस—नहस करना शुरू कर दिया। वे किसान कानूनों के विरुद्ध नारे लगा रहे थे और कुर्सी—मेजों को तोड़ते हुए चेतावनी दे रहे थे कि जब तक किसान कानून वापस नहीं लिए जाते, वे हिन्दू संगठनों का कोई आयोजन नहीं होने देंगे। उन्होंने संघ और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। हिंसक भीड़ के तेवर देख और मामला बढ़ता देख पुलिस को दखल देनी पड़ी और उन्होंने रक्तदान शिविर आयोजकों से अनुरोध किया कि शिविर स्थगित कर दें।
शिविर स्थगित होनेे की खबर सुनकर उपद्रवियों ने वहां अपने झंडे लगाकर देर तक नारेबाजी की। इन पंक्तियां के लिखे जाते वक्त भी वहां तनाव बना हुआ है। किसानों के वेष में आए उन उपद्रवियों के चेहरों पर इस बात पर शर्म का कहीं कोई नामोनिशान नहीं था कि वे अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझते लोगों की जान से खेल रहे हैं, उनके लिए जरूरी रक्त के रास्ते में बाधा बन रहे हैं। यही सोच उन तथाकथित किसानों की भी रही होगी जिन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में आक्सीजन लेकर जा रहे ट्क को टीकरी बार्डर पर दो घंटे से ज्यादा समय तक रोके रखा था। किसानों के वेष में उपद्रवी यह कहते भी घूम रहे हैं कि हिन्दू संगठनों के समर्थकों की दुकानों से सामान न खरीदा जाए। इन हरकतों से भी साफ होता है कि किसानों का नाम को आगे रखकर राजनीतिक उपद्रव की यह दुकान चला कौन रहा है। उल्लेखनीय है कि संघ और भाजपा ने पंजाब में कई स्थानों पर रक्तदान शिविरों को आयोजन किया है और आगे भी अनेक जगह ऐसे शिविर होेने तय हैं।
”पंजाब में कोरोना के संक्रमण के तेजी से बढ़ने के पीछे किसान आंदोलन।”
-तृप्त राजिंदर सिंह, मंत्री, पंजाब
(न्यूज18 को दिए साक्षात्कार में)
पंजाब इन दिनों कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों से त्रस्त है। ‘किसान आंदोलन’ से लौटे लोगों ने गांव—गांव में संक्रमण फैला दिया है। खुलकर नहीं, तो दबी जबान में गांव वाले भी इस बात को स्वीकारते हैं कि दिल्ली आंदोलन से लौटे लोगों की वजह से कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने में आ रही है। सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार में मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में स्वीकार किया है कि पंजाब में कोरोना के संक्रमण के तेजी से बढ़ने की वजह किसान आंदोलन है।
आलोक गोस्वामी
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