कांग्रेस प्रधानमंत्री की छवि बिगाड़ने की कोशिश में जुटी है। इसके लिए उसने इस बार टूलकिट का सहारा लिया है। हंगामे के बीच आरोपों में घिरी कांग्रेस ने मान लिया है कि सोशल मीडिया पर लीक टूलकिट के दो दस्तावेजों में से एक को उसकी रिसर्च विंग ने तैयार किया था।
कोविड-19 से निपटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने के लिए टूलकिट के इस्तेमाल पर कांग्रेस बुरी तरह घिरती जा रही है। इसे लेकर भाजपा हमलावर है। भाजपा ने बुधवार को खुलासा किया कि टूलकिट का लेखक कांग्रेस के रिसर्च विंग का एक सदस्य है। भाजपा ने यह खुलासा कांग्रेस के उस दावे के बाद किया है, जिसमें उसने कहा था कि भाजपा द्वारा पेश दस्तावेज नकली है। साथ ही, कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की धमकी भी दी थी।
संबित पात्रा ने किया खुलासा
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस ने खुद ही टूलकिट लेखक को उजागर कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए सौम्या वर्मा नामक एक महिला का उल्लेख किया। वह तस्वीरों में राहुल गांधी के साथ दिख रही है। संबित पात्रा का दावा है कि सौम्या वर्मा ही टूलकिट की लेखक है। इस टूलकिट का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश को बदनाम करना है। इसमें नए कोविड-19 म्यूटेंट बी.1.617 को ‘इंडियन वैरिएंट’ या ‘मोदी वैरिएंट’ कहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सौम्या के सोशल मीडिया प्रोफाइल में लिखा है कि वह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के रिसर्च विंग की सदस्य है और सीधे तौर पर कांग्रेस नेता प्रोफेसर राजीव गौड़ा के लिए काम करती है।
पात्रा ने टूलकिट लेखक के दस्तावेज भी पेश किए हैं, जिसमें परियोजना का नाम ‘सेंट्रल विस्टा वैनिटी प्रोजेक्ट एआईसीसी रिसर्च’ दिया गया था। साथ ही, उन्होंने जो तस्वीरें जारी की हैं, उनमें एआईसीसी रिसर्च टीम के सदस्य के रूप में सौम्या वर्मा, राहुल गांधी और गौड़ा के साथ है। इससे पूर्व कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संबित पात्रा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दी थी। कांग्रेस का दावा है कि कोविड महामारी से निपटने में सरकार की नाकामी पर से देश का ध्यान भटकाने के लिए फर्जी तरीके से टूलकिट का मामला पेश किया गया। वहीं, पात्रा का कहना है कि ‘कांग्रेस टूलकिट’ का इस्तेमाल राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई नेताओं द्वारा किया गया है। ‘यह सबूत पर्याप्त होना चाहिए।‘
… और अपने मुहिम में जुट गई कांग्रेस
उन्होंने कहा, “टूलकिट में उल्लेख किया गया है कि कैसे एक निश्चित वैरिएंट को भारतीय या मोदी वैरिएंट कहा जाना चाहिए। राहुल गांधी ने कोविड को मोदी महामारी के रूप में ट्वीट किया और एक कांग्रेस नेता की बेटी सोनिया फलेरियो ने वायरस के वैरिएंट को मोदी वैरिएंट कहा है। शशि थरूर ने भी इसे एक इंडियन वैरिएंट कहा है, जैसा कि टूलकिट में बताया गया है। अब हम टूलकिट की उत्पत्ति के बारे में जानते हैं।’’ बता दें कि टूलकिट की जांच एनआईए से कराने की मांग करने वाली याचिका भी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। इसमें यह मांग की गई है कि यदि आरोप सच साबित हुए तो कांग्रेस पार्टी की सदस्यता भी निलंबित की जानी चाहिए। इस याचिका में अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने कांग्रेस पार्टी, भारत संघ (यूनियन ऑफ इंडिया) और चुनाव आयोग को प्रतिवादी बनाया है।
कांग्रेस ने कुछ तो कबूला
टूलकिट पर हंगामे और भाजपा के तीखे हमले के बाद कांग्रेस नेता राजीव गौड़ा ने माना है कि टूलकिट के लीक दो दस्तावेजों में से एक को एआईसीसी द्वारा तैयार किया गया था। कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद राजीव गौड़ा ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। गौड़ा एआईसीसी के रिसर्च विंग के अध्यक्ष भी हैं। ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘‘सेंट्रल विस्टा परियोजना पर हमने पार्टी के लिए एक शोध पत्र बनाया है। यह वास्तविक और तथ्यों पर आधारित है।’’ साथ ही, उन्होंने दावा किया कि भाजपा मूल दस्तावेज के लेखक का डेटा दिखाकर उसे फर्जी दस्तावेज से जोड़ रही है। अपने ट्वीट में गौड़ा ने लिखा है, ‘कल मैंने ट्वीट किया था कि ‘कोविड-19 टूलकिट’ फर्जी है और ‘मेड इन बीजेपी प्रोडक्ट’ है।
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