चीन की वैक्सीन साइनोफार्म की दो खुराकों के बाद भी एंटीबॉडीज न बनने से अब शासन लगवाने को कह रहा है तीसरी खुराक। लोगों में चीन की कंपनी को लेकर बढ़ रहा संदेह
कोरोना से जूझते दुनिया के देशों में बचाव के लिए जहां एक ओर वैक्सीन लगवाने की आपाधापी दिख रही है, लोग वैक्सीन केन्द्रों पर लंबी कतारों में लग कर खुद को महामारी से सुरक्षित करने की आस बांधे हैं। वहीं संयुक्त अरब अमीरात से वैक्सीन को लेकर एक चौंकाने वाली खबर मिली है। संयुक्त अरब अमीरात में चीन की वैक्सीन साइनोफार्म की दो खुराकें कोई असर नहीं पैदा कर रही हैं, कोई एंटीबॉडीज नहीं बना रही हैं, लिहाजा अब वहां के शासन ने लोगों को तीसरी खुराक लगवाने को कहा है।
संयुक्त अरब अमीरात के जो लोग चीन की वैक्सीन साइनोफार्म की दो खुराक लगवा चुके हैं अब उन्हें तीसरी खुराक दिए जाने की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन वहां के लोगों में चीन की इस वैक्सीन को लेकर संदेह गहराता जा रहा है। बहुत बड़ी तादाद है ऐसे लोगों की जो इस वैक्सीन के प्रभावी होने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं और तीसरी खुराक के भी बेअसर होने के कयास लगा रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात ने अपने यहां चीन की इस वैक्सीन को लगाने की मंजूरी तो दी थी लेकिन इसकी गुणवत्ता को लेकर अब उनके मन में भी सवाल उठने लगे हैं।
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्ीय आपात संकट एवं आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि चीनी वैक्सीन की दो खुराक लगवा चुके लोगों को लगाने के लिए तीसरी खुराक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। यह खुराक छह महीने पहले दूसरी खुराक लगवा चुके लोगों के लिए है। उल्लेखनीय है कि चीन की कंपनी साइनोफार्म को विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन प्राप्त है, ठीक वैसी ही जैसे चीन से कोरोना वायरस फैलना शुरू होते ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन को बेकसूर ठहराना शुरू कर दिया था। लेकिन अब साइनोफार्म की तीसरी खुराक लेने से संयुक्त अरब अमीरात के लोग हिचक रहे हैं, उन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस कंपनी को हरी झंडी देने के पीछे भी निहितार्थ दिखाई दे रहे हैं। लिहाजा वहां भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की निष्पक्षता को लेकर संदेह खड़ा हो गया है। इस वैक्सीन की कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी क्षमता पर ही सवाल उठने लगे हैं।
साइनोफार्म के बेअसर रहने संबंधी एक खबर द नेशनल न्यूज पेपर में गत मार्च में छपी थी, जिसमें इस वैक्सीन की दूसरी खुराक लगवाने के बाद भी एंटीबॉडीज नहीं बनने का खुलासा किया गया था। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दावा किया था कि चीन की कोरोना वायरस वैक्सीन हर उम्र के लोगों में करीब 79 प्रतिशत प्रभावी है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त अमीरात विश्व के उन कुछ देशों में है जिसने बहुत जल्दी ही कोरोना वैक्सीन लगानी शुरू कर दी थी। वहां अब तक 1.15 करोड़ लोग इस वैक्सीन की दोनों खुराक लगवा चुके हैं। वैसे तो संयुक्त अरब अमीरात में फाइजर और ऐस्ट्राजनेका की भी वैक्सीनें भी लगाई जा रही हैं, लेकिन सबसे ज्यादा जोर चीन की वैक्सीन पर ही रहा था। लेकिन अब उसके बेअसर रहने से लोगों और शासन की चिंताएं बढ़ना स्वाभाविक है।
आलोक गोस्वामी
टिप्पणियाँ