इन दिनों कच्छ से कछार और कश्मीर से कन्याकुमारी तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक के कार्यकर्ता कोरोना से पीड़ित लोगों की सेवा कर रहे हैं। सुदूर पूर्वोत्तर के मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में भी संघ के स्वयंसेवक और सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम आदि संगठनों के कार्यकर्ता दिन-रात काम कर रहे हैं
इस वैश्विक महामारी से हर कोई परेशान है। स्थिति यह है कि लोग अपनों की भी देखभाल नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ और उसके आनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता पीड़ित लोगों की सेवा करने में लगे हैं। जहां जैसी व्यवस्था बन पा रही है, स्वयंसेवक और कार्यकर्ता दिन-रात समाज की सेवा कर रहे हैं। इस रपट में विभिन्न राज्यों से मिले समाचारों को समेटने का प्रयास किया गया है।
मेघालय
पूर्वोत्तर का एक प्रमुख राज्य है मेघालय। यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक और सेवा भारती के कार्यकर्ता कई तरह के कार्य कर रहे हैं। बहुत सारे स्वयंसेवक आयुष मंत्रालय की दवा वितरित करने में सहयोग कर रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं ने अब तक 3,000 घरों तक दवाई पहुंचाई है। इसके साथ ही शिल्लोंग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल ‘निग्रिम्स’ में संघ के स्वयंसेवक कोरोना मरीजों की मदद में लगे हैं। जबकि सेवा भारती के कार्यकर्ता लॉकडाउन के कारण रोजी-रोटी छिन गए लोगों की सहायता कर रहे हैं। ये कार्यकर्ता प्रतिदिन पिछड़े इलाकों में जा रहे हैं और जरूरतमंदों को राशन किट दे रहे हैं। अब तक 8,000 से अधिक राशन के किट यहां वितरित किए गए हैं। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं और जरूरत होने पर उन्हें दवाई भी दे रहे हैं।
कार्यकर्ताओं ने अन्य प्रांतों के 635 से अधिक विद्यार्थियों के लिए भोजन की व्यवस्था की है। ऐसे ही 243 छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने का कार्य भी किया गया है। स्वयंसेवक जरूरतमंदों के लिए रक्तदान भी कर रहे हैं। अब तक 27 स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया है। कार्यकर्ता जगह-जगह पर तैनात पुलिसकर्मियों के लिए चाय-पानी की व्यवस्था करते हैं। मेघालय के कार्यकर्ताओं ने 600 पशु-पक्षियों के लिए चारे की भी व्यवस्था की है। पूरे मेघालय में संघ परिवार के 500 से अधिक कार्यकर्ता सक्रिय रूप से सेवा कार्यों में लगे हैं।
असम
सेवा भारती, पूर्वांचल और नेशनल मेडिकोज आॅर्गनाइजेशन (एनएमओ) के तत्वावधान में असम के 126 स्थानों पर कोरोना के प्रति जनजागरूकता अभियान चलाया गया। इन जगहों पर कार्यकर्ताओं ने लोगों को बताया कि महामारी को हल्के में न लें और सर्दी-बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों मेें जागरूकता बढ़ी है। वे लोग इस महामारी को लेकर सजग हो गए हैं। सेवा भारती, पूर्वांचल के क्षेत्र संगठन मंत्री श्री सुरेंद्र तालखेड़कर ने बताया कि असम के सभी जिलों में हेल्पलाइन चल रही है। इसके साथ 94 चिकित्सक जुड़े हैं। इस लाइन पर फोन करके अब तक 5,000 लोग चिकित्सकीय सलाह ले चुके हैं। असम में अब तक 1,00,000 से अधिक मास्क बांटे गए हैं। कार्यकर्ता पांच स्थानों पर टीकाकरण केंद्र चला रहे हैं। इन केंद्रों के लिए सरकार टीका उपलब्ध कराती है और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए टीकाकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही कार्यकर्ता घर-घर आवश्यक दवाइयां वितरित कर रहे हैं। पूर्वोत्तर के अन्य पांच राज्यों में भी संघ के स्वयंसेवक सेवा कार्य कर रहे हैं। दक्षिण असम में सेवा भारती द्वारा पांच एम्बुलेंस चलाई जा रही है। इससे लोगों को हर तरह की मदद मिल रही है।
मणिपुर
मणिपुर में सेवा भारती सात टीकाकरण केंद्रों का संचालन कर रही है। इसके साथ ही आम लोगों के लिए हेल्पलाइन जारी की गई है। ‘मोबाइल कोरोना टेस्टिंग लैब’ भी काम कर रही है। जरूरतमंदों को प्जाल्मा मिल सके, इसके लिए कार्यकर्ता प्लाज्मा दान कर रहे हैं।
त्रिपुरा
त्रिपुरा में तीन ‘कोविड केयर सेंटर’ शुरू करने के लिए सेवा भारती के कार्यकर्ता तेजी से काम कर रहे हैं। उम्मीद है कि जल्दी ही इन तीनों में मरीजों का इलाज होने लगेगा। यहां कई रक्तदान शिविर आयोजित हो चुके हैं।
अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में सेवा भारती के कार्यकर्ता कोरोना को लेकर जनजागरूकता अभियान चला रहे हैं। इस अभियान को और विस्तार देने की योजना है।
नागालैंड
नागालैंड में सेवा भारती टीकाकरण केंद्र चला रही है। इसके साथ ही कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को कोरोना के प्रति सजग रहने को कह रहे हैं और मास्क बांट रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश
नाहन में संघ के कार्यकर्ता कोरोना महामारी से मरे लोगों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गत दिनों यहां रह रहे उत्तर प्रदेश के एक परिवार का जवान बेटा नहीं रहा। वृद्ध पिता उसका अंतिम संस्कार करने में समर्थ नहीं थे। स्वयंसेवकों को इसकी जानकारी हुई तो उनके घर पहुंच गए और उनके बेटे का अंतिम संस्कार कराया। ऐसे ही अनेक शवों का अंतिम संस्कार स्वयंसेवकों ने कराए हैं।
बिहार
मधुबनी में संघ के स्वयंसेवक देवदूत बनकर पीड़ित मानवता की सेवा में जुटे हैं। स्वयंसेवक हर पीड़ित परिवार की देखरेख कर रहे हैं और उन्हें जिस चीज की जरूरत होती है, उन तक पहुंचा रहे हैं। मधुबनी के जफरा, सिमरी, मुरलियाचक, केरवार, सलेमपुर आदि गांवों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा का वितरण किया गया।
जम्मू-कश्मीर
गत दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जम्मू और सांबा के विभिन्न अस्पतालों और अन्य स्थानों पर ‘सैनिटाइजेशन’ अभियान चलाया। इसमें स्वयंसेवकों ने अपनी परवाह न करते हुए कार्य किया, ताकि लोग संक्रमण से बच सकें।
झारखण्ड
कोडरमा में संघ के स्वयंसेवक जरूरतमंदों को उनके घर पर नि:शुल्क खाना एवं दवाइयां उपलब्ध करा रहे हैं। इसके साथ ही संघ के कार्यकर्ता समाज में टीकाकरण के प्रति जागरूकता अभियान चला रहे हैं। कार्यकर्ता लोगों से यह भी निवेदन कर रहे हैं कि मास्क जरूर लगाएं और सामाजिक दूरी का पालन करें। गत दिनों जमशेदपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जुगसलाई नगर एवं ‘अच्छे कर्म सेवक ट्रस्ट’ के संयुक्त तत्वावधान में रक्तदान शिविर आयोजित हुआ। इसमें 40 यूनिट रक्त संग्रह किया गया। तीन लोगों ने प्लाज्मा दान हेतु ‘एंटी बॉडी टेस्ट’ करवाया।
सभी रक्तदाताओं को ‘रक्तवीर सम्मान पत्र’ से सम्मानित किया गया। पलामू के मेदिनीनगर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय पर आॅक्सीजन पैदा करने वाले यंत्र कॉन्संट्रेटर की सेवा प्रारंभ की गई है। इससे उन मरीजों को लाभ मिल रहा है, जिनके लिए तुरंत आॅक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। यह सुविधा कुछ घंटों के लिए होती है। जब मरीज को आॅक्सीजन सिलेंडर मिल जाता है तब उसे यहां से दूसरी जगह भेज दिया जाता है।
पंजाब
लुधियाना में संघ के स्वयंसेवकों ने भारत विकास परिषद के विकलांग सहायता केंद्र पर रक्तदान शिविर लगाया है। डीएमसी अस्पताल के डॉक्टर और अन्य चिकित्साकर्मियों की मदद से चल रहे इस शिविर में स्वयंसेवकों के अलावा समाज के अन्य लोग भी बढ़-चढ़ कर रक्तदान कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
सेवा भारती, गाजियाबाद इन दिनों नेहरू नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में 50 बिस्तर और साहिबाबाद इलाके के राजेंद्र नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में 25 बिस्तर के दो ‘आइसोलेशन सेंटर’ चला रही है। इन दोनों केंद्रों पर आॅक्सीजन, दवाइयां, जलपान, फलाहार और आयुर्वेदिक काढ़ा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मरीजों को लाने ले जाने के लिए एंबुलेंस की भी सुविधा है। इन केंद्रों पर कोरोना की नि:शुल्क जांच की जाती है। इंदिरापुरम के शक्तिखंड स्थित कैलाश मानसरोवर भवन में सेवा भारती ने 50 बिस्तर के साथ प्राथमिक उपचार केंद्र शुरू किया है। जौनपुर में संघ की मछलीशहर इकाई ने लोगों की सेवा के लिए हेल्पलाइन नंबर 9451114809 जारी किया है। इस पर संपर्क कर जरूरतमंद यथासंभव लाभ उठा रहे हैं। बिजनौर में भी संघ के कार्यकर्ता सेवा कर रहे हैं।
लॉकडाउन के कारण गोरखपुर में सभी होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट बंद हैं। ऐसे में आसपास के जिलों से इलाज के लिए गोरखपुर पहुंच रहे मरीजों के स्वजनों के सामने नाश्ते और भोजन का संकट खड़ा हो जा रहा है। सेवा भारती के जरिए स्वयंसेवकों ने इन मरीजों के स्वजनों तक भोजन पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। इस अभियान के तहत स्वयंसेवक हर दिन करीब 2,000 लोगों तक निवाला पहुंचा रहे हैं।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ की देखरेख में सेवा भारती, अवध प्रांत के कार्यकर्ता जनपद के महर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल और श्रीराम अस्पताल के पास शिविर लगाकर लोगों के बीच भोजन का वितरण कर रहे हैं। इससे उन लोगों को बड़ी मदद मिल रही है, जो दूरदराज के क्षेत्रों से अस्पताल आते हैं। उन्हें भोजन के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ता है। दर्शन नगर मेडिकल कॉलेज के बाहर लगाए गए भोजन वितरण केंद्र का उद्घाटन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव श्री चंपत राय ने किया, जबकि बिरला धर्मशाला के सामने लगाए गए शिविर का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक श्री कौशल ने किया।
देवरिया खास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में 50 बिस्तर का ‘क्वारंटाइन सेंटर’ बनाया गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं सेवा भारती के पदाधिकारियों की संयुक्त पहल पर बने इस केंद्र से लोगों को बड़ी राहत मिल रही है।
राजस्थान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सेवा भारती समिति एवं विद्या भारती ने गत दिनों बूंदी के खोजागेट स्थित लालकोठी विद्यालय में रक्तदान शिविर आयोजित किया। शिविर में 25 यूनिट रक्तदान हुआ।
हरियाणा
भारत विकास परिषद की महाराणा प्रताप शाखा, गुरुग्राम एवं सेवा भारती की स्थानीय इकाई द्वारा शहर में 340 बिस्तर के तीन ‘कोविड केयर सेंटर’ चालू करने पर काम किया जा रहा है। पानीपत के विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराने के लिए आए लोगों के परिजन सड़क या पार्क के किनारे धूप में ही बैठे रहते हैं। इन लोगों के लिए सेवा भारती ने रहने और खाने का प्रबंध किया है। सेवा भारती ने जीटी रोड पर आर्य गर्ल्स पब्लिक स्कूल के कमरों में बिस्तर लगवाए हैं। कार्यकर्ता खाना भी पहुंचा रहे हैं। इसी तरह एनसी मेडिकल कॉलेज के साथ ही कॉलेज परिसर की जगह पर 112 बिस्तर की व्यवस्था की है। प्रयागराज में सेवा भारती के कार्यकर्ता दिन-रात पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं के साथ लायंस क्लब, इलाहाबाद के कार्यकर्ता भी लगे हैं। संघ की तरफ से जारी हेल्प लाइन नंबर 9335123621 और 8423080062 पर कभी भी मदद के लिए फोन किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश
भोपाल समेत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में संघ का सेवा कार्य जारी है। स्वयंसेवक कई शहरों में ‘आइसोलेशन केंद्र’ चला रहे हैं। राशन और दवाई भी बांट रहे हैं। इसके अलावा ये स्वयंसेवक कोरोना से मर गए लोगों का अंतिम संस्कार भी करा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ऐसे लोगों का अंतिम संस्कार कोई अपना भी नहीं करना चाहता है। ऐसे में भोपाल के स्वयंसेवकों ने अंतिम संस्कार करने का बीड़ा उठाया है।
भोपाल के सुभाष नगर मुक्तिधाम में इन दिनों 12 स्वयंसेवकों का दल पीपीई किट पहनकर प्रात: ही पहुंच जाता है। ये लोग पहले अस्थि संचयन करते हैं। इसके बाद चिता स्थल की सफाई करते हैं। श्मशान घाट पर आने वाली लकड़ियों को व्यवस्थित करते हैं और जरूरत होने पर किसी शव का विवि-विधान से अंतिम संस्कार करते हैं। ऐसे ही संत नगर स्थित विश्राम घाट पर स्वयंसेवक सेवा दे रहे हैं। इस सेवा में 30 स्वयंसेवक लगे हैं, जो आठ-दस की संख्या में बारी-बारी से सेवा करते हैं।
दिल्ली
दिल्ली में सेवा भारती और संघ के कार्यकर्ता 11 ‘आइसोलेशन सेंटर’ चला रहे हैं। ये केंद्र दिल्ली के विभिन्न इलाकों में हैं। इनमें ऐसे कोरोना मरीजों को रखा जाता है, जिनका आॅक्सीजन स्तर 85 से ऊपर होता है। इन मरीजों की देखभाल के लिए डॉक्टर तैनात किए गए हैं। इनकी दवाई, भोजन आदि की व्यवस्था भी कार्यकर्ता ही करते हैं।
इसके अलावा सेवा भारती के तत्वावधान में कई स्थानों पर ‘प्राणवायु ह्वील’ के नाम से जरूरतमंदों के लिए आॅक्सीजन की व्यवस्था की गई है। इसके तहत एक ट्रक में चार बिस्तर की व्यवस्था की गई है। इनके साथ आॅक्सीजन सिलेंडर भी लगाए गए हैं। ये ट्रक अनेक स्थानों पर खड़े हैं। जब भी किसी को आॅक्सीजन की जरूरत होती है, वे वहां जाकर आॅक्सीजन ले लेते हैं।
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