कोराना की विभीषिका में गुजरात स्थित सूरत में बजरंग दल के कार्यकर्ता समाज जन का सहयोग कर रहे हैं. सिविल अस्पताल प्रशासन से चर्चा कर 50 स्वयंसेवकों ने (दो पाली में) मरीजों की देखरेख व उनके खाने पीने का कार्य हाथ में लिया. इससे अस्पताल के 50 प्रशिक्षित कर्मचारी जो कोविड केयर में डॉक्टरों का साथ देते थे, उनको राहत मिली है
महामारी अपने चरम पर है। प्रतिदिन देश में लाखों लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं। पिछले पंद्रह दिन में हजारों ने अपना जीवन खोया है। स्थितियां यह हैं कि दवाइयों से लेकर ऑक्सीजन तक, अस्पताल के बेड से लेकर वेंटीलेटर तक, कोरोना की जांच की तक के लिए लम्बी कतारें लग गयी हैं. ऐसे में यह भी है कि सरकारी और निजी अस्पताल चौबीस घंटे काम कर रहे हैं। फिर भी अस्पतालों के गलियारों में मरीजों को लेटे देखा जा सकता है. इन अस्पतालों के डॉक्टर व कर्मचारी चौबीसों घंटे बिना सांस लिए मरीजों की देखभाल कर रहे हैं व उनके गुस्से का शिकार भी बन रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षित कर्मचारियों की संख्या सीमित होने से नर्सिंग स्टाफ को अधिक काम करना पड़ रहा है, जिसका असर सेवाओं में दिखाई दे रहा है.
ऐसे में समस्या को हल करने के लिए गुजरात स्थित सूरत में बजरंग दल के कार्यकर्ता सहयोग कर रहे हैं. सिविल अस्पताल प्रशासन से चर्चा कर 50 स्वयंसेवकों ने (दो पाली में) मरीजों की देखरेख व उनके खाने पीने, बाथरूम ले जाने व अन्य देखरेख का कार्य हाथ में लिया. इससे अस्पताल के 50 प्रशिक्षित कर्मचारी जो कोविड केयर में डॉक्टरों का साथ देने के लिए मुक्त हो गए, इस प्रकार 15 दिनों से बजरंग दल के कार्यकर्ता अस्पताल प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं.
निःशुल्क काढ़ा वितरण का कार्य भी निरंतर जारी है। प्रतिदिन लगभग एक हजार लोगों को काढ़ा वितरित किया जा रहा है. बजरंग दल अंतिम संस्कार की व्यवस्था के अंतर्गत भी कार्य कर रहा है. जहां सिविल अस्पताल में गुजर गए व्यक्ति (जिनके परिवार से कोई नहीं है) का दाह संस्कार करते हैं। इस कार्य में 5 स्वयंसेवकों के साथ एक शव वाहिनी चौबीस घंटे सेवा में रहती है व प्रतिदिन 3-5 दाह संस्कार बजरंग दाल द्वारा किये जा रहे हैं। कार्यकर्ता यह सेवा कार्य कर रहे हैं।
बजरंग दल सूरत महानगर के प्रमुख देवी प्रसाद दुबे कहते हैं कि कार्यकर्ता हमेशा समाज के साथ संकट की घड़ी में खड़े हैं। आगे भी और अधिक स्वयंसेवकों को जोड़ने की आवश्यकता पड़ी तो बजरंग दल तत्पर रहेगा.
अस्पताल से बाहर शमशानों में भी सेवकों की कमी दूर करने के लिए विहिप के 50 कार्यकर्ता सूरत के रामनाथ घेला अंतिम क्षेत्र, उमरा में रात-दिन मृतदेहों का अंतिम संस्कार करने में लगे हैं. सूरत के एक अन्य शमशान घाट कैलाश मोक्ष धाम, कठोर में 22 स्वयंसेवक अंतिम क्रिया संपन्न कर रहे हैं. संजय बंसल, सह-महामंत्री विहिप सूरत महानगर बताते हैं कि 9 अप्रैल से सतत यह कार्य जारी है और जब तक आवश्यकता पड़ेगी, कार्य चलता रहेगा, अन्य शमशान घाटों का व्यवस्थापन यदि करना पड़े तो हम उसके लिए तैयार हैं.
इसी कड़ी में विहिप द्वारा अमरोली विस्तार में होम आइसोलेशन के लोगों को प्रतिदिन घर पर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें घर की बहनें भोजन तैयार कर 150 लोगों को भोजन करा रही हैं
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