कोराना की विभीषिका में सेवा भारती के कार्यकर्ता हर स्तर पर समाज की सेवा में लगे हुए हैं। लेकिन कांग्रेस नेताओं को यह सेवा कार्य रास नहीं आ रहा. यही वजह रही कि पाली के प्रशासन पर दबाव बनाकर एक शिविर को बंद कराया गया
राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर के बीच संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इस दौरान राज्य के अलग—अलग इलाकों में फ्रंटलाइन कोरोना योद्धा चिकित्सा कर्मी एवं अन्य अपना जीवन दांव पर लगाकर मरीजों का जीवन बचाने में लगे हैं. इस कठिन समय में सेवा भारती के कार्यकर्ता भी समाज में समस्या को कम करने और प्रशासन व कोरोना योद्धाओं का सहयोग करने का कार्य कर रहे हैं. यह सारा कार्य प्रशासन की अनुमति व प्रशासन द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार हो रहा है. इसी क्रम में गत दिनों पाली के प्रशासन की अनुमति से राजकीय बाँगर अस्पताल में सेवा भारती द्वारा संचालित सहायता केन्द्र का उद्घाटन हुआ था. केंद्र पर सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक कार्यकर्ता तीन पारियों में काढ़ा वितरण, मरीजों के परिजनों के लिए चाय-नाश्ता, भोजन उपलब्धता एवं बाहर से दवाई लाकर देने जैसे कार्य कर मरीजों, उनके परिजनों एवं अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों का सहयोग कर रहे थे. इन सभी कार्यों में कोरोना गाइडलाइन का पूर्ण रूप से पालन भी किया जा रहा था.
लेकिन सत्ता पक्ष के राजनीतिज्ञों या सीधे कहें तो कांग्रेस नेताओं को सेवा कार्य रास नहीं आया. और प्रशासन पर दबाव बनाया गया. जिसके पश्चात प्रशासन ने न चाहते हुए शिविर को बंद करने का निर्देश दिया.
आज देश जिस विपदा के दौर से गुजर रहा है, उसमें सभी का कर्तव्य है कि निजी, वैचारिक एवं राजनैतिक द्वेष भुलाकर एक दूसरे के साथ खड़े हों एवं इसी पावन उद्देश्य को लेकर सेवा भारती द्वारा भी यह सहायता केंद्र शुरू किया गया था. लेकिन, प्रदेश के सत्तारुढ़ दल को नागवार गुजरा और राजनैतिक द्वेष के चलते प्रशासन पर दबाव बनाकर केंद्र बन्द करवाया गया।
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