दिल्ली उच्च न्यायालय की कड़ी फटकार के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी दिल्ली सरकार का चेहरा उजागर किया है। गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को एक पत्र लिखकर आक्सीजन आपूर्ति के लिए टैंकर उपलब्ध कराने में असफल करार दिया और कहा कि त्वरित कार्रवाई से कई जान बचाई जा सकती थीं।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि जिस दिन से केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को आक्सीजन का आवंटन किया है तब से अब तक कई दिन बीत चुके हैं, लेकिन दिल्ली सरकार टैंकर का प्रबंध नहीं कर पा रही है। केंद्र सरकार ने देशभर में मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति के लिए औद्योगिक ईकाइयों को आक्सीजन देना बंद कर दिया है, आक्सीजन टैंकर के आने—जाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाए हैं, विदेशों से भी आक्सीजन मंगाई है। देश के अन्य राज्यों से भी आक्सीजन ले जाने के लिए टैंकर का प्रबंध किया, मगर दिल्ली सरकार इसमें भी असफल रही।
मेडिकल आक्सीजन की कमी नहीं
केंद्रीय गृह सचिव ने स्पष्ट किया कि देश में अभी मेडिकल आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। दिल्ली को 480 मीट्रिक टन आक्सीजन आवंटित की गई है, लेकिन दिल्ली को कम आक्सीजन मिलने की जानकारी आती है। दरअसल इसके पीछे असल कारण दिल्ली सरकार की तरफ से टैंकर का प्रबंध नहीं किया जाना है।
बहरहाल, दिल्ली उच्च न्यायालय की कड़ी फटकार और अब गृह मंत्रालय के पत्र से दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का चेहरा दिल्ली वालों के सामने उजागर हो चुका है। यह सच है कि अगर समय रहते दिल्ली सरकार जाग जाती और उचित प्रबंध कर लेती तो अनेक जानें बचाई जा सकती थीं, लेकिन बार—बार टीवी पर विज्ञापन के बहाने आने वाले अरविंद केजरीवाल ने जुबानी जंग के अलावा कुछ नहीं किया।
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