पूरे भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक और विभिन्न संप्रदायों के संत कोरोना पीड़ितों की सहायता में लगे हैं। कोई जरूरतमंदों तक आॅक्सीजन पहुंचा रहा है, तो कोई खाना और दवाई बांट रहा है। कई स्वयंसेवक तो अपनों को खोने के बाद भी दिन-रात समाज के लिए कार्य कर रहे हैं
इन दिनों पूरे देश में प्रतिदिन लगभग 3,50,000 लोग कोरोना से पीड़ित हो रहे हैं। हालत यह है कि अस्पतालों में जगह नहीं बची है। इन सबको देखते हुए राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक , कुछ अन्य समविचारी संगठनों के कार्यकर्ता और अनेक धार्मिक संगठन देश के विभिन्न हिस्सो में ‘आइसोलेशन सेंटर’, भोजन सेवा, आॅक्सीजन की आपूर्ति जैसे कार्य कर रहे हैं।
महाराष्ट्र
पुणे में सामाजिक संस्था ‘जन कल्याण समिति’ ने 450 बिस्तर वाले एक ‘कोविड केयर सेंटर’ का शुभारंभ किया है। यहां सारी सुविधाएं नि:शुल्क हैं। समिति के महाराष्टÑ प्रांत के कार्यवाह तुकाराम नाईक ने बताया कि यह केंद्र 13 अप्रैल से काम कर रहा है। इस समय यहां 400 कोरोना पीड़ितों की देखभाल की जा रही है। यहां मरीजों को 25-25 की संख्या में कई गटों में बांटकर उनकी सेवा की जा रही है। एक गट के मरीजों के लिए एक नर्स और एक सहायक दिन-रात काम कर रहे हैं। इनमें अधिकतर संघ के स्वयंसेवक हैं, जिन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देकर इस काम में लगाया गया है। स्वयंसेवक आठ दिन के लिए इस केंद्र में सेवा करने के लिए आते हैं। आठ दिन के बाद ये स्वयंसेवक केंद्र में ही एक सप्ताह के लिए अपने को अलग-थलग कर लेते हैं। इसके बाद सब कुछ ठीक रहता है तो ये अपने घर चले जाते हैं। उनकी जगह दूसरे स्वयंसेवक काम करते हैं। यह क्रम चलता रहता है। इस केंद्र में रह रहे मरीजों की जांच के लिए पुणे के सह्याद्रि अस्पताल के चार डॉक्टर प्रतिदिन आते हैं। रोगियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए यहां कई तरह के कार्य हो रहे हैं और उनसे किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। यदि किसी मरीज को कुछ ज्यादा तकलीफ होती है, तो उसे किसी अस्पताल में भेजा जाता है। तुकाराम ने यह भी बताया कि पुणे के अलावा नासिक, सांगली, सोलापुर और मुम्बई में भी इस तरह के केंद्र जल्दी ही शुरू हो जाएंगे। जनकल्याण समिति ने पिछले साल भी अप्रैल से लेकर अगस्त तक ‘आईसोलेशन केंद्र’ चलाया था। उस समय कुल 2,500 मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिला था।
इसके अलावा पुणे महानगर के कार्यकर्ता जरूरतमंद लोगों के लिए ‘प्लाज्मा’ की व्यवस्था कर रहे हैं। नागपुर के कैंसर अस्पताल में कोरोना पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था की गई है। इस अस्पताल में 100 बिस्तर का ‘कोरोना केयर सेंटर’ चालू हो गया है। संभाजी नगर में स्वयंसेवकों ने कोरोना का टीका लगवाने के लिए जनजागरण अभियान शुरू किया है। मुम्बई के कांदिवली स्थित पावन धाम जैन मंदिर को ‘कोविड केयर सेंटर’ में तब्दील कर दिया गया है। यहां 100 मरीजों की देखभाल हो रही है। मंदिर के सेवक प्रदीप मेहता ने बताया, ‘‘महामारी को देखते हुए पांच तल वाले इस मंदिर को पूरी तरह ‘कोविड केयर सेंटर’ में बदल दिया गया है, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।’’
बुलढाणा जिले में शेगांव के संत गजानन महाराज मंदिर में कोरोना संदिग्धों और रोगियों के लिए 500 बिस्तर के अलग-अलग ‘आइसोलेशन केंद्र’ बनाए गए हैं। यहां स्थित सामुदायिक रसोई में 2,000 लोगों के लिए दोपहर और रात का भोजन तैयार किया जाता है। अधिकतर प्रवासी श्रमिक बुलढाणा के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में रुके हुए हैं। उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई है।
गुजरात
सौराष्टÑ प्रांत के कार्यकर्ताओं ने कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए अनेक कार्यक्रम शुरू किए हैं। ये कार्यकर्ता जरूरतमंदों तक आॅक्सीजन पहुंचाने से लेकर औषधि और काढ़ा बांटने का भी कार्य कर रहे हैं। वहीं गुजरात में संघ के स्वयंसेवकों ने एक अनूठा अभियान शुरू किया है। कर्णावती, राजकोट, वडोदरा, मोडासा, आणंद, कच्छ, पाटन, जूनागढ़, गांधी नगर, महेसाणा आदि शहरों में आयुर्वेद के विशेषज्ञों के जरिए लोगों को बताया जा रहा है कि किस तरह की जीवनशैली हो और कोरोना से पीड़ित लोग कैसी सावधानियां रखें।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के इंदौर, ग्वालियर, भोपाल आदि शहरों में संघ के स्वयंसेवक अपनी परवाह न करते हुए कोरोना पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। इंदौर में राधा स्वामी सत्संग व्यास के विशाल प्रांगण को ‘कोविड सेंटर’ में बदल दिया गया है। यहां रोगियों की देखभाल के लिए संघ के स्वयंसेवक लगे हुए हैं। इस केंद्र में उन कोरोना पीड़ितों को रखा गया है, जिनके घर में अलग से रहने के लिए कोई जगह नहीं है। केंद्र में 1,000 रोगियों के रहने की व्यवस्था है। वहीं विद्या भारती भी इस महामारी का मुकाबला करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार का सहयोग कर रही है। विद्या भारती ने ग्वालियर स्थित अपने सभी विद्यालयों को सरकार को सौंप दिए हैं। उन विद्यालयों में कोरोना पीड़ितों को रखा गया है। भोपाल में भी संघ के कार्यकर्ताओं ने चार ‘क्वारंटाइन सेंटर’ शुरू किए हैं। गांधी नगर के सेवा भारती आश्रम, नारियल खेड़ा और कोटरा के शिशु मंदिरों में ये केंद्र चल रहे हैं। इनमें 70 मरीजों की देखभाल करने की क्षमता है। भोपाल स्थित जैन समाज की चार धर्मशालाओं के दरवाजे भी कोरोना के मरीजों के लिए खोल दिए गए हैं। भोपाल के गुजराती समाज ने भी ‘गुजराती भवन’ को कोरोना पीड़ितों के लिए दे दिया है।
भोपाल सहित राज्य के अन्य स्थानों पर स्वयंसेवकों ने टीकाकरण के प्रति जागरूकता अभियान चलाया है। स्वयंसेवक लोगों से कह रहे हैं कि 45 वर्ष तक के जिन लोगों ने अब तक कोरोना का टीका नहीं लगवाया है, वे अवश्य लगवाएं। इसमें किसी को कोई दिक्कत होती है, तो स्वयंसेवक उसे दूर भी करते हैं। इससे टीकाकरण अभियान को गति मिल रही है।
विदिशा में संघ के स्वयंसेवक घर में रहने वाले कोरोना मरीजों तक हर आवश्यक वस्तु पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही मास्क वितरण का कार्य करते हैं। संघ के स्वयंसेवक इंदौर में ‘देवी अहिल्या कोविड केयर सेंटर’ के लिए भी काम कर रहे हैं।
उज्जैन में सेवा भारती और माधव सेवा न्यास के बैनर पर जारी चार ‘हेल्पलाइन नंबर’ के माध्यम से कार्यकर्ता अस्पताल में खाली बिस्तर और आॅक्सीजन की जानकारी दे रहे हैं।
दिल्ली
दिल्ली में संघ के स्वयंसेवक और सेवा भारती के कार्यकर्ता मरीजों की समस्याओं को दूर करने में लगे हैं। दिल्ली सेवा भारती के महामंत्री डॉ. रामकुमार ने बताया कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों के फोन आ रहे हैं। कोई ‘प्लाज्मा’ की मांग करता है, तो कोई ‘इंजेक्शन’ और दवाइयां देने का आग्रह करता है, तो कोई अपने लोगों के लिए आॅक्सीजन की गुहार लगाता है। उन्होंने यह भी बताया कि ‘उत्कर्ष एप’ के जरिए प्रतिदिन 8-10 जरूरतमंदों को ‘प्लाज्मा’ उपलब्ध कराया जा रहा है। जो लोग ‘इंजेक्शन’ और दवाई मांगते हैं, उन्हें दवा कंपनियों की मेल आईडी और नंबर दिए जा रहे हैं। इसके बावजूद किसी को दवा मिलने में दिक्कत होती है, तो कार्यकर्ता उसकी मदद करते हैं और उसे दवा मिल जाती है। इसके अलावा दिल्ली के कार्यकर्ता कई ‘आईसोलेशन सेंटर’ में मरीजों की देखभाल और उन तक आॅक्सीजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं। अक्षरधाम मंदिर के पास 500 बिस्तर का ‘आईसोलेशन सेंटर’ प्रशासन ने शुरू किया है। उसमें डॉक्टर और नर्स सरकारी हैं, पर बाकी के कामों के लिए सेवा भारती के कार्यकर्ता तैनात हैं। महरौली के पास अहिंसा स्थल पर भी 15 बिस्तर वाले ‘आईसोलेशन सेंटर’की शुरुआत हो गई है। यहां मरीजों की मदद के लिए संघ के स्वयंसेवक लगे हुए हैं। इसके अलावा पूरी दिल्ली में लगभग 3,000 कार्यकर्ता जरूरतमंदों तक भोजन, बिस्तर और जरूरी दवाइयां पहुंचाने का काम कर रहे हैं।
झारखंड
झारखंड की राजधानी रांची में सेवा भारती के कार्यकर्ता कोरोना मरीजों की सेवा कर रहे हैं। राष्टÑीय सेवा भारती के वरिष्ठ कार्यकर्ता गुरुशरण प्रसाद ने बताया कि शहर के किसी भी भाग से कोई जरूरतमंद खाना भेजने का निवेदन करता है, तो उस तक खाना पहुंचा दिया जाता है। इसके अलावा कार्यकर्ता लोगों तक आॅक्सीजन पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने देवघर के पास मोहनपुर हाट में संक्रमण की रोकथाम के लिए शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए एक-एक मीटर की दूरी पर गोल घेरा बनाकर रेखांकित किया। ग्राहकों से निवेदन किया जा रहा है कि उक्त घेरे के अंदर से ही किसी भी चीज की खरीददारी करें और कोरोना से बचें।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के सार्वजनिक स्थानों पर स्वयंसेवकों द्वारा लोगों को मास्क वितरण और मास्क लगाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। इसके साथ ही मेरठ महानगर की 32 नगरों की सभी बस्तियों में दवाई के छिड़काव का कार्य भी बहुत तेजी से किया जा रहा है। स्वयंसेवकों ने चिकित्सा विभाग के सहयोग ऐसे संक्रमित लोगों की सूची बनाई है, जो अपने घर पर रह कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, ताकि उन तक नि:शुल्क चिकित्सा और परामर्श पहुंच सके। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के अनेक नगरों और महानगरों में संक्रमण को मात देने की पूरी योजना संघ द्वारा तैयार की गयी है। इसके साथ ही सेवा भारती और विद्या भारती के कार्यकर्ता भी काम कर रहे हैं।
कानपुर में स्वयंसेवकों ने ‘एंबुलेंस सेवा’ शुरू की है। इसके जरिए कोरोना के मरीजों को अस्पताल पहुंचाया जाता है।
एकल विद्यालय
एकल विद्यालय ने अपने सभी 1,00,000 विद्यालयों के आचार्यों के जरिए गांव-गांव में जन जागरण का काम शुरू किया है। ये आचार्य लोगों को हनुमान चालीसा और आयुर्वेदिक काढ़ा नि:शुल्क दे रहे हैं। महामारी के दौरान आम आदमी का मनोबल बढ़ा रहे इसलिए एकल विद्यालय के कार्यकर्ता उनसे आग्रह करते हैं कि दिन में पांच बार हनुमान चालीसा पढ़ें।
स्वामिनारायण संप्रदाय
इस महामारी से लोगों को बचाने के लिए स्वामिनारायण संप्रदाय के साधु और भक्त पूरी ताकत से लगे हैं। इस संप्रदाय के वडताल (गुजरात) मंदिर में रहने वाले संत वल्लभदास ने बताया कि गुजरात और महाराष्टÑ में स्वामिनारायण संप्रदाय नौ ‘आईसोलेशन सेंटर’ चला रहा है। ये केंद्र कर्णावती, वडोदरा, वडताल, सालंगपुर, राजकोट, खंभात, जलगांव आदि शहरों में हैं। इनमें सैकड़ों मरीजों की देखभाल की जा रही है। इसके साथ ही इस संप्रदाय के सभी 12 अस्पतालों में केवल कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है। संप्रदाय के अतिथिगृहों को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। मंदिरों में भक्तों को न आने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि संप्रदाय पूरी क्षमता के साथ मरीजों की मदद कर पाए। इस संप्रदाय के गुजरात में रह रहे कुल 1,200 साधुओं में से बुजुर्ग साधुओं को छोड़कर शेष सभी साधु किसी न किसी तरह की सेवा कर रहे हैं। कोई जरूरतमंदों तक खाना पहुंचा रहा है, कोई आॅक्सीजन की आपूर्ति में मदद दे रहा है, कोई लोगों को टीका लगवाने में सहायता कर रहा है।
कुछ महीने पहले तक स्वामिनारायण संप्रदाय ने ‘वंदे भारत मिशन’ के अंतर्गत विदेश से आने वाले लोगों के लिए भी नि:शुल्क रहने की व्यवस्था की थी। उल्लेखनीय है कि इस मिशन के तहत भारत आने वाले लोगों को एक हफ्ते तक घर नहीं जाने दिया जाता है। उसे अपने खर्च पर किसी होटल में रहना पड़ता है, जो काफी महंगा पड़ता है। इसलिए इस संप्रदाय ने गुजरात आने वाले लोगों को अपने अतिथिगृहों में रुकवाया।
गायत्री परिवार
अखिल विश्व गायत्री परिवार ने भी कोरोना को परास्त करने के लिए कमर कस ली है। इसके साधक हरिद्वार के अलावा देश के लगभग 250 स्थानों पर भोजन और जनजागरण अभियान चला रहे हैं। हरिद्वार में गायत्री परिवार द्वारा संचालित देव संस्कृति विश्वविद्यालय के अथर्व भवन का प्रयोग ‘कोविड केयर सेंटर’ के रूप में हो रहा है। विश्वविद्यालय के उप कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने बताया, ‘‘गायत्री परिवार ने हरिद्वार और देहरादून जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि महामारी के इस दौर में गायत्री परिवार से जो भी सहयोग चाहिए, नि:संकोच बताएं। इसके साथ ही हमारे साधक आवश्यक सेवाओं में लगे कार्यकर्ताओं और सुरक्षा बलों के लिए भोजन तैयार कर उन तक पहुंचा रहे हैं। पिछले साल भी परिवार के साधकों ने बड़े पैमाने पर इस तरह के कार्य किए थे।’’ इसके अलावा मुंबई के वासी स्थित ‘गायत्री साधना केंद्र’ को प्रशासन को दे दिया गया है। वहां इन दिनों 100 कोरोना मरीजों की देखभाल की जा रही है।
जूना अखाड़ा
जूना अखाड़ा और आचार्य महासभा ने प्रधानमंत्री के आग्रह पर हरिद्वार में चल रहे कुंभ को समय से पहले विसर्जित कर कोरोना संक्रमण को रोकने में सरकार का सहयोग किया। जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी कहते हैं, ‘‘किसी भी आपदा का सामना सकारात्मक विचारों से ही किया जा सकता है। इसलिए संत समाज ने सरकार के निवेदन पर कुंभ को समय से पहले विसर्जित कर दिया। अब हमारे संत लोगों को कोरोना से बचाने के लिए जन जागरण अभियान चला रहे हैं।’’
उम्मीद है कि हमारे संतोें और स्वयंसेवकों की मेहनत बेकार नहीं जाएगी और देश जल्दी ही इस महामारी को परास्त कर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ चलेगा।
अरुण कुमार सिंह
टिप्पणियाँ