गोसेवा के नाम पर कांग्रेस के चहेते डकार गए सरकारी पैसा
May 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत राजस्थान

गोसेवा के नाम पर कांग्रेस के चहेते डकार गए सरकारी पैसा

by WEB DESK
Mar 26, 2021, 01:33 pm IST
in राजस्थान
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

क्या आपने कभी दीन मोहम्मद गोशाला, सिकन्दर गोशाला, जन्नत गोशाला, क़ादरी गोशाला, गुल रोशन गोशाला, अमन गोशाला जैसे नामों से गोशाला देखी या सुनी हैं, जिनमें गोवंश की सेवा की जा रही हो। जी हाँ, राजस्थान में इन्हीं नामों से फर्जी गोशालाओं का रैकेट चलाकर सरकारी अनुदान को हजम किया जा रहा है। हैरत की बात तो यह है कि गोवंश की तस्करी करने व “बीफ” खाने वाले कांग्रेस के कृपा पात्र लोग ही इस घोटाले को अंजाम दे रहे हैं। घोटाले का भंडाफोड़ हुआ है राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर जिले में, जहां गोसेवा के नाम पर मुसलमानों द्वारा फर्जी गोशालाओं का रैकेट चलाकर राज्य व केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सालाना करोड़ों रुपए का सरकारी अनुदान उठाकर सरकारी खजाने को चपत लगाई जा रही है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि धरातल पर गोवंश के लिए कोई भी व्यवस्था दिखाई नहीं देती है। गोवंश संरक्षण के नाम पर संचालित गोशालाओं में बड़े घपले की रिपोर्ट मिलने के बाद पशुपालन विभाग की टीम के निरीक्षण के दौरान गोशालाओं के संचालकों की पोल खुल गई। घोटाले का भंडाफोड़ होने के बाद अब गोपालन विभाग के मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। वहीं राज्य सरकार में जिले के एक बड़े राजनेता द्वारा ऐसे लोगों संरक्षण देने की भी चर्चा आम है।

प्रदेश में गोशालाओं के नाम पर फर्जीवाड़े का खुलासा लगातार हो रहा है। अधिकारियों ने भौतिक सत्यापन किया तो सीमावर्ती जैसलमेर जिले में संचालित 25 गोशालाओं में से 12 में एक भी गोवंश नहीं मिला, जबकि लंबे समय से अनुदान उठाया जा रहा है। इनमें से छह गोशालाओं में 1814 गोवंश बताकर एक साल में 62 लाख का अनुदान सरकार से लिया गया। जिले की 20 गोशालाओं में गोवंश के लिए छाया का प्रबंध नहीं है, केवल पांच में ही पक्की छत मिली। जैसलमेर के नोडल जांच अधिकारी उमेश वारंगटियार ने फर्जीवाड़े का उदाहरण देते हुए बताया कि फर्जीवाड़ा करने वाली गोशालाओं में से एक ने 345 पशु बताकर पिछले साल 12 लाख 7 हजार 800 रुपये का अनुदान उठाया, लेकिन जब भौतिक सत्यापन किया गया तो एक भी पशु मौके पर नहीं मिला। लखा गांव की गोशाला में 201 गोवंश बताकर छह लाख 48 हजार का अनुदान उठाया गया, लेकिन मौके पर एक भी पशु नहीं मिला। इसी तरह गुल रोशन गोशाला में 333 गायें बताकर 11 लाख 61 हजार का अनुदान सरकार से लिया गया, लेकिन भौतिक सत्यापन किया गया तो वहां ताले लगे हुए थे। एक गोशाला में 315 गोवंश कागजों में दिखा कर 10 लाख 75 हजार 200 रुपये का अनुदान सरकार से लिया गया, लेकिन मौके पर एक भी पशु नहीं मिला।

जैसलमेर जिले में इस तरह का फर्जीवाड़ा अन्य कई गोशालाओं में सामने आया है। ख्वाजा ग़रीब नवाज़ गोशाला में पिछले साल के 273 की तुलना में इस साल 26, वृंदावन गोशाला में पिछले साल की 208 की तुलना में इस साल 77, मुहम्मद गोशाला सूजियों की ढ़ाणी में पिछले साल 205 की तुलना में इस साल 72, चांधन स्थित पन्नोधराय गोशाला में पिछले साल 203 की तुलना में इस साल 71, चांधन की आईदान गोशाला में पिछले साल 325 की तुलना में 30, भागु का गांव की जैसाण कादरी गोशाला में पिछले साल की 535 की तुलना में 230, जैसुराणा की दीन मोहम्मद गोशाला में पिछले साल की 381 की तुलना में इस साल 170, जन्नत गोशाला में पिछले साल 418 की तुलना में 80 व सिकंदर गोशाला में पिछले साल 455 की तुलना में इस साल मात्र 50 गोवंश ही मिले है।

इस तरह के मामले सामने आने के बाद गोपालन मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। जिला पशुपालन अधिकारियों से गोशालाओं का भौतिक सत्यापन करने के लिए कहा गया है। सरकार से अनुदान लेने वाली सभी गोशालाओं की जांच का निर्णय लिया गया है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश की गोशालाओं को 274.25 करोड़ का अनुदान दिया गया था।

इन छह उदाहरणों से समझिए गोशालाओं में फर्जीवाड़े का खेल

1 :- काठोड़ी उत्थान संस्थान द्वारा संचालित गोशाला में इस साल एक भी गोवंश नहीं मिला है। पिछली बार इस गोशाला में 416 गोवंश के नाम पर 14 लाख 29 हजार 200 रुपए का अनुदान उठाया गया था। इस बार भौतिक परीक्षण में गोशाला में दूसरी भी कोई सुविधा नहीं मिली। यहाँ तक कि चारा भंडार व भवन भी नहीं मिला।

2​​​​​​ :- जंज विकास संस्थान द्वारा संचालित गोशाला द्वारा पिछली बार 345 पशुओं के हिसाब से सरकार द्वारा 12 लाख 7 हजार 800 रुपए का भुगतान हुआ था। इस बार अचानक हुए निरीक्षण के दौरान पशु उपलब्ध नहीं थे। पिछले कई सालों से गोशाला संचालक करोड़ों रुपए का अनुदान उठा रहे थे।

​​​​​3 :- लखा गांव में संचालित रता बाबा गोशाला विकास संस्थान में पिछले साल 201 गोवंश के लिए 6 लाख से अधिक का अनुदान जारी हुआ था। इस साल भौतिक परीक्षण में मौके पर एक भी पशुधन नहीं पाया गया है। इस बार अचानक हुए भौतिक परीक्षण के कारण गोशाला की पोल खुलकर सामने आ गई।

​​​​​​​4 :- चांधन के मंगलियों की ढ़ाणी में संचालित अमन गोशाला में पिछले साल 204 गोवंश के लिए रु० 7,02,000 का अनुदान दिया गया था। इस साल भौतिक परीक्षण में एक भी पशु गोशाला में नहीं दिखा। इस गोशाला द्वारा भी पिछले सालों में लाखों रुपए का अनुदान उठाया गया है।

​​​​​​​5 :- जैसुराणा में संचालित गुल रोशन गोशाला में पिछले साल 333 पशुधन बताएं गए थे। जिस पर पशुपालन विभाग द्वारा रु० 11,61,000 का अनुदान जारी किया गया था। इस बार हुए भौतिक परीक्षण में इस गोशाला में एक भी पशु नहीं मिला। हर साल इस गोशाला द्वारा लाखों रुपए अनुदान के नाम पर उठा लिए जाते है।

6 :- हमीरा के जैसुराणा में ही संचालित चानणे विकास एवं सेवा संस्थान द्वारा संचालित गोशाला में पिछली बार 315 गोवंश थे। सरकार ने रु० 10,78,200 का भुगतान भी जारी किया था। इस साल हुए भौतिक परीक्षण से गोशाला की वास्तविक सच्चाई सामने आ गई है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

शशि थरूर

‘Operation Sindoor’ से हमें क्या मिला? पत्रकार के तंज वाले सवाल पर शशि थरूर का जोरदार जवाब

गीता पर हाथ रखकर शपथ लेतीं अनीता आनंद

कनाडा में भारतीय मूल की अनीता आनंद ने रचा इतिहास, गीता पर हाथ रखकर ली मंत्री पद की शपथ… जानिए भारत से क्या है कनेक्शन

अपनी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के साथ गौरव गोगोई

गंभीर आरोपों से घिरे गौरव

Dehradun illegal Majar demolished

उत्तराखंड:  दून अस्पताल मजार का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, 15 को सरकार रखेगी अपनी बात

भोपाल लव जिहाद : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची भोपाल, 2 दिन करेगी जांच, पीड़िताओं से अपील

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में छंटनी

माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी, 6000 कर्मचारी होंगे प्रभावित, नौकरी का संकट, क्या AI बना वजह

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

शशि थरूर

‘Operation Sindoor’ से हमें क्या मिला? पत्रकार के तंज वाले सवाल पर शशि थरूर का जोरदार जवाब

गीता पर हाथ रखकर शपथ लेतीं अनीता आनंद

कनाडा में भारतीय मूल की अनीता आनंद ने रचा इतिहास, गीता पर हाथ रखकर ली मंत्री पद की शपथ… जानिए भारत से क्या है कनेक्शन

अपनी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के साथ गौरव गोगोई

गंभीर आरोपों से घिरे गौरव

Dehradun illegal Majar demolished

उत्तराखंड:  दून अस्पताल मजार का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, 15 को सरकार रखेगी अपनी बात

भोपाल लव जिहाद : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची भोपाल, 2 दिन करेगी जांच, पीड़िताओं से अपील

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में छंटनी

माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी, 6000 कर्मचारी होंगे प्रभावित, नौकरी का संकट, क्या AI बना वजह

सबक लें, ’डंप’ से बचें

Israel Hamas War Benjamin Netanyahu

नेतन्याहू का ऐलान: जब तक हमास का अंत नहीं होता, गाजा में युद्ध नहीं रोकेगा इजरायल

पाकिस्तान उच्चायोग का एक अधिकारी भारत से निष्कासित, ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित, भारतीय सेना की जानकारी लीक करने का आरोप

मप्र-महाराष्‍ट्र सरकार की पहल : देश को मिलेगा 5 ज्योतिर्लिंगों का सर्किट, श्रद्धालु एक साथ कर पाएंगे सभी जगह दर्शन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies