क्वाड शीर्ष सम्मेलन और 'ड्रैगन' की छटपटाहट
December 10, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • वेब स्टोरी
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • जनजातीय नायक
No Result
View All Result
Panchjanya
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • पत्रिका
  • वेब स्टोरी
  • My States
  • Vocal4Local
होम भारत

क्वाड शीर्ष सम्मेलन और ‘ड्रैगन’ की छटपटाहट

by WEB DESK
Mar 22, 2021, 05:03 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हाल में सम्पन्न क्वाड सम्मलेन के बाद जारी बयान से चीन तिलमिलाया हुआ है। हालांकि इसमें चीन का उल्लेख नहीं किया गया, लेकिन पड़ोसी देश जानता है कि इशारा उसी की ओर है। इसलिए वह असहज है और प्रलाप कर रहा है। उसका कहना है कि अमेरिका ‘एशियाई नाटो’ बनाने की कोशिश में है जो कभी सफल नहीं होगीp36_1 H x W: 0क्वाड देशों के पहले वर्चुअल सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री सुगा और आॅस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन

पिछले दिनों क्वाड देशों का पहला शीर्ष सम्मेलन हुआ। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन, जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा तथा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन शामिल हुए। कोविड-19 के कारण इस वर्चुअल सम्मेलन के अंत में जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, चारों देशों के नेताओं के बीच कई विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें कोरोना वैक्सीन के उत्पादन व आपूर्ति, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण चीन सागर, जलवायु परिवर्तन, नई तकनीक, ऊर्जा उत्पादन, साइबर सुरक्षा, नियमों पर आधारित सामुद्रिक व्यवस्था, आतंकवाद से लड़ाई, आपदा में मानवीय सहायता तथा राहत कार्य, निवेश, विश्व स्वास्थ्य संगठन में सुधार, म्यांमार की स्थिति और उत्तरी कोरिया का विसैन्यीकरण आदि प्रमुख थे।

वैश्विक स्वास्थ्य तथा कोरोना महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार के लिए प्रभावकारी टीके का सुरक्षित व सस्ता उत्पादन बढ़ाने और उसकी न्यायसंगत उपलब्धि के लिए चारों देशों ने संयुक्त रूप से कार्य करने पर प्रतिबद्धता जताई। क्वाड के सदस्य हिंद-प्रशांत और उसके आगे के क्षेत्रों में खतरों से निपटने व वहां सुरक्षा तथा समृद्धि बढ़ाने के लिए एक उन्मुक्त, खुली और नियम आधारित व्यवस्था बनाने पर भी सहमत हुए। सदस्य देशों ने कानून के शासन, समुद्री और वायु मार्ग से निर्बाध आवागमन, विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा और देशों की क्षेत्रीय अखंडता का भी समर्थन किया। क्वाड के सदस्य देशों का कहना है कि वे पूर्व तथा दक्षिण चीन सागर में चुनौतियों से निपटने के लिए समुद्र को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में वर्णित अंतरराष्ट्रीय कानून को प्राथमिकता देते रहेंगे। वहीं, म्यांमार में लोकतंत्र की तुरंत बहाली, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार, उत्तर कोरिया के पूर्ण विसैन्यीकरण तथा जापानी अपहृतों को तुरंत रिहा करने की मांग भी की गई। उन्मुक्त, खुले, समेकित और लचीले हिंद-प्रशांत के लिए आवश्यक नए परिवर्तनों को सुनिश्चित करने को लेकर भविष्य में नई तकनीक के विकास पर सहयोग की प्रतिबद्धता भी दिखाई गई। इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए सम्मेलन में कई कदमों की घोषणा की गई। 

कोरोना वैक्सीन के सुरक्षित और प्रभावी वितरण के लिए चारों देश संयुक्त रूप से चिकित्सा, विज्ञान, वित्त पोषण, उत्पादन, वितरण तथा विकास पर काम करेंगे। इसके लिए एक कार्यकारी समूह बनाया जाएगा। ऐसे ही समूह नई तकनीकों के विकास और जलवायु परिवर्तन को लेकर भी बनेंगे। इस सम्मेलन में कोरोना वैक्सीन बनाने और उसे उदारतापूर्वक दुनिया के देशों को उपलब्ध कराने के भारत के कदम की सराहना की गई तथा महामारी से निपटने में भारत का सहयोग आवश्यक माना गया। इसके अलावा, क्षेत्रीय अखंडता के मुद्दे पर चर्चा के दौरान चीन द्वारा सीमा अतिक्रमण की निंदा भी की गई। साथ ही, जापान के बंधकों को तुरंत रिहा करने तथा पूर्व व दक्षिण चीन सागर में मुक्त परिवहन पर जोर देकर आपसी हित एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र को खुला व समेकित बनाने का निश्चय कर आॅस्टेÑलिया एवं अमेरिका के हितों का संवर्धन भी किया गया। 

हालांकि सम्मेलन के बाद जारी बयान में चीन का नाम तो नहीं लिया गया है, लेकिन चीन बौखलाया हुआ है। वह जानता है कि इशारा उसी की तरफ है। बयान में हिंद-प्रशांत क्षेत्र, जहां उसका जापान, ताइवान, फिलिस्तीन, आॅस्ट्रेलिया और वियतनाम के साथ विवाद है, का उल्लेख पांच बार हुआ है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने तत्काल इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका की योजना क्वाड के रूप में एशियाई नाटो बनाने की है जो कभी भी सफल नहीं होगी, क्योंकि गठबंधन में शामिल सभी देशों के हित तथा सरोकार अलग-अलग हैं। नई तकनीकों पर भी चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि इसके लिए आवश्यक दुर्लभ भू-तत्व प्रचुर मात्रा में चीन के पास ही हैं। इसलिए क्वाड की उच्च ‘क्रिटिकल तकनीक’ विकसित करने की योजना सफल नहीं होगी। वैक्सीन के परीक्षण और आपूर्ति पर भी चीन का कहना है कि क्वाड देशों में विकसित वैक्सीन प्रभावी नहीं हैं और इन देशों द्वारा 2022 के अंत तक एक अरब लोगों के लिए वैक्सीन बना लेने का दावा महज आपसी हितों पर विचार विनिमय से अधिक कुछ भी नहीं है। ग्लोबल टाइम्स ने तो अपने 12 मार्च के अंक में भारत को धमकी तक दे दी कि ‘‘भारत को पिछले साल सीमा पर तनाव से यह सबक लेना चाहिए कि चीन के साथ दोस्ती न रखना उसके हित में नहीं होगा।’’

चीन ने क्वाड सम्मलेन को एक तीसरे देश (चीन) के विरुद्ध लक्षित बताया। चीन की सारी प्रतिक्रियाएं एक घायल हिंसक जानवर की प्रतिक्रिया की तरह हैं, जो चारों तरफ से घिर जाने पर आक्रामक होकर घेरे से बाहर निकलने का मार्ग ढूंढता है। बहरहाल, यह आयोजन चीन की स्पष्ट असहजता के रूप में अपना तात्कालिक उद्देश्य प्राप्त करने में सफल रहा, किन्तु कोरोना पर नियंत्रण, ‘क्रिटिकल तकनीक’ का विकास तथा सबसे बढ़ कर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते विस्तारवाद पर लगाम लगाने जैसे दीर्घकालिक उद्देश्यों में क्वाड कहां तक सफल रहता है, यह इसके सदस्य देशों की सदाशयता, प्रतिबद्धता और गंभीरता पर निर्भर है।

निस्संदेह चीन अब अपनी उत्पादन क्षमता, ‘क्रिटिकल तकनीक’ और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास दुगुनी गति से करेगा और अपने मित्र देशों, जिनकी संख्या बहुत कम रह गई है (क्योंकि ज्यादातर तथाकथित दोस्त चीनी कर्ज के मकड़जाल में फंसे होने के कारण मजबूर हैं), से मिल कर नई चालें चलेगा। इसलिए क्वाड देशों को जरूरत है अधिक सावधानी तथा प्रतिबद्धता के साथ आपसी सहयोग करने की।

ShareTweetSendShareSend

संबंधित समाचार

america will sell 14000 Shell to Israel amid war with Hamas

Israel Hamas war: इजरायल को 14000 टैंक के गोले बेचेगा अमेरिका, किया आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल

मोदी है, तो हैट्रिक है

मोदी है, तो हैट्रिक है

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का समापन, साढ़े 3 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू साइन

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का समापन, साढ़े 3 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू साइन

IMA POP 2023 : देश को मिले 343 जांबाज जवान, श्रीलंका के डिफेंस चीफ ने ली सलामी

IMA POP 2023 : देश को मिले 343 जांबाज जवान, श्रीलंका के डिफेंस चीफ ने ली सलामी

ABVP 69th National Convention : भारत माता की जय के नारों से गूंज उठीं दिल्ली की सड़कें

ABVP 69th National Convention : भारत माता की जय के नारों से गूंज उठीं दिल्ली की सड़कें

उत्तराखंड : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परमार्थ निकेतन में की गंगा आरती

उत्तराखंड : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परमार्थ निकेतन में की गंगा आरती

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

america will sell 14000 Shell to Israel amid war with Hamas

Israel Hamas war: इजरायल को 14000 टैंक के गोले बेचेगा अमेरिका, किया आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल

मोदी है, तो हैट्रिक है

मोदी है, तो हैट्रिक है

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का समापन, साढ़े 3 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू साइन

उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का समापन, साढ़े 3 लाख करोड़ से अधिक के एमओयू साइन

IMA POP 2023 : देश को मिले 343 जांबाज जवान, श्रीलंका के डिफेंस चीफ ने ली सलामी

IMA POP 2023 : देश को मिले 343 जांबाज जवान, श्रीलंका के डिफेंस चीफ ने ली सलामी

ABVP 69th National Convention : भारत माता की जय के नारों से गूंज उठीं दिल्ली की सड़कें

ABVP 69th National Convention : भारत माता की जय के नारों से गूंज उठीं दिल्ली की सड़कें

उत्तराखंड : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परमार्थ निकेतन में की गंगा आरती

उत्तराखंड : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने परमार्थ निकेतन में की गंगा आरती

ABVP 69th Convention : वैश्विक स्तर पर भारत की साख बनाने में भारतीय युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण – मुकुंद सी.आर.

ABVP 69th Convention : वैश्विक स्तर पर भारत की साख बनाने में भारतीय युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण – मुकुंद सी.आर.

उत्तराखंड को अटल जी ने बनाया मोदी जी ने संवारा : अमित शाह

उत्तराखंड को अटल जी ने बनाया मोदी जी ने संवारा : अमित शाह

दुनिया में खालिस्तानियों के लिए फंड एकत्रित करता था आतंकी ढाडी

दुनिया में खालिस्तानियों के लिए फंड एकत्रित करता था आतंकी ढाडी

दो वर्ष में काशी पुराधिपति के दरबार में रिकॉर्ड 12.92 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी

दो वर्ष में काशी पुराधिपति के दरबार में रिकॉर्ड 12.92 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई हाजिरी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • बोली में बुलेटिन
  • Web Stories
  • पॉडकास्ट
  • Vocal4Local
  • पत्रिका
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies