इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति डा. संगीता श्रीवास्तव की शिकायत के बाद प्रयागराज के पुलिस महानिरीक्षक कविन्द्र प्रताप सिंह ने आदेश दिया है कि “रात दस बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध रहेगा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति डा. संगीता श्रीवास्तव की शिकायत के बाद मस्जिद के लाउडस्पीकर से आने वाली अजान को पचास फीसदी कम किया गया था और मस्जिद कमेटी ने लाउडस्पीकर का मुंह घुमा कर दूसरी ओर कर दिया था. मीनार पर लगे लाउडस्पीकर को डा. संगीता श्रीवास्तव के घर की तरफ से हटा लिया गया था. अब प्रयागराज के पुलिस महानिरीक्षक कविन्द्र प्रताप सिंह ने आदेश दिया है कि “रात दस बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध रहेगा.” पुलिस महानिरीक्षक ने फतेहपुर, कौशाम्बी, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपद के जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को इस समबन्ध में पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय का भी हवाला दिया है.
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद में अजान देने को इस्लाम का हिस्सा तो माना है मगर लाउडस्पीकर के माध्यम से अजान देने को इस्लाम का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत वर्ष यह फैसला गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी एवं फर्रुखाबाद के सैय्यद मोहम्मद फैज़ल की याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया. अफजाल अंसारी ने जिलाधिकारी गाजीपुर एवं सैय्यद मोहम्मद फैज़ल ने जिलाधिकारी फर्रुखाबाद के उस आदेश को चुनौती दिया था जिसमे अजान पर रोक लगाई गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शशि कान्त गुप्ता एवं न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने कहा था कि लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का मजहबी हिस्सा नहीं है. केवल अजान देना, इस्लाम का धार्मिक भाग है. बगैर किसी लाउड स्पीकर का प्रयोग किये मस्जिद में अजान दी जा सकती है. इसलिए लाउड स्पीकर के माध्यम से अजान देने पर रोक बरकरार रहेगी. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अपने मूल अधिकारों के लिए किसी दूसरे के मूल अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया जा सकता. ध्वनि प्रदूषण मुक्त नींद का अधिकार मूल अधिकार का हिस्सा है.
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