डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद का कहना है कि यहां आकर मुसलमानों के लड़के मंदिर में आने वाली हमारी बच्चियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं अब हमें धमकी दी जा रही है कि जुम्मे के दिन मंदिर से ‘मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है’ वाला बोर्ड हटा दिया जाएगा
गाजियाबाद स्थित डासना के मंदिर के प्रवेश द्वारा पर ‘यह मंदिर हिन्दुओं का पवित्र स्थल है, यहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है।’ ऐसा लिखा हुआ बोर्ड लगाया गया है। जिसे इसके महंत या मुख्य पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के आदेश पर लगाया गया है। हाल ही में महंत के शिष्य ने एक मुस्लिम लड़के की पिटाई कर दी थी। वह वीडियो वायरल होने के बाद कथित सेकुलर मीडिया ने इस खबर को जोर—शोर से उठाया। पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर महंत के शिष्य श्रृंगी यादव व एक अन्य पुजारी पर कार्रवाई करके उन्हें जेल भेेज दिया था। अब दोनों की जमानत हो चुकी है। जब हमने इस संबंध में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे शिष्य श्रृंगी यादव ने बताया कि वह लड़का यहां आकर शिवलिंग का अपमान कर रहा था। इस कस्बे में 95 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। इस मंदिर पर कई बार हमले हो चुके हैं। उनसे पहले यहां रहने वाले महंतों को मार—पीटकर भगा दिया जाता था। हमने इसका विरोध करने का निर्णय लिया। नरसिंहानंद बताते हैं कि यहां आकर मुस्लिम लड़के मंदिर में आने वाली बच्चियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं।
यति नरसिंहनंद सरस्वती ने कहा कि बसपा सरकार के समय से ही यह बोर्ड लगा है। इसे किसी कीमत पर नहीं हटाया जाएगा। इससे पहले यहां के स्थानीय विधायक असलम चौधरी के बेटे ने भी यहां आकर एक हिंदू लड़की के साथ छेड़छाड़ की थी। तब उसकी भी यहां पर पिटाई हुई थी। मंदिर में कई बार डकैती हो चुकी है, अन्य घटनाएं भी यहां पर हो चुकी हैं। वह कहते हैं” जब हम उनकी मस्जिद में नहीं जाते तो उन्हें क्या अधिकार है कि वह हमारे यहां मंदिर में जबरन घुसे। यह बोर्ड दस साल से यहां लगा हुआ है किसी भी सूरत में यहां से बोर्ड नहीं हटेगा।
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