नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज एक बार फिर से विवादों में है। इस बार मामला पूजा भट्ट की ताजा रिलीज की गई वेब सिरीज बम्बे बेगम्स को लेकर है, जिसके बारे में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने नेटफ्लिक्स को एक नोटिस भेजा है और मांग की है कि इस सिरीज का प्रसारण रोका जाए। साथ ही इस संबंध में 24 घंटे में रिपोर्ट पेश करे। ऐसा ना करने पर आयोग कानूनी कार्रवाई कर सकता है।
शीर्ष बाल अधिकार संस्था एनसीपीसीआर द्वारा यह नोटिस, ओटीटी मंच नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज बम्बे बेगम्स में नाबालिगों द्वारा नशीले पदार्थों के सेवन और कैजुअल सेक्स के प्रदर्शन को लेकर भेजा गया है। आयोग को मिली एक शिकायत के बाद नेटफ्लिक्स को यह नोटिस भेजा गया है, जिसमें आयोग ने बच्चों के कथित अनुचित चित्रण पर आपत्ति जताई है और कहा है कि इस प्रकार की सामग्री से न केवल युवाओं के दिमाग पर बुरा असर पड़ेगा, बल्कि इससे बच्चों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण भी हो सकता है।
नशा, अश्लीलता और हिंदूफोबिक सामग्री
बता दें कि नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज बम्बे बेगम्स को लेकर दो ट्विटर हैंडल से आयोग को नाबालिगों के गलत चित्रण के संबंध में शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर यह कदम उठाया गया है। हैंडलकर्ताओं ने इस बात पर भी आपत्ति जताई थी कि सीरीज के कुछ हिस्सों में हिन्दुओं से जुड़ी गलत सामग्री भी परोसी जा रही है।
दो ट्विटर हैंडल की तरफ से इस वेब सीरीज में बच्चों के गलत चित्रण को लेकर शिकायत मिलने पर यह कार्रवाई की गई है। सीरीज में एक 13-14 वर्षीय छात्रा तथा कई अन्य बच्चों को एक पार्टी में खुलेआम शराब और ड्रग्स का सेवन करते हुए दिखाया गया है। एक सीन में यह भी दिखाया गया है कि एक छात्रा कक्षा में अपनी सहपाठी के निजी अंगों की मोबाइल फोन से बेधड़क फोटो खींच रही है, जिसे वह एक अपनी ही कक्षा के एक छात्र इमरान को भेजती है। उसे एक अन्य छात्रा को ये भी कहते हुए दिखाया गया है कि तुम अभी इतनी बड़ी नहीं हुई हो कि हम तुम्हारी फोटो लें। साथ ही यूजर्स ने सीरीज में भारतीय मानबिंदुओं से जुड़े कंटेट पर भी इशारा किया है, जिसमें दिखाया गया है कि कैसे एक तिलकधारी नेता हाथ में गीता थामे है और अपने सामने खड़ी एक महिला को उपदेश दे रहा है कि पुरुष की भावना की तृप्ति ही स्त्री का सर्वोच्च काम है।
हो सकती है कड़ी कार्रवाई
आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस में यह भी कहा गया है कि नेटफ्लिक्स को बच्चों के संबंध में या बच्चों के लिए किसी भी प्रकार की सामग्री को प्रसारित करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। बता दें कि इस नोटिस पर अगर सीरीज का प्रसारण बंद नहीं किया जाता है और 24 घंटों के भीतर अगर कोई विस्तृत रिपोर्ट नहीं भेजी जाती है, तो आयोग सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 के प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई के लिए बाध्य है।
नेटफ्लिक्स ने ‘बम्बे बेगम्स’ वेब सिरीज का प्रसारण 8 मार्च यानी महिला दिवस के मौके पर किया था। पांच महिला किरदारों पर आधारित यह सीरीज पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं के साथ न्याय और समान अधिकार की बात करती ही है, साथ ही सफलता की खातिर सब कुछ ताक पर रख देनी वाली महिलाओं पर कटाक्ष भी करती है। इस सीरीज की कहानी और निर्देशन अलंकृता श्रीवास्तव ने किया है जो इससे पहले लिप्सिटिक अंडर माई बुरका, मेड इन हैवन, डली किट्टी और वो चमकते सितारे जैसी महिला प्रधान या महिला आधारित विषयों एवं मुद्दों पर फिल्में-सीरीज बना चुकी हैं।
देश की संस्कृति को कर रहे हैं दूषित
इस ताजा मामले से एक बार और साफ हो गया है कि नेटफ्लिक्स और अमेजन प्राइम वीडियो जैसे ओटीटी मंच अब भी अपनी सीमा से बाहर जाकर देश की संस्कृति को दूषित करने का काम कर रहे हैं। हालांकि ओटीटी मंचों पर दिखाई जाने वाली समग्री को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा बीते माह एक गाइडलाइन की जारी की जा चुकी है, जिसमें यह साफ किया गया है कि खासतौर पर महिलाओं से संबंधित आपत्तिजनक सामग्री किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसी किसी सामग्री को तुरंत हटाना होगा और तय समय में एक रिपोर्ट भी देनी होगी। और नेटफ्लिक्स के लिए यह कोई पहला मौका नहीं है, जब हिंदू विरोधी कंटेंट इस मंच पर दिखाया गया हो। तांडव वेब सीरीज को लेकर अमेजन प्राइम वीडियो पहले से ही विवादों में है।
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