इमरान खान के ‘नए पाकिस्तान’ में एक बार फिर अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाया गया। एक हिंदू परिवार के पांच सदस्यों की कुल्हाड़ी और चाकू से काटकर निर्ममतापूर्वक हत्या की गई। मारने से पहले सभी की तेजधार हथियार से जीभ काटी गई। उनकी लाशें संदिग्ध अवस्था में उनके घर से बरामद की गईं। हत्या के बाद पाकिस्तान की पुलिस अब तक यह खुलासा नहीं कर पाई है कि हत्यारे कौन हैं और हत्या का उद्देश्य क्या है ? दूसरी तरफ इस घटना से पाकिस्तान का हिंदू समुदाय अंदर से हिला हुआ है। वे डरे-सहमे से हैं।
घटना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रहीम यार खान से पंद्रह किलोमीटर दूर अबुधाबी काॅलोनी के चक नंबर 135 पी की है। घर के मुखिया रामचंद्र मेघवाल अपने परिवार के चार अन्य सदस्यों के साथ संदिग्धावस्था में मृत पाए गए। सभी की कुल्हाड़ी और चाकू से वार कर हत्या की गई थी। उन सभी की चीभ कटी हुई थी। रहीम यार खान पुलिस को अब तक की जांच में यह अंदाजा तो हो गया कि हत्या का उद्देश्य केवल खौफ पैदा करना रहा है। क्योंकि लूट-पाट के कोई निशान घटना स्थल पर नहीं मिले हैं।
दूसरी तरफ दबी जुबान में वहां के लोग बता रहे हैं कि इलाके में मजहबी कट्टरपंथी भू-माफिया सक्रिय हैं। आए दिन दूसरे की संपत्ति पर कब्जा करने के लिए लोगों से मार-पीट करते रहते हैं। अबुधाबी काॅलोनी में हिंदुओं के भी कुछ परिवार रहते हैं, जिन्हें डरा-धमका कर उनके मकान को औने-पौने कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होने को दबाव बनाया जा रहा था। मगर वे इसके लिए तैयार नहीं थे।
पाकिस्तान के अखबार ‘द न्यूज इंटरनेशन’ के अनुसार हत्या के लिए जिन हथियारों का इस्तेमाल हुआ है, पुलिस ने उन्हें बरामद कर लिया है। इनमें चाकू और कुल्हाड़ी शामिल हैं। इस घटना को लेकर पाकिस्तान पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार उस्मान बुजदार ने अधिकारियों को जल्द हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं। पर घटना के दो दिन बाद भी उन्हें पकड़ा नहीं जा सका है। इस बारे में रहीम यार खान शहर के सामाजिक कार्यकर्ता बीरबल दास ने बताया कि जिस परिवार की हत्या की गई है, उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वह शांति से अपनी जिंदगी जी रहे थे।
दर्जी की दुकान चलाते थे रामचंद
सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि मृतकों में से एक का नाम रामचंद था, जो मेघवाल हिंदू थे। उनकी उम्र 35-36 साल के करीब थी। वह काफी लंबे समय से दर्जी की दुकान चलाते थे। रामचंद बेहद शांत व्यक्ति थे। खुशहाल जिंदगी जी रहे थे। यही वजह है कि इस घटना के बाद से हर कोई हैरानी व्यक्त कर रहा है। स्थानीय अखबार के अनुसार, पुलिस ने फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी है।
हिंदुओं का होता है उत्पीड़न
इससे पहले भी पाकिस्तान से इस तरह की घटनाएं सामने आती रही हैं। यहां अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय का जमकर उत्पीड़न किया जा रहा है। उनके घर की बच्चियां अगवा कर ली जाती हैं। उन्हें कन्वर्जन के लिए मजबूर किया जाता है। पाकिस्तान में जैसे-जैसे कट्टरपंथियों का प्रभाव बढ़ रहा है, अल्पसंख्यकों की जिंदगी वैसे-वैसे तंग होती जा रही है। बीते महीने सिंध प्रांत के पुलिसकर्मी ने हिंदू लड़की को अगवा कर लिया था। उससे निकाह करने से पहले जबरन उसका कन्वर्जन भी किया था।
सप्ताह भर पहले व्यापारी की हत्या
इससे पहले सिंध प्रांत के खैरपुर में तीन हथियारबंद लोगों ने हिंदू व्यापारी दीपक कुमार के घर में घुसकर ताबड़-तोड़ गोलियां चलाईं, जिससे उन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस मामले को लूट-पाट बता रही है, जबकि पड़ोसियों का कुछ और कहना है। उनके मुताबिक, कुछ लोग नहीं चाहते कि इलाके में हिंदू रहें और फले-फूलें। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के खैरपुर के शाही बाजार क्षेत्र में अच्छी संख्या में हिंदू बिरादरी के लोग रहते हैं। चूंकि अधिकांश व्यापार से जुड़े हैं, इसलिए इलाके के कट्टरपंथियों की हमेशा उन पर नजरें रहती हैं। वे नहीं चाहते कि हिंदू कौम यहां रहे और मेहनत-मजदूरी से आगे बढ़ें। इस कारण कट्टरपंथी उन्हें किसी न किसी बहाने परेशान करते रहते हैं। बताते हैं कि मजहबी गुंडों की शाही बाजार में रहने वाले माधो मल के पुत्र दीपक कुमार पर लंबे समय से नजर थी। दीपक इलाके के जाने-माने व्यापारी थे। दो दिन पहले रात में जब वह अपने घर में थे तीन बदमाश घुस आए और उनकी हत्या कर दी।
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