नीरव मोदी को बचाने का राहुल प्लान फेल, थिप्से और काटजू की लंदन की अदालत ने ली खबर
May 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

नीरव मोदी को बचाने का राहुल प्लान फेल, थिप्से और काटजू की लंदन की अदालत ने ली खबर

by WEB DESK
Feb 27, 2021, 01:32 am IST
in विश्व
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सेवानिवृत्त न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने भगोड़े नीरव मोदी का प्रत्यर्पण रोकने के लिए लंदन की अदालत में भारत की न्यायपालिका को भ्रष्ट कहा। बोले जांच एजेंसियां सरकार की ओर झुकाव रखती हैं

भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के लंदन से भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है. इसी के साथ कांग्रेस के आला नेतृत्व की धड़कनें तेज हो गई हैं. नीरव मोदी के भारत छोड़कर भाग जाने पर सबसे ज्यादा शोर मचाने वाली कांग्रेस ने ही नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण को लेकर सबसे ज्यादा रोड़े अटकाए. बांबे और इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज अभय थिप्से, जो कि 2018 में कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, ने नीरव मोदी के पक्ष में गवाही दी. कांग्रेस के एक और दुलारे सुप्रीम कोर्ट से रिटायर जज मार्कंडेय काटजू ने भी नीरव मोदी का भारत को प्रत्यर्पण न हो सके, इसके लिए गवाही दी. कांग्रेस को समर्पित दो पूर्व जज क्यों नीरव मोदी का भारत प्रत्यर्पण नहीं चाहते थे, इसे समझने के लिए कोई वैज्ञानिक होना जरूरी नहीं है. हालांकि इनकी खोखली दलीलें किसी काम नहीं आई, लेकिन कांग्रेस का भ्रष्टाचारी समर्थक चेहरा जरूर बेनकाब हो गया.

25 फरवरी को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में भारत को ब्रिटेन की अदालत में जीत मिली. अदालत ने नीरव मोदी की याचिका को खारिज कर दिया. साथ ही उसके भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी गई. लंदन के वेस्टमिंस्टर अदालत के जिला जज सैमुअल गूजी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नीरव मोदी को अपने खिलाफ मामले में भारतीय अदालतों के सामने जवाब देना है. अदालत ने कहा कि ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिल सके हैं, जिनसे ये संकेत मिले कि भारत में उसकी निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी. नीरव मोदी मार्च 2019 से वेंड्सवर्थ जेल में बंद है. नीरव मोदी हीरा कारोबारी था. उसने अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर फर्जी एलओयू के जरिये पंजाब नेशनल बैंक को 13000 करोड़ रुपए का चूना लगाया. लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दरअसल बैंक की गारंटी होते है. इसे विदेशी बैंकों से पैसा लेने के लिए जारी किया जाता है. बैंक ग्राहक को एलओयू (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी करने के दौरान इस बात पर सहमति व्यक्त करता है कि वह ग्राहक को दिये गए ऋण पर मूल राशि एवं ब्याज का भुगतान बिना किसी शर्त के करेगा. ये घोटाला कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2011 में शुरू हुआ. मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान के दौरान ये मामला पकड़ आया, तो 2018 में नीरव मोदी फरार हो गया था. वह वेश बदलकर लंदन में छिपा था. रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई थी.

नीरव मोदी पर सबसे ज्यादा शोर राहुल ने मचाया

नीरव मोदी मामला सामने आने के बाद कांग्रेस को लगा कि उसके हाथ तुरुप का इक्का लग गया है. घोटालों से बेदाग नरेंद्र मोदी सरकार में इस तरह का मामला सामने आने के बाद तो राहुल गांधी मानो बहक गए. कांग्रेस ने नीरव के मोदी सरनेम का भी दुरुपयोग जनता को ये संदेश देने में किया कि मानो सरकार ने उसे भगाया है. राहुल गांधी तो यहां तक पहुंच गए कि उन्होंने दिवंगत पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली तक पर आरोप लगा डाले. जेटली ने जब मुंह तोड़ जवाब दिया, तो कांग्रेस की जुबान खामोश हो गई. मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, तो सामने आया कि नीरव मोदी तो कांग्रेस का दुलारा था. पूरा घोटाला कांग्रेस सरकार के राजनीतिक संरक्षण में 2011 से शुरू हो गया था. जिस तरह का ब्योरा सामने आया, तो मानो कांग्रेस को सांप सूंघ गया. बहुत से दामन दागदार होते नजर आने लगे. इसके बाद कांग्रेस इस षडयंत्र में जुट गई कि नीरव मोदी का प्रत्यर्पण न हो. आप समझ सकते हैं कि चोर को कौन बचाता है. जाहिर है, उसका मौसेरा भाई. नीरव मोदी के भारत आने, यहां की जांच एजेंसियों और कानूनी प्रक्रिया का सामना होने की सूरत में कांग्रेस को डर लगने लगा कि इसकी आंच उसके शीर्ष नेतृत्व तक आएगी. इसी के लिए कांग्रेस ने नीरव मोदी को बचाने के लिए अपने प्यादे आगे कर दिए.

राहुल के विश्वस्त अभय थिप्से की नीरव मोदी के पक्ष में गवाही

बांबे उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय जज रहे अभय थिप्से रिटायर होते ही कांग्रेस में शामिल हो गए थे. वह राहुल गांधी के खासे करीबी माने जाते हैं. क्या ये सिर्फ इत्तफाक है कि अभय थिप्से नीरव मोदी के पक्ष में लंदन की अदालत में गवाही देने के लिए स्वयंभू तौर पर सामने आए. और जरा गौर कीजिए कि नीरव मोदी का भारत को प्रत्यर्पण न हो सके, उसके लिए उन्होंने क्या दलीलें दीं. अभय थिप्से ने नीरव मोदी के पक्ष में गवाही देते हुए कहा- भारतीय कानून के मुताबिक जब तक कि किसी के साथ धोखा न हो, तब तक धोखाधड़ी नहीं होगी. धोखाधड़ी के अपराध में धोखा अनिवार्य हिस्सा है. अगर एलओयू जारी होने से किसी के साथ धोखा नहीं हुआ है तो किसी कारपोरेट बॉडी के साथ धोखाधड़ी का सवाल ही नहीं है. बैंक के अधिकारियों को एलओयू जारी करने का जो अधिकार दिया गया है, उसे प्रॉपर्टी नहीं कहा जा सकता और उन्हें संपत्ति के साथ सुपुर्द करने के लिए भी नहीं कहा जा सकता. लिहाजा यह भरोसा तोड़ने वाला अपराध नहीं हो सकता. बता दें कि अभय थिप्से ने ही न्यायाधीश की कुर्सी पर रहते हुए 2015 में अभिनेता सलमान खान को जमानत दी थी.

थिप्से के बाद काटजू को मैदान में उतारा

थिप्से की गवाही से कोई खास बात नहीं बनी. इसके बाद सितंबर 2020 में उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने भारत से लाइव वीडियो लिंक के जरिए भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले में नीरव मोदी की ओर से गवाही दी. अब काटजू और नीरव मोदी का क्या संबंध हो सकता है, अंदाजा लगाना आसान है. क्यूं 13000 करोड़ के घोटाले में देश के स्वयंभू सबसे ईमानदार जज लंदन की अदालत में गवाही देते हैं. खैर जस्टिस सैमुअल गूजी ने काटजू की विस्तृत गवाही सुनी. काटजू ने तमाम लिखित और मौखिक दावे किए. जो शख्स खुद सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश रहा हो, वह लंदन की अदालत के सामने नीरव मोदी को बचाने के लिए क्या दलील देता है, गौर कीजिए. काटजू ने कहा- भारत में न्यायपालिका का अधिकांश हिस्सा भ्रष्ट है और जांच एजेंसियां सरकार की ओर झुकाव रखती हैं. लिहाजा नीरव मोदी को भारत में निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा. काटजू के इन दावों पर भारत सरकार की ओर से मुकदमा लड़ रही ब्रिटेन की क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने पलटवार किया. बैरिस्टर हेलेन मैल्कम ने सवाल किया, ”क्या ऐसा संभव है. आप स्वघोषित गवाह हैं, जो कुछ भी बयान दे सकते हैं.”

जज ने खोला काटजू और थिप्से का एजेंडा

जज सैम गूजी ने अभय थिप्से और मार्कंडेय काटजू की तरफ से भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के समर्थन में एक्सपर्ट के रूप में राय को पूरी तरह से खारिज कर दिया. जज गूजी ने दोनों को ही आड़े हाथ लिया.

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू की गवाही पर सवाल उठाए. गूजी ने काटजू के बयान को हैरान करने वाला, अनुचित और तुलनात्मक रूप से ठीक नहीं माना. उन्होंने कहा कि मेरी नजर में उनकी राय निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं थी. जज की टिप्पणियां ऐसी हैं कि काटजू को शर्मसार हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि काटजू ने भारतीय जूडिशरी में इतने ऊंचे ओहदे पर काम किया है. इसके बावजूद उनकी पहचान ऐसे आलोचक के रूप में रही है जिनका अपना एजेंडा होता है. मुझे तो उनके सबूतों के साथ ही उनका व्यवहार भी सवालों के घेरे में लगा. जज सैम गूजी ने काटजू की भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर की गई टिप्पणी का भी जिक्र किया. गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर काटजू ने फेसबुक पोस्ट में उनकी कड़ी आलोचना की थी. जबकि काटजू रिटायरमेंट के बाद खुद प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन रहे थे.

थिप्से के राजनीतिक एजेंडा पर चुटकी

जज गूजी ने थिप्से को लेकर पिछले साल मई में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस का जिक्र किया. रविशंकर प्रसाद ने थिप्से को राहुल गांधी का खास बताते हुए कांग्रेस की शह पर नीरव मोदी के पक्ष में गवाही देने के आरोप लगाए थे. जज ने कहा कि यह साफ था कि कानून मंत्री होते हुए भी यह प्रेस कॉन्फ्रेंस भाजपा का राजनैतिक पक्ष रखने के लिए थी. इसके बावजूद इसने खूब सुर्खियां बटोरी थीं. थिप्से रिटायरमेंट के बाद कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे. जज का इशारा था कि वह इस बात को लेकर सहमत हैं कि थिप्से का राजनीतिक एजेंडा है.

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

एआई से बनी फोटो (credit- grok)

पाकिस्तान: जहां बचपन से ही भरा जाता है बच्चों के दिमाग में हिंदुओं के प्रति जहर और वह भी किताबों के जरिये

Operation sindoor

भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई वार्ता, जानें क्या रहे मुद्दे

प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

“ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है”, राष्ट्र के नाम PM मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

PM मोदी का कड़ा संदेश: आतंक के खिलाफ भारत की नीति ऑपरेशन सिंदूर, पानी और खून साथ नहीं बहेगा, Pak से बात होगी तो POK पर

Operation sindoor

‘I Love India’ राफेल पर फ्रांस की गूंज से थर्राया पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन

बांग्लादेशी मूल की अंबिया बानो ने काशी में सनातन धर्म स्वीकार किया

लंदन में पली-बढ़ी बांग्लादेशी मुस्लिम महिला ने काशी में अपनाया सनातन धर्म, गर्भ में मारी गई बेटी का किया पिंडदान

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

एआई से बनी फोटो (credit- grok)

पाकिस्तान: जहां बचपन से ही भरा जाता है बच्चों के दिमाग में हिंदुओं के प्रति जहर और वह भी किताबों के जरिये

Operation sindoor

भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई वार्ता, जानें क्या रहे मुद्दे

प्रधानमंत्री मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

“ऑपरेशन सिंदूर न्याय की अखंड प्रतिज्ञा है”, राष्ट्र के नाम PM मोदी के संबोधन की मुख्य बातें

PM मोदी का कड़ा संदेश: आतंक के खिलाफ भारत की नीति ऑपरेशन सिंदूर, पानी और खून साथ नहीं बहेगा, Pak से बात होगी तो POK पर

Operation sindoor

‘I Love India’ राफेल पर फ्रांस की गूंज से थर्राया पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन

बांग्लादेशी मूल की अंबिया बानो ने काशी में सनातन धर्म स्वीकार किया

लंदन में पली-बढ़ी बांग्लादेशी मुस्लिम महिला ने काशी में अपनाया सनातन धर्म, गर्भ में मारी गई बेटी का किया पिंडदान

प्रतीकात्मक तस्वीर

पाकिस्तान की हिरासत में भारतीय महिला पायलट का फर्जी वीडियो वायरल, ये है पूरी सच्चाई

ट्रोलर्स का घृणित कार्य, विदेश सचिव विक्रम मिस्री और उनके परिवार की कर रहे ट्रोलिंग, महिला आयोग ने की निंदा

Indian army press breafing

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दिखाया आईना, कहा- हम अगले मिशन के लिए हैं तैयार

प्रतीकात्मक तस्वीर

पकिस्तान का भारतीय एयरफील्ड तबाह करने का दावा भी निकला फर्जी, वीडियो का 5 सेकंड का एडिट हिस्सा सबूत के तौर पर दिखाया

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies