गत 24 फरवरी को केरल स्थित अलपुझा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता 23 वर्षीय नंदु कृष्णा की हत्या कर दी गई थी। पहले तो पुलिस इस मामले को रफादफा और दो गुटों के संघर्ष में बदलने की कोशिश में लगी थी लेकिन भाजपा एवं अन्य सामाजिक संगठनों के दबाव के बाद पुलिस ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआइ) से जुड़े आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। ज्ञात हो कि एसडीपीआइ, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा है।
अलपुझा में रही दिनभर हड़ताल
भाजपा ने माकपा सरकार पर एसडीपीआइ को शह देने का आरोप लगाया है। राज्य में अराजकता की स्थिति और विरोध स्वरूप दिनभर हड़ताल रही। भाजपा ने संघ कार्यकर्ता की हत्या की निंदा करते हुए केरल सरकार पर आरोप लगाया है कि चूंकि सत्तारूढ़ माकपा का एसडीपीआइ से राजनीतिक गठजोड़ है, इसलिए केरल सरकार दोषियों का पक्ष ले रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने पीएफआई को आतंकी संगठन करार देते हुए राज्य सरकार से उसकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। वहीं वरिष्ठ भाजपा नेता और विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने भी आरोप लगाया है कि कम्युनिस्ट और कांग्रेस दोनों ही राज्य में अपना वोट बैंक बनाए रखने के लिए पीएफआई जैसे आतंकी संगठन को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार धार्मिक आधार पर ऐसी आतंकी गतिविधियों के खिलाफ जरूरी कदम उठाएगी।
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