वंदे मातरम देने वाले बंगाल में टीएमसी बांग्लादेश से ला रही है नारा
May 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

वंदे मातरम देने वाले बंगाल में टीएमसी बांग्लादेश से ला रही है नारा

by WEB DESK
Feb 24, 2021, 11:50 am IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जो बंगाल कभी राष्ट्रगान जन गण मन, राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम देता था वहां आज बांग्लादेश से नारे मंगाए जा रहे हैं। प्रांतवाद की खाईं खोदकर लोगों के मनों में जहर भरा जा रहा। हिन्दुओं के देश में क्षेत्रवाद के नाम पर देवी—देवताओं को बांटने की राजनीतिक महज राजनीति हथकंडा नहीं तो क्या है?

अब से कुछ माह में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की सभी राजनीतिक पार्टियां इन चुनाव को जीतने के लिए अपने-अपने तरह से प्रयास कर रही हैं। ऐसे में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव के मद्देनज़र “जय बांग्ला” और ‘खेला होबे’ का नारा दिया है। ये दोनों नारे मौलिक रूप से भारतीय नारे नहीं हैं। ये दोनों नारे बांग्लादेश से इम्पोर्ट करके भारत लाए गए हैं। वैसे ये पहली बार नहीं है, इससे पहले ममता बनर्जी बांग्लादेश से चुनाव प्रचार कराने के लिए अभिनेता भी मंगा चुकी हैं, लेकिन जब इस बार वो बांग्लादेश से अभिनेता नहीं मंगा पाईं है तो नारों से ही काम चला रही हैं। कमाल की बात ये है कि कभी देश को राष्ट्रगान जन गण मन और राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम और यहां तक की सैन्य अभिवादन के तौर पर बोले जाना वाला जय हिन्द तक देने वाला बंगाल था और आज वह ही बंगाल अपने लिए नारा भी विदेश से आयात करके मंगा रहा है।

इस पूरे मुद्दे का गहराई में चिंतन करेंगे तो पाएंगे कि ये बात सिर्फ इतनी सरल नहीं है कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी कोई नारा पड़ोसी देश से लेकर आई है। बंगाल का पूरा चुनाव बंगाल बनाम बाहरी के तर्ज पर लड़ा जा रहा है और कहीं न कहीं प्रांतवाद के विचार को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। जब 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में जय बांग्ला का नारा लगाया गया तो वो पश्चिमी पाकिस्तान और उर्दू भाषा के बांग्ला अस्मिता पर किए जा रहे अतिक्रमण के खिलाफ था। ये पाकिस्तान के पंजाब के उर्दू बोलने वाले जनरल और सेना द्वारा किए जा रहे नरसंहार के खिलाफ बंगाल के लोगों द्वार विरोध का स्वर था। लेकिन स्वतंत्र भारत में एक विधानसभा चुनाव में वह ही नारा लगाने का औचित्य समझ नहीं आता। न तो बंगाल में बांग्ला संस्कृति पर कोई अतिक्रमण हो रहा है और न ही बांग्ला भाषा का कोई अपमान कर रहा है और न उसके सामने कोई चुनौती है। इतिहास में बंगाल हमेशा राष्ट्रवाद के विचार का अग्रणीदूत रहा है। जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जय हिन्द का नारा बोला था, तो क्या उसमें जय बांग्ला समाहित नहीं था ?, जब बंकिम ने वंदे मातरम लिखा था तो क्या बंगाल की भूमि की वंदना उसमें शामिल नहीं थी? तो आज 2021 में ऐसा क्या हो गया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को वंदे मातरम और जय हिन्द के विचार को संकुचित करके उसे जय बांग्ला तक सीमित करना पड़ रहा है।

ये प्रांतवाद का भाव सिर्फ इसलिए ममता बनर्जी उठा रही हैं, ताकि इसको आधार बनाकर अपनी जाती हुई सत्ता बचा लें और प्रांतवाद की आग जलाने के लिए वो हिन्दू भगवानों को भी बांटने से पीछे नहीं हैं। कितनी ही बार टीएमसी और ममता बनर्जी ये बोल चुकी हैं कि बंगाल में जय श्री राम नहीं चलेगा क्योंकि यहां देवी की उपासना होती है। क्या सनातन हिन्दू देश के किस कोने में किस भगवान की पूजा करेगा, ये ममता बनर्जी या किसी सरकार को तय करने का हक है, या होना चाहिए। वैष्णव सांप्रदाय का बंगाल में बहुत पुराना इतिहास है। हिन्दी में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रामचरित मानस लिखने से करीब 100 वर्ष पूर्व बांग्ला के आदिकवि माने जाने वाले कृत्तिवास बांग्ला रामायण लिख रहे थे। इसके साथ ही “हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे’ जैसा महामंत्र देने वाले चैतन्य महाप्रभु भी बंगाल के ही थे। ऐसे में सिर्फ प्रांतवाद को भड़काने के लिए देवी पूजा को श्री राम के सामने खड़ा करने का प्रयास राजनीतिक हथकंडा नहीं तो क्या है?

भारत आज अपनी पांच हजार पुरानी संस्कृति के साथ खड़ा है। हर भारतीय के लिए भारत की सभी नदियां, पर्वत, जंगल, पहाड़ समान रूप से पूज्नीय हैं। ऐसे में छोटे स्वार्थ के लिए बाहर से कोई ऐसा विचार लेकर आना जो देश में सिर्फ क्षेत्रवाद की आग भड़काए वो राजनीतिक लाभ तो दे सकता है, लेकिन देश के लिए हमेशा नुकसान ही करेगा। ध्यान देने योग्य बात ये है कि इससे पहले आजादी-आजादी के नारे जो विभिन्न आंदोलन में दिल्ली में हमने सुने हैं वो सारे नारे किसी जमाने में पाकिस्तान में लगाए जाते थे और ये सारे नारे बाद में 90 के दशक की शुरुआत में कश्मीर में लगाए गए थे। इनकी कीमत बाद में कश्मीरी हिन्दुओं ने विस्थापित होकर चुकाई। इसलिए वह चाहे पाकिस्तान हो या बांग्लादेश, वो आजादी-आजादी के नारे हों या जय बांग्ला का नारा न तो ये देश हमारे लिए आदर्श हैं और न इन देशों के दिए नारे हमारे लिए आदर्श हो सकते हैं। भारत का चिंतन सबको तोड़ने या अलग करने का नहीं, सबको साथ लेकर चलने का है। इसलिए हमारा नारा भी सिर्फ जय हिन्द, वंदे मातरम और भारत माता की जय ही हो सकता है। जो सम्पूर्ण देश को एकता के सूत्र में पिरो दे। न की इस देश में अलगाववाद की आग लगाए।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

भोपाल लव जिहाद : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची भोपाल, 2 दिन करेगी जांच, पीड़िताओं से अपील

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में छंटनी

माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी, 6000 कर्मचारी होंगे प्रभावित, नौकरी का संकट, क्या AI बना वजह

सबक लें, ’डंप’ से बचें

Israel Hamas War Benjamin Netanyahu

नेतन्याहू का ऐलान: जब तक हमास का अंत नहीं होता, गाजा में युद्ध नहीं रोकेगा इजरायल

पाकिस्तान उच्चायोग का एक अधिकारी भारत से निष्कासित, ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित, भारतीय सेना की जानकारी लीक करने का आरोप

मप्र-महाराष्‍ट्र सरकार की पहल : देश को मिलेगा 5 ज्योतिर्लिंगों का सर्किट, श्रद्धालु एक साथ कर पाएंगे सभी जगह दर्शन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

भोपाल लव जिहाद : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची भोपाल, 2 दिन करेगी जांच, पीड़िताओं से अपील

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में छंटनी

माइक्रोसॉफ्ट में छंटनी, 6000 कर्मचारी होंगे प्रभावित, नौकरी का संकट, क्या AI बना वजह

सबक लें, ’डंप’ से बचें

Israel Hamas War Benjamin Netanyahu

नेतन्याहू का ऐलान: जब तक हमास का अंत नहीं होता, गाजा में युद्ध नहीं रोकेगा इजरायल

पाकिस्तान उच्चायोग का एक अधिकारी भारत से निष्कासित, ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित, भारतीय सेना की जानकारी लीक करने का आरोप

मप्र-महाराष्‍ट्र सरकार की पहल : देश को मिलेगा 5 ज्योतिर्लिंगों का सर्किट, श्रद्धालु एक साथ कर पाएंगे सभी जगह दर्शन

भाजपा

असम पंचायत चुनाव में भाजपा की सुनामी में बहे विपक्षी दल

Muslim Women forced By Maulana to give tripple talaq

उत्तराखंड : मुस्लिम महिलाओं को हज कमेटी में पहली बार मिला प्रतिनिधित्त्व, सीएम ने बताया- महिला सशक्तिकरण का कदम

वाराणसी में संदिग्ध रोहिंग्या : बांग्लादेशियों सत्यापन के लिए बंगाल जाएंगी जांच टीमें

राहुल गांधी

भगवान राम पर विवादित टिप्पणी, राहुल गांधी के खिलाफ MP–MLA कोर्ट में परिवाद दाखिल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies