रिंकू की मां श्रीमती राधा शर्मा के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। वे सुबकते हुए बताती हैं, ‘‘मेरे बेटे ने तो किसी का कुछ बिगाड़ा ही नहीं था कभी। हमेशा दूसरों की मदद करता रहता था। अभी सामने की लाइन में कोई गुजरा तो उस परिवार की भी पैसे से मदद की। राम का भगत था वो। राम मंदिर के लिए जोश से भरा रहता था। उन लोगों को यह पसंद नहीं था इसलिए खत्म कर दिया उसे।’’ रिंकू के छोटे भाई मन्नू ने हमें बताया, ‘‘पिछली 5 अगस्त को हमने राम यात्रा निकाली थी इलाके में। गली में लौटने पर रिंकू भाई ने अपने दोस्त से जय श्रीराम कहा तो नसरुद्दीन की बीवी ने उसे भद्दी भद्दी गालियां दीं, हमारी मम्मी को गुस्सा आया तो उन्हें उल्टा-सीधा बोला। बस तबसे हमें लेकर चिढ़ने लगे थे वो। पैसे और ताकत के बल पर हमारे खिलाफ शायद तभी से कुछ करने का सोचने लगे थे नसरुद्दीन और उसके चचेरे-ममेरे भाई। अभी 26 जनवरी को राम मंदिर निधि अर्पण को लेकर फिर राम-यात्रा निकाली थी हमने। उस दिन जनमदिन की पार्टी में झगड़ा भी उन्होंने ही खड़ा किया था और जब रात को भाई घर लौट रहा था तो रास्ते में हथियार सहित उसका पीछा करते हुए 10-12 की भीड़ घर तक आ पहुंची, झगड़ा हुआ और उन्होंने मार
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