अंतरराष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल कश्मीर मुदृदे को उछालने की फितरत को देखते हुए श्रीलंका ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को करारा झटका दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान अगले सप्ताह श्रीलंका की संसद में बोलने वाले थे, पर ऐन मौके पर श्रीलंका ने उनका कार्यक्रम रदृद कर दिया।
बात-बात में ‘कश्मीर राग’ अलापना का दुष्प्रभाव पाकिस्तान और दूसरे देशों के रिश्तों पर भी पड़ने लगा है। इस मुद्दे को पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा गलत ढंग से उठाने के कारण जहां सउदी अरब के प्रिंस सलमान अब तक नाराज चल रहे हैं, वहीं इसकी वजह से पाकिस्तान और श्रीलंका के दोस्ताना रिश्तों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता दिख रहा है। अंतरराष्ट्रीय मंचों का इस्तेमाल कश्मीर मुदृदे को उछालने की फितरत को देखते हुए श्रीलंका ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को करारा झटका दिया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान अगले सप्ताह श्रीलंका की संसद में बोलने वाले थे, पर ऐन मौके पर श्रीलंका ने उनका कार्यक्रम रदृद कर दिया। माना जा रहा कि श्रीलंका ने यह कदम केवल और केवल इसलिए उठाया क्योंकि इमरान खान इस मौके पर कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के विरोध में कुछ भी बोल सकते थे। ऐसे में श्रीलंका कतई नहीं चाहेगा कि उसके संबंध किसी बेकार के मुदृदे पर भारत से खराब हों। हालांकि, अधिकारियों ने पाकिस्तान को इसके लिए कोरोना संबंधी प्रतिबंधों का हवाला दिया है, लेकिन कोलंबो में इस मामले की जानकारी रखने वालों ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि सरकार ने इस बात पर दोबारा विचार किया है कि यदि इमरान अपने भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाते हैं तो इसका क्या असर होगा।
श्रीलंका के स्पीकर महिंद्रा अबेवर्देना ने पिछले सप्ताह राजनीतिक दलों के नेताओं को बताया था कि इमरान खान 22 फरवरी से दो दिवसीय दौरे पर संसद को संबोधित करेंगे। इमरान खान 24 फरवरी को संसद में बोलने वाले थे। खान राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे, प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे और विदेश मंत्री दिनेश गुनावर्देना से भी मुलाकात करने वाले थे।
सूत्रों की मानें तो, “लगता है संसद में संबोधन को लेकर पहले ठीक से विचार नहीं किया गया था। इमरान खान की ओर से कश्मीर मुद्दा उठाए जाने की संभावना को लेकर सरकार के भीतर काफी चर्चा हुई है। इसके बुरे असर की संभावना का आकलन करते हुए श्रीलंका ने इमरान खान के संबोधन को कैंसल करना ही बेहतर समझा।”
गौरतलब है कि पाकिस्तान की सरकार कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जाने के विषय को हर अंतरराष्ट्रीय फोरम पर उठाती है, पर हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है और दुनिया उसे अलग—थलग कर देती है। पाकिस्तान ने पिछले साल भारत की ओर से कोरोना महामारी पर बुलाई गई सार्क देशों की वुर्चुअल बैठक में भी यह रोना रोया था। कोलंबो गैजेट में छपी खबर के मुताबिक श्रीलंका के विदेश मंत्री ने अधिकारियों को बताया कि इमरान खान का संसद में संबोधन नहीं होगा। अन्य कार्यक्रम पहले से तय शेड्यूल के मुताबिक होंगे। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने श्रीलंका से गुजारिश की थी कि इमरान खान से संसद को संबोधित कराया जाए। श्रीलंका की संसद को इससे पहले 2015 में पीएम नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया था।
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