‘पिंजरे’ से निकली जिहाद की पोटली
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत दिल्ली

‘पिंजरे’ से निकली जिहाद की पोटली

बॉलीवुड के कई कलाकार ‘पिंजरा तोड़’ से जुड़ी छात्राओं के पक्ष में अभियान चला रहे हैं। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में भौतिकी की अध्यापक और वामपंथी इतिहासकार इरफान हबीब की पुत्रवधू आभादेव हबीब इन छात्राओं के समर्थन में सोशल मीडिया में खुलकर लिख रही हैं। यह भी पता चला है कि पिंजरा तोड़ आंदोलन की रूपरेखा बनाने में आभादेव हबीब की बड़ी भूमिका रही है।

by अरुण कुमार सिंह
Jun 14, 2020, 12:57 pm IST
in दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में सात आरोपपत्र कड़कड़डूमा अदालत में दाखिल कर दिए हैं। इनमें से कई आरोप पत्रों में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन और कुख्यात वामपंथी छ़ात्र नेता उमर खालिद को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है।

गत दिनों दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने फरवरी में दिल्ली में हुए दंगों के संबंध में सात आरोपपत्र कड़कड़डूमा अदालत में दाखिल कर दिए हैं। इनमें से कई आरोप पत्रों में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन और कुख्यात वामपंथी छ़ात्र नेता उमर खालिद को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। इसके साथ ही आरोपपत्र में ‘पिंजरा तोड़’ संगठन की चर्चा है। आरोपपत्र में कहा गया है कि उमर खालिद ने ही ‘पिंजरा तोड़’ संगठन के कार्यकर्ताओं को दंगे में शामिल किया था। इस आरोपपत्र से एक बार फिर यह बात साबित हुई है कि भारत को कमजोर करने के लिए वामपंथी और जिहादी तत्व मिलकर काम कर रहे हैं। ये लोग छोटे-छोटे शहरों से दिल्ली आकर पढ़ने वाली छात्राओं के मन में जिहादी जहर भरने की कोशिश करते हैं। कुछ लड़कियां उनसे प्रभावित भी हो जाती हैं और वे जैसा कहते हैं, वैसा करने लगती हैं। इसी जिहादी जहर की उपज नताशा नरवाल, देवांगना कलिता, सफूरा जरगर जैसी छात्राएं हैं। बता दें कि ये तीनों ‘पिंजरा तोड़’ नामक संगठन की संस्थापकों में से हैं।

नताशा और देवांगना जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्रा हैं, तो सफूरा जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पढ़ती है। नताशा मूल रूप से हरियाणा, देवांगना असम और सफूरा जम्मू-कश्मीर की रहने वाली है। नताशा पर फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचने का आरोप है। देवांगना पर आरोप है कि इसने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के लिए दरियागंज में लोगों को भड़काया था, जबकि सफूरा पर आरोप है कि उसने 22 फरवरी को दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सीएए के विरोध में बैठीं महिलाओं को उकसाया और बाद में दंगे भड़क गए, जिनमें 50 से अधिक लोग मारे गए। इन तीनों को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है। अभी नताशा दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है, तो देवांगना को 2 जून को जमानत मिल गई है। सफूरा अभी तिहाड़ जेल में है।

दिल्ली दंगों के दौरान ‘पिंजरा तोड़’ से जुड़ी कुछ लड़कियों को सोशल मीडिया का काम दिया गया था। उनका काम था, मुस्लिम महिलाओं तक निम्न बातें पहुंचाना –

  •  घर में खौलता हुआ पानी और तेल जमा करके रखें।
  •  मकान की सीढ़ियों पर तेल-शैम्पू-सर्फ आदि डालें।
  •  मिर्च का पाउडर रखेंं।
  •  तेजाब की बोतल घर में रखें।
  •  बालकनी और छत पर ईंट या पत्थर के टुकड़े रखें।
  •  घर के अंदर पेट्रोल जमा करके रखें।
  •  लोहे के दरवाजों में बिजली का करेंट लगाकर रखें।
  •  एक घर से दूसरे घर में जाने के लिए रास्ते का इंतजाम करें।
  •  घर के सारे पुरुष एक साथ घर न छोड़ें, कुछ लोग महिलाओं की सुरक्षा के लिए रुकें।

‘पिंजरा तोड़’ का जन्म

आरोपपत्र में ‘पिंजरा तोड़’ की चर्चा होने से इस गुट के संबंध में लोगों की जिज्ञासा बढ़ गई है। यह गुट 2015 में अस्तित्व में आया। उन दिनों नताशा और देवांगना दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ती थीं और सफूरा उस समय भी जामिया में ही पढ़ती थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्राध्यापक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ‘पिंजरा तोड़’ की जड़ दिल्ली विश्वविद्यालय का सेंट स्टीफेंस कॉलेज है। यहां की एक वामपंथी प्रोफेसर ने महिला छात्रावास में रहने वाली छात्राओं को भड़काया कि वे लैंगिक समानता के नाम पर छात्रावास में उसी तरह की आजादी की मांग करें, जैसी आजादी लड़कों के छात्रावास में होती है। यानी जब चाहें, तब बाहर जाने की इजाजत मिले, चाहे जिसे अपने कमरे में लाने की छूट मिले, कोई विरोध न करे आदि-आदि।

इस मांग को धार देने के लिए 2015 में दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू और जामिया के वामपंथी अध्यापकों ने कुछ छात्राओं को आगे करके एक गुट का निर्माण किया, उसे ही ‘पिंजरा तोड़’ के नाम से जाना जाता है। इस गुट का कोई लिखित नियम-कायदा नहीं है। इसलिए इसमें पदाधिकारियों के औपचारिक पद भी नहीं हैं। संगठन ने महिला छात्रावासों को ‘पिंजरा’ माना और उनके विरुद्ध अभियान चलाना शुरू किया। पिंजरा इसलिए माना गया कि छात्रावासों से रात आठ बजे के बाद किसी छात्रा को बाहर जाने की इजाजत नहीं थी और जो उससे पहले बाहर जाती थी उसे रात आठ बजे तक वापस छात्रावास में आना पड़ता था। यह छात्राओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक भी था, लेकिन वामपंथी प्राध्यापकों ने कुछ लड़कियों को ‘महिला समानता’ के नाम पर भड़का दिया। अध्यापकों की शह पाकर विभिन्न छात्रावासों में रहने वाली कुछ लड़कियां पढ़ाई-लिखाई छोड़कर आंदोलन करने लगीं। कई लड़कियों ने तो छात्रावास का ताला तोड़कर बाहर जाने का अपराध भी किया और गर्व से कहा, ‘‘हम लोगों ने पिंजरा तोड़ दिया।’’

महीनों तक यह आंदोलन चला। कभी किसी कॉलेज के बाहर, तो कभी किसी विश्वविद्यालय के सामने छात्राएं जमा होकर अपनी मांग के समर्थन में धरना-प्रदर्शन करने लगीं। आंदोलन को और प्रभावी बनाने के लिए इस गुट से लड़कों और पूर्व छात्रों को भी जोड़ा गया। लड़कों में ज्यादातर मुस्लिम हैं। इसके बावजूद यह मुहिम सफल नहीं हो रही थी। इसके बाद इन छात्राओें के समर्थक अध्यापकों ने अप्रत्यक्ष रूप से मोर्चा संभाला। इन लोगों ने छात्राओं की राह आसान बनाने के लिए सेकुलर लेखिका अरुंधति राय, पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार, गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी, सेकुलर अभिनेत्री स्वरा भास्कर जैसों को दिल्ली बुलाकर भाषण कराना शुरू किया। इससे आंदोलन को गति मिली और कॉलेज और विश्वविद्यालयों के प्रशासन के सामने गंभीर समस्या खड़ी हो गई। अंतत: कुछ विश्वविद्यालयों ने अपने महिला छात्रावासों के नियम बदल दिए।

इस आंदोलन की अगुआई नताशा, देवांगना और सफूरा जैसी लड़कियों ने की थी। जब इनकी मांगें मान ली गर्इं तो इनका ‘दुस्साहस’ सातवें आसमान पर पहुंच गया। इसके बाद इन लोगों ने हर उस आंदोलन में भाग लेना शुरू किया, जो देश, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और संघ विचार परिवार के विरुद्ध आयोजित होते थे। चाहे जेएनयू में देश-विरोधी नारा लगाने का मामला हो, चाहे जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने का मुद्दा हो, चाहे सीएए और एनआरसी के विरोध की बात, इन सबमें पिंजरा तोड़ अभियान से जुड़े छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। ऐसे छात्र अभी भी पुलवामा हमले की जांच की मांग करते हुए कहते हैं, ‘‘पुलवामा हमला भारतीय फौज की ही करतूत है। इसकी जांच होनी चाहिए।’’

दिल्ली में दंगा भड़काने के आरोप में जेल में बंद (बाएं से) नताशा नरवाल और सफूरा जरगर। देवांगना कलिता (सबसे दाएं) को हाल में जमानत मिली है

बॉलीवुड के कई कलाकार ‘पिंजरा तोड़’ से जुड़ी छात्राओं के पक्ष में अभियान चला रहे हैं। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में भौतिकी की अध्यापक और वामपंथी इतिहासकार इरफान हबीब की पुत्रवधू आभादेव हबीब इन छात्राओं के समर्थन में सोशल मीडिया में खुलकर लिख रही हैं। यह भी पता चला है कि पिंजरा तोड़ आंदोलन की रूपरेखा बनाने में आभादेव हबीब की बड़ी भूमिका रही है।

अब दिल्ली पुलिस ने भी कह दिया है कि दिल्ली के दंगों में पिंजरा तोड़ अभियान से जुड़े छात्रों की बड़ी भूमिका रही है। यह भी आरोप है कि पिंजरा तोड़ अभियान से जुड़े छात्रों ने शाहीन बाग के प्रदर्शन में भी भाग लिया था।

जब से इन छात्रों को पुलिस ने पकड़ा है, तब से इनके बचाव में सेकुलर फौज मैदान में उतर आई है। इन छात्रों की ‘मासूमियत’ और उनके भविष्य की दुहाई देकर इन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है, देशी-विदेशी अखबारों में लेख लिखे जा रहे हैं। बॉलीवुड के कई कलाकार इनके पक्ष में अभियान चला रहे हैं। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में भौतिकी की अध्यापक और वामपंथी इतिहासकार इरफान हबीब की पुत्रवधू आभादेव हबीब इन छात्रों के समर्थन में सोशल मीडिया में खुलकर लिख रही हैं।

यह भी पता चला है कि पिंजरा तोड़ आंदोलन की रूपरेखा बनाने में आभादेव हबीब की बड़ी भूमिका रही है। माकपा ने छात्रों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा है, ‘‘भारत सरकार कोरोना से लड़ाई छोड़कर, निर्दोष छात्रों से लड़ाई लड़ रही है।’’ माकपा ने दिल्ली पुलिस पर यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस केंद्र सरकार का मोहरा बन कर काम कर रही है। कुछ लोग इन छात्रों के समर्थन में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि शहरों में प्रदर्शन कर इन्हें छोड़ने की मांग कर रहे हैं। ऐसे बयानों और प्रदर्शनों को देशी-विदेशी सेकुलर मीडिया में पर्याप्त जगह भी मिल रही है। पाकिस्तानी मीडिया इन्हें उद्धृत करते हुए भारत के विरुद्ध दुष्प्रचार कर रहा है।

यानी पिंजरा तोड़ मुहिम से जो जहर निकला है, वह और गाढ़ा होता जा रहा है। लेकिन दिल्ली पुलिस ने आरोपपत्र के जरिए उस जहर को समाप्त करके भारत के शिक्षण परिसरों में मौके-बेमौके उग आने वाले देश विरोधी गुटों को कड़ा संदेश दिया है।

Topics: Pulwama attackriots in Delhicage'Indian Armyमहिला समानतापिंजरा तोड़पुलवामा हमला भारतीय फौजदिल्ली में दंगाBundle of Jihad emerged from 'Women's equalitybreaking the cage
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

भारत की स्वदेशी तोप MGS: 60 सेकंड में 6 राउंड फायर, गोला दागते ही जगह चेंज

Operation Sindoor: बेनकाब हुआ चीन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ऐसे कर रहा था अपने दोस्त पाक की मदद

Apache Helicopter

भारत की सैन्य ताकत में इजाफा: इसी माह भारत पहुंचेगी AH-64 अपाचे हेलिकॉप्टर की पहली खेप

Indian Army video on Operation Sindoor

Operation Sindoor: भारतीय सेना की पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी: ‘दोबारा जुर्रत की तो घर में घुसकर मारेंगे’

प्रतीकात्मक तस्वीर

ऑपरेशन सिंदूर और सेना के प्रति देश का आभार, आर्मी ने शेयर किया ये वीडियो

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies