‘आप’ की माफी नाकाफी!
May 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

‘आप’ की माफी नाकाफी!

by
Mar 26, 2018, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 26 Mar 2018 00:12:12

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस में गए नवजोत सिंह सिद्धू, इन दिनों दोनों को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि रंग बदलने में कौन ज्यादा माहिर है। केजरीवाल ने मानहानि के मुकदमों से बचने के लिए माफीनामे की राह अपनाई, जिस पर नेता हैं नाराज

आलोक गोस्वामी

बात 20 मार्च की सुबह की है। नई दिल्ली के पं. दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर आम आदमी पार्टी के दफ्तर के आगे दो ढोलची ढोल पीट रहे थे और आस-पास झाड़ू निशान वाली टोपी पहने 10-12 कार्यकर्ता सरीखे लोग खड़े थे। मुझे कौतूहल हुआ यह जानने का कि ढोल काहे के पीटे जा रहे हैं, कोई चुनाव-उनाव भी नहीं जीता केजरीवाल पार्टी ने। सो गाड़ी घुमाकर आआपा के दफ्तर से लगाकर कार्यकर्ता से दिखने वाले एक इनसान से पूछ बैठा, ‘‘काहे, ये ढोल काहे के पीटे जा रहे हैं, भाई?’’ पता नहीं वह पहले से कुनमुनाया बैठा था या कुछ और था, कि सवाल सुनते ही झल्ला पड़ा। कहना शायद कुछ और चाहता होगा, पर जबान दिल का गुबार सामने ले आई, बोला-‘‘माफी मांगने का जश्न मना रहे हैं, आपको कोई एतराज?’’ हमें काहे का एतराज था और होता भी क्यों। सो, एक प्रश्न और दागा-‘‘माने, खुश हैं आप लोग, अरविंद केजरीवाल के धड़ाधड़ माफी मांगने पर, क्यों?’’ ‘‘खाक खुश हैं, माफी मांगने के लिए पार्टी बनाए हैं क्या? और फिर यही करना था तो बोले ही क्यों पहले? मजीठिया पर इल्जाम लगाया, पलट गए। गडकरी को घेरा, पलट गए, सिब्बल को लपेटा, पलट गए। क्यों, हमें तो कुछ सूझ नहीं रहा है, ऐसा क्यों हो रहा है।’’ उस बेचारे कार्यकर्ता का कलेजा फटने को था जैसे।

‘पराए आंसुओं से आंखों को नम कर रहा हूं मैं
भरोसा आजकल खुद पर भी कम कर रहा हूं मैं।
बड़ी मुश्किल से जागी थी जमाने की निगाहों में
उसी उम्मीद के मरने का मातम कर रहा हूं मैं।’
— कुमार विश्वास, ट्वीट पर

ऐसी बुजदिली से माफी ही मांगनी थी तो फिर केजरीवाल ने 20 भ्रष्ट नेताओं की सूची जारी ही क्यों की थी?
— अंजलि दमानिया, पूर्व नेता, आआपा  

मजीठिया यह न मानें कि उन्हें ‘क्लीन चिट’ दे दी गई है। मैंने प्रधानी से इस्तीफा दिया है, लड़ाई नहीं छोड़ी है, वह जारी रहेगी।
— भगवंत मान, सांसद, आआपा

दरअसल बात यह है कि पंजाब में पिछले विधानसभा चुनावों के प्रचार के जोश में आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आदतन रौ में कह दिया था कि शिरोमणि अकाली दल के नेता, पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया का वहां के ड्रग माफिया के साथ चोली-दामन का नाता है। उनके इस बयान के बाद पंजाब की आआपा इकाई का जोश परवान चढ़ने लगा था और उन्हें लगने लगा था कि तुरुप का पत्ता चल दिया केजरीवाल ने, चुनाव तो अब जीते ही जीते। पर नतीजे केजरी पार्टी को चौंका गए। न बहुमत मिला, न वे मंत्रीपद, जो सपनों में तय कर लिए गए थे। मजीठिया चुप नहीं बैठे। अदालत पहुंच गए और उन्होंने केजरीवाल, संजय सिंह और आशीष खेतान के खिलाफ अमृतसर की अदालत में मुकदमा दायर कर दिया।
लेकिन, पिछले दिनों पार्टी प्रमुख अरविंद ने आदत के मुताबिक रंग बदल लिया। ‘अदालत के चक्कर लगाने से बचने के लिए’, उन्होंने मजीठिया के नाम माफीनामा लिख दिया, कहा कि बिना तथ्यों को जांचे हमने आपके विरुद्ध बयान दे दिया। इसके लिए माफी मांगते हैं। माफीनामे के शब्दों में कहें तो-‘‘अब मैं जान गया हूं कि सारे आरोप निराधार हैं, इसलिए मैं आपके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप और बयान वापस लेता हूं और उनके लिए माफी भी मांगता हूं।’’ केजरीवाल के व्यवहार को करीब से जानने वालों को भले उनके पलटने से हैरानी न हुई हो, पर केजरी पार्टी की पंजाब इकाई इससे सकते में आ गई। विरोध के स्वर गूंजने लगे कि ‘हमसे बात तो कर लेते ऐसा करने से पहले’। सबसे ज्यादा त्योरियां चढ़ीं पार्टी के पंजाब प्रधान और सांसद भगवंत मान की। उन्होंने तत्काल पार्टी की प्रदेश प्र्रधानी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ही नहीं, उप प्रधान अमन अरोड़ा ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। दोनों को इस बात से जबरदस्त नाराजगी है कि केजरीवाल ने प्रदेश इकाई से इस बाबत बात तक नहीं की। यही वजह है कि पार्टी में नाराजगी थमने की बजाय बढ़ गई है। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता आआपा विधायक सुखपाल खैरा मनाए नहीं मान रहे। उन्हें केजरीवाल का यह रुख अपमान जैसा लग रहा है। आलम यह है कि 18 मार्च को केजरीवाल ने पंजाब इकाई के नाराज विधायकों, नेताओं को बैठक करके मनाने के लिए दिल्ली बुलाया तो दो टूक उत्तर सुनने को मिला, ‘‘जिसे बात करनी है, यहां आकर करे, हम दिल्ली नहीं जाएंगे।’’ पार्टी के एक और बड़े माने जाने वाले नेता, जो केजरीवाल के करीबी भी बताए जाते रहे हैं, जरनैल सिंह भी केजरीवाल के माफी मांगने से खासे खफा हैं। उन्हें भी इस बाबत भनक नहीं लगने दी गई थी।
इस मुद्दे पर केजरीवाल से नाराज चल रहे सांसद भगवंत मान ने 20 मार्च की शाम पाञ्चजन्य से एक खास बातचीत में यह तो कहा कि पार्टी में टूट के आसार नहीं हैं, पर अगली ही सांस में वे यह जोड़ने से भी नहीं चूके कि मजीठिया यह न मानें कि उन्हें ‘क्लीन चिट’ दे दी गई है। मान की बात मानें, तो वे यह मुद्दा जिलाए रखेंगे कि मजीठिया के ड्रग माफियाओं से नजदीकी रिश्ते हैं। आखिर इस एक मुद्दे को लेकर ही तो वे सब पंजाब की जनता के सामने वोट मांगने गए थे। उन्होंने साफ कहा कि प्रधानी से इस्तीफा दिया है, लड़ाई नहीं छोड़ी है, वह जारी रहेगी। प्रदेश इकाई की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि केजरीवाल का ‘निरीह तरीके से नतमस्तक हो जाना पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण’ है। मान को यह पीड़ा है कि पंजाब इकाई के अध्यक्ष होने के बाद भी इतना बड़ा नीतिगत निर्णय उनसे सलाह लिए बिना कैसे ले लिया गया। अगर उनसे पूछा जाता तो वे क्या सलाह देते? इस सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि वे ऐसे किसी भी कदम से इनकार कर देते। वे मानते हैं कि अगर उनको किसी बात पर नाराजगी है तो उसे जताने का उन्हें पूरा हक है।
उधर राज्यसभा के सदस्य संजय सिंह तो पहले ही माफी मांगे जाने के मुद्दे से कन्नी काट चुके हैं। हालांकि वे कहते हैं कि इस बारे में उनसे भी कोई राय नहीं मांगी गई थी। लेकिन यहां मान की यह बात गौर करने वाली है कि न उनसे, न संजय सिंह से अभी तक (20 मार्च की शाम तक) केजरीवाल ने कोई बात की है। दरअसल माफी मांगे जाने के मुद्दे पर केजरीवाल ने मीडिया के सामने मुंह सिल रखा है क्योंकि वे जानते हैं कि एक बड़ा गुट उनके इस कदम से बेहद नाराज है। उन्होंने एक बार फिर (सत्येंद्र जैन और कपिल मिश्र प्रकरणों की तरह) अपने सबसे भरोसेमंद कामरेड और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आगे कर दिया है। सिसोदिया ने पंजाब के नेताओं को लाख समझाने की कोशिश की पर अंदर की खबर यह है कि केजरीवाल के इस कदम के पार्टी में गंभीर नतीजे निकल सकते हैं। कुछ कार्यकर्ता दबी जबान में यह भी कहते सुने गए हैं कि खैरा और मान शायद बगावती तेवर जारी रखने वाले हैं और यह रवैया प्रदेश इकाई के जोड़  ढीले कर देगा।   
 केजरी पार्टी के लिए पंजाब से उठती तपिश अभी धीमी भी नहीं पड़ी थी कि 19 मार्च को केजरीवाल ने दिल्ली की पटियाला हाऊस अदालत में दो माफीनामे और जमा कर दिए। एक केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा उनके खिलाफ चल रहे मानहानि के मुकदमे के संदर्भ में तो दूसरा पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के बेटे एडवोकेट अमित सिब्बल के मुकदमे के संबंध जो 2013 का एक आपराधिक मानहानि का मामला था। इसमें केजरीवाल और मनीष सिसोदिया, दोनों नामित थे इसलिए दोनों की तरफ से दिए गए माफीनामे में कहा गया है कि ‘निराधार आरोप’ लगाने के लिए दोनों माफी मांगते हैं। अतिरिक्त मुख्य दण्डाधिकारी समर विशाल को यह माफीनामा सौंपा गया था। गडकरी के खिलाफ भी अनाप-शनाप बयानबाजी करने के लिए दोनों द्वारा माफी मांगी गई थी।
दोनों ही मामलों में शाम होते-होते मुकदमे निरस्त होने की सूचना आ गई। पर बात यही खत्म हो गई हो, ऐसा लगता नहीं। इसका आधार हैं वे दो बातें, जो अपने अंदर की परतों में बहुत कुछ संकेत करती हैं। पहली, केजरीवाल के खिलाफ मानहानि, चुनाव प्रचार के दौरान पोस्टर, बैनर लगाने, धारा 144 का उल्लंघन करने और प्रदर्शन आदि के आरोप में 20 से ज्यादा मुकदमे चल रहे हैं। ये मुकदमे सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, तमाम दूसरे राज्यों, जैसे-उत्तर प्रदेश, महाराष्टÑ, असम, पंजाब, गोवा आदि में चल रहे हैं। ज्यादातर मामलों में खुद पेश होने की दरकार रहती है सो आआपा नेताओं को एक से दूसरे राज्य की अदालतों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। दूसरी बात, अभी हाल में दिए गए तीन माफीनामों के संदर्भ में मीडिया के सामने बयान देते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि वे इसे ‘अहम की लड़ाई’ नहीं बनाना चाहते। वे ‘जनता के लिए काम’ करना चाहते हैं। कोई उनसे पूछे कि जनता के लिए काम करने से उन्हें रोका किसने है। अगर अदालतों के चक्कर लगाने से उनका वक्त ‘बर्बाद’ हो रहा है तो क्यों वे लोगों पर निराधार आरोप लगाते हैं?
उपरोक्त दो बातों से जो तथ्य छनकर आ रहा है वह यह कि, एक, अभी करीब और 20 मामलों में केजरीवाल माफीनामे भरने वाले हैं। दो, सिसोदिया इस मुद्दे की आड़ में जनता के सामने मासूमियत भरा अंदाज पेश कर रहे हैं और खुद को ‘जनता का हितैषी’ साबित करने की गर्ज से ‘माफी तक से परहेज न करने वाला’ साबित करना चाहते हैं।
लेकिन खैरा और मान के अलावा भी  आआपा के कई मौजूदा और पहले के नेता केजरीवाल के इस कदम के खिलाफ खुलकर सामने आए हैं। इनमें दो नाम प्रमुख हैं। अंजलि दमानिया और कुमार विश्वास। दमानिया तिलमिलाकर कहती हैं, ‘‘ऐसी बुजदिली से माफी ही मांगनी थी तो फिर केजरीवाल ने 20 भ्रष्ट नेताओं की सूची जारी ही क्यों की थी?’’ उधर कुमार ने ट्वीट पर लिखा कि-‘अदालत में हाजिर हो सकूं, इसके लिए मैंने कई शो छोड़े हैं।…मैं इस लड़ाई को जारी रखने      वाला हूं।’ सात माह में केजरी पार्टी की तरफ से माफीनामों का यह दूसरा दौर है। 2017 के अगस्त महीने में हरियाणा के भाजपा नेता अवतार सिंह भड़ाना द्वारा दर्ज मानहानि के मुकदमे में भी केजरीवाल माफी मांग चुके हैं। उन्होंने 2014 में भड़ाना पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था। इसी तरह केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर केजरीवाल ने दिल्ली किक्रेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के नाते उन पर 13 साल तक भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था जिसके बाद जेटली ने उन पर मानहानि का मुकदमा किया था, जो आज भी लंबित है।
दिल्ली की जनता केजरीवाल के ताजा कदम को लेकर पसोपेश में है। राजनीति की थोड़ी सी भी जानकारी रखने वाले सवाल कर रहे हैं कि तो फिर केजरीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ जो 250 पेजों का भ्रष्टाचार का पुलिंदा तैयार किया था और जिस पर सवार होकर वे चुनाव जीते थे, क्या कल उस पर भी माफी मांग लेंगे? दिल्ली के पटेल नगर निवासी अशोक मेहता कहते हैं, ‘‘केजरीवाल को वोट दिया पर अब मलाल हो रहा है। यह छल नहीं तो क्या है?’’ ऐसे ही कुछ विचार नजफगढ़ के एक बुजुर्ग श्री रोशनलाल ने रखे। वे कहते हैं, ‘‘अब केजरीवाल की बात का क्या भरोसा किया जाए। कब पलटी मार ले, क्या पता। ’’
बहरहाल, दिल्ली वाले खुद को ठगा महसूस न करें तो क्या करें। आधी बाजू की बुशर्ट और ढीली पेंट के साथ चप्पल पहनने भर से कोई ‘ईमानदारी का पुतला’ नहीं हो जाता। मनमानी करने और किसी को भी धता बताने में यूं केजरीवाल पहले से मशहूर रहे हैं। अब इन माफीनामों की बयार ने और भी पर्दे उघाड़ दिए हैं। आने वाला वक्त और साफ करेगा कि पंजाब के नेताओं की तरह आआपा के और किन-किन जगहों के नेता बगावती तेवर अपनाने वाले हैं।    

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद, भारत सरकार का बड़ा एक्शन, तुर्किये के राष्ट्रपति की बेटी की है कंपनी

आतंकी आमिर नजीर वानी

आतंकी आमिर नजीर वानी की मां ने कहा था सरेंडर कर दो, लेकिन वह नहीं माना, Video Viral

Donald trump want to promote Christian nationalism

आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप ने माना- ‘नहीं कराई भारत-पाक के बीच मध्यस्थता’

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान फिर बेनकाब, न्यूक्लियर संयंत्र से रेडियेशन का दावा झूठा, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने दी रिपोर्ट

Boycott Turkey : जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने तोड़े तुर्किये से संबंध, JNU सहित ये संस्थान पहले ही तोड़ा चुकें हैं नाता

Waqf Board

वक्फ संशोधन कानून पर फैलाया जा रहा गलत नैरेटिव : केंद्र सरकार 

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद, भारत सरकार का बड़ा एक्शन, तुर्किये के राष्ट्रपति की बेटी की है कंपनी

आतंकी आमिर नजीर वानी

आतंकी आमिर नजीर वानी की मां ने कहा था सरेंडर कर दो, लेकिन वह नहीं माना, Video Viral

Donald trump want to promote Christian nationalism

आखिरकार डोनाल्ड ट्रंप ने माना- ‘नहीं कराई भारत-पाक के बीच मध्यस्थता’

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान फिर बेनकाब, न्यूक्लियर संयंत्र से रेडियेशन का दावा झूठा, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने दी रिपोर्ट

Boycott Turkey : जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने तोड़े तुर्किये से संबंध, JNU सहित ये संस्थान पहले ही तोड़ा चुकें हैं नाता

Waqf Board

वक्फ संशोधन कानून पर फैलाया जा रहा गलत नैरेटिव : केंद्र सरकार 

कोलकाता में फर्जी पासपोर्ट रैकेट में बड़ा खुलासा, 37 ने बनवाए पासपोर्ट और उनका कोई अता-पता नहीं

प्रतीकात्मक तस्वीर

ऑपरेशन सिंदूर: प्रतीकों की पुकार, संकल्प की हुंकार

पंजाब में कानून व्यवस्था ध्वस्त : विदेशी छात्र की चाकुओं से गोदकर हत्या

ये साहब तो तस्कर निकले : पंजाब में महिला पुलिसकर्मी के बाद अब DSP गिरफ्तार, जेल से चलता था ड्रग्स का व्यापार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies