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राष्टÑीय शैक्षिक महासंघ ने मनाया कर्तव्य बोध दिवस
अखिल भारतीय राष्टÑीय शैक्षिक महासंघ के तत्वावधान में पिछले दिनों नई दिल्ली के राजकीय बालिका उच्च विद्यालय, मुकुंदपुर में कर्तव्य बोध दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपशिक्षा निदेशिका सुश्री सी.पी. अस्ता,अध्यापक परिषद् के अध्यक्ष श्री जयभगवान गोयल एवं वक्ता के रूप में श्री जितेंद्र कुमार मेहता की गरिमामय उपस्थिति रही।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुश्री सी.पी.अस्ता ने कहा कि आज के समय शिक्षकों पर कार्यों का भार बढ़ गया है लेकिन शिक्षक अपने मूल कर्तव्य, छात्र के सर्वांगीण विकास को भली-भांति समझकर काम करें तो राष्टÑ अवश्य ही आगे बढ़ेगा। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित संस्कार भारती, दिल्ली प्रान्त के संगठन मंत्री श्री जितेंद्र कुमार मेहता ने कहा कि छात्र और शिक्षक एक दूसरे के प्रतिरूप होते हैं। इसलिए कर्तव्य पालन के बीच अपने व्यक्तिगत हित-अहित को कभी आड़े नहीं आने देना चाहिए। परिषद् के प्रांतीय अध्यक्ष जयभगवान गोयल ने कहा कि कर्तव्य एक भाव है जो शुद्ध अंत:करण से किया जाता है जबकि ‘ड्यूटी’ किसी के दवाब में होती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता दिनेश नागर ने की और परिषद् के उत्तरी जिला उपाध्यक्ष आनंद मिश्रा ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रतिनिधि
‘‘स्त्री शक्ति स्वरूपा है’’
‘‘हिन्दू सभ्यता में महिलाओं को सदैव पूजनीय और वंदनीय माना गया है। हजारों वर्षों से हम देवियों की पूजा करते आए हैं। ऋषि-मुनियों ने एवं प्राचीन ग्रंथों में स्त्री को शक्ति का दर्जा दिया गया है। स्त्री के कारण ही सृजन- सृष्टि की निर्मिति संभव है।’’ उक्त उद्बोधन राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने दिया। वे गत दिनों मुंबई के उत्तन में केशव सृष्टि में इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज (आईसीसीएस) द्वारा आयोजित छठे त्रैवार्षिक वैश्विक परिषद के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पद्मभूषण वेदप्रकाश नंदा, पद्मविभूषण सोनल मानसिंह सहित करीब 31 देशों से प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता के जाने-माने 250 से ज्यादा विद्वानों ने भाग लिया। उल्लेखनीय है कि इस वैश्विक परिषद का उद्देश्य सभ्यता का महत्व जानने वाले विद्वानों, धर्मगुरुओं को एक मंच पर लाकर भारतीय संस्कृति को विश्व से परिचित कराना है। (विसंकें, मुंबई)
‘‘जिनको भारत पसंद नहीं,वे देश छोड़ दें ’’
पिछले दिनों रांची के अनगड़ा में चिलदाग स्थित सहोवती देवी पब्लिक स्कूल में राष्टÑीय सुरक्षा जागरण मंच की झारखंड इकाई द्वारा ‘राष्टÑीय सुरक्षा एवं हमारा दायित्व’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं वरिष्ठ प्रचारक श्री इंद्रेश कुमार उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जिनको भारत पसंद नहीं है, वे देश छोड़कर चले जाएं। जो लोग तिरंगे को प्यार नहीं करते, पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाते हैं, ऐसे लोग देश-द्रोही हैं। इन लोगों को मौत की सजा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सात प्रांतों में आजादी की मांग शुरू हो गई है। जल्द ही पाकिस्तान सात भागों में बंट जाएगा, क्योंकि इस देश को लोकतंत्र नहीं, बल्कि सेना चला रही है। पाकिस्तान की सेना ही भारत के साथ रिश्ते को सामान्य नहीं होने देती है। कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि कुछ आंतरिक व बाहरी ताकतें देश को अस्थिर करने में लगी हैं। भारत को अस्थिर करने के लिए अंतरराष्टÑीय स्तर पर साजिश की जा रही हैं। इसका मुकाबला करने के लिए हमें पहले देश के सिद्धांत को मानना होगा। इसके लिए देश भर में जागरूकता अभियान चलाना होगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित जनरल आर.एन. सिंह ने कहा कि चीन के साथ 1962 में हुए युद्ध में भारत ने एयरफोर्स का इस्तेमाल किया होता तो परिणाम भिन्न होता। लेकिन पता नहीं, किन कारणों से उस वक्त एयरफोर्स का इस्तेमाल सरकार ने नहीं किया। चीन को हराने के लिए भारत के साथ हो रहे व्यापार को कम करना होगा। फिर देखिए, चीन की हेकड़ी निकलने लगेगी।
हर्षोल्लास से मनाई संत रैदास जयंती
श्री माधव सेवा समिति, जयपुर के तत्वावधान में पिछले दिनों हसनपुरा के तलाई वाले हनुमान मन्दिर में बड़े ही हर्षोल्लास से संत रैदास जंयती मनाई गई। इस अवसर पर बच्चों ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे विषयों पर लघु नाटक सहित अनेक मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ, राजस्थान क्षेत्र के सेवा प्रमुख श्री शिवलहरी ने कहा कि जिस प्रकार रैदास जी ने समाज को एक सूत्र में बांधने का काम किया था, हमें भी समाज को एक सूत्र में बांधने का काम करना होगा। हम भी एक बनें, श्रेष्ठ बनें। रैदास जी की कविताएं, उनके संस्कार सभी के लिए प्रेरणादायक हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों को पुरस्कार प्रदान किये गए।
साहित्य भूषण से सम्मानित किए गए डॉ.त्रिपाठी
जाने-माने साहित्यकार एवं श्री बड़ाबाजार कुमार सभा पुस्तकालय के अध्यक्ष ड़ॉ. प्रेम शंकर त्रिपाठी को पिछले दिनों लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर उ़ प्ऱ हिन्दी संस्थान द्वारा आयोजित एक विशेष समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा ‘साहित्य भूषण’ से सम्मानित किया गया। ड़ॉ. त्रिपाठी को यह सम्मान उनकी दीर्घकालीन विशिष्ट साहित्य रचना एवं हिन्दी सेवा के लिए प्रदान किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें एक ताम्रपत्र एवं 2 लाख रुपये का ड्राफ्ट भेंट किया गया। इनके अलावा श्री बल्देव भाई शर्मा, डॉ़ रामशरण गौड़, श्री वेदप्रकाश अमिताभ, ड़ॉ श्रीराम परिहार, प्रो़ सुरेन्द्र दुबे और डॉ. गणेश नारायण शुक्ल भी साहित्य भूषण से सम्मानित किए गए। ड़ॉ. त्रिपाठी जालान पुस्तकालय, बड़ाबाजार पुस्तकालय एवं अन्य कई संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़े हैं।
भारतीय भाषाओं की जननी है संस्कृत
पिछले दिनों लखनऊ महानगर में संस्कृत भारती एवं उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में संस्कृत सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मलेन में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संस्कृत को विश्व की प्राचीनतम भाषा कहा जाता है। यह सभी भारतीय भाषाओं की जननी है।
भारतीय संस्कृति को समझने के लिए संस्कृत का ज्ञान आवश्यक है क्योंकि ज्यादातर प्राचीन ग्रंथ जैसे रामायण, महाभारत, वेद, गीता, उपनिषद, आयुर्वेद आदि संस्कृत भाषा में लिखे गये हैं। संस्कृत हमारी वैचारिक परम्परा, जीवन दर्शन, मूल्यों व सूक्ष्म चिन्तन की वाहिनी रही है।
उन्होंने कहा कि संस्कृत में भाषा की शुद्धता तथा कम शब्दों में अपनी बात कहने की शक्ति अद्भुत है। मैं संस्कृत का विद्धान नहीं हूं पर उसके प्रति मेरे मन में आदर है, उसी को व्यक्त करने के लिए मैं कार्यक्रम में आया हूं।
1989 में जब मैं पहली बार लोकसभा में चुनकर गया था, तब अपने 23 साथियों के साथ मैंने संस्कृत में शपथ ली थी। उन्होंने इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रदर्शनी की विशेषता यह रही कि इसमें फलों, सब्जियों, खाद्य सामग्री, आभूषणों, वस्त्रों एवं पशुओं को उनके संस्कृत नाम से दर्शाया गया था। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉ़ वाचस्पति मिश्र, संस्कृत भारती के प्रांतीय अध्यक्ष श्री शोभन लाल, संस्कृत भारती के अखिल भारतीय महामंत्री श्रीश देवपुजारी सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। (विसंकें, लखनऊ)
स्वस्थ शरीर ही कर सकता है समाज का कार्य
राष्टÑ सेविका समिति के तत्वावधान में शरण्या संगठन द्वारा पिछले दिनों आंबेडकर बस्ती,करोल बाग में एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इसमें राष्टÑ सेविका समिति की दिल्ली प्रान्त कार्यवाहिका सुनीता भाटिया, ई.एस.आई. अस्पताल तथा मौलाना आजाद अस्पताल के अनुभवी चिकित्सकों ने सेवा कार्य किया। राष्टÑ सेविका समिति की प्रांत प्रचारिका विजया शर्मा ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि राष्टÑ सेविका समिति विगत कई वर्षों से समाज सेवा के कार्य में लगी है तथा स्वास्थ्य शिविर इसी कार्य का एक हिस्सा है। उन्होंने समिति का संक्षेप में परिचय देते हुआ कहा कि जब से इसकी स्थापना हुई तब से यह अनवरत देश सेवा में महिला सशक्तिकरण कार्य निर्बाध रूप से कर रही है। समाज के सभी घटक स्वस्थ हों, सुखी हों तभी कोई व्यक्ति समाज का कार्य कर सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए समिति ने स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया है।
(इंविसंकें, नई दिल्ली)
‘‘राष्टÑ की सर्वांगीण उन्नति करना संघ का लक्ष्य’’
राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ, हिमाचल प्रदेश के 20 दिवसीय शीतकालीन संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (सामान्य) का समापन किप्स में संपन्न हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्री रामेश्वर, हिमाचल प्रांत के संघचालक सेवानिवृत्त कर्नल रूपचन्द, कार्यक्रम अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस श्री भागमल नान्टा, वर्ग के वर्गाधिकारी श्री हेमराज शर्मा उपस्थित थे। वर्ग में हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, पंजाब व जम्मू कश्मीर के 364 शिक्षार्थियों ने कठोर व अनुशासित दिनचर्या में 20 दिन का प्रशिक्षण पूरा किया। समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री रामेश्वर ने कहा कि संघ व्यक्ति का चरित्र निर्माण कर समाज परिवर्तन करना चाहता है, जिसके माध्यम से व्यवस्था परिवर्तन कर राष्टÑ की सर्वांगीण उन्नति करना संघ का लक्ष्य है। नेता, नारा, नीति, पार्टी, सरकारों को बदलकर हमने देख लिया। लेकिन जब तक देश का प्रत्येक नागरिक सजग, अनुशासित व संगठित नहीं होगा तब तक देश विरोधी ताकतें देश तोड़ने का षड्यंत्र करती रहेंगी। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति व संगठन के सामूहिक संगठित प्रयत्न से इन विरोधी शक्तियों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। उन्होंने शिक्षार्थी स्वयंसेवकों सहित उपस्थित जनसमुदाय का आह्वान किया कि देश और समाज पर आने वाली किसी भी समस्या का सभी संगठित विरोध करेंगे, तब ही हम अपने देश को विश्व का एक श्रेष्ठ देश बना पाएंगे। ल्ल (विसंकें, कसौली)
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